
Yajya Held on the Occasion of Shri Krishna Janmashtmi

12 Aug 2020
Haryana, India
आरà¥à¤¯ समाज बोहर
शà¥à¤°à¥€à¤•ृषà¥à¤£ जनà¥à¤®à¤¾à¤·à¥à¤Ÿà¤®à¥€ के उपलकà¥à¤·à¥à¤¯ में आरà¥à¤¯ समाज बोहर की यजà¥à¤žà¤¶à¤¾à¤²à¤¾ में यजà¥à¤ž किया गया। यजà¥à¤ž के बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤¾ कृषà¥à¤£ देव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने यजà¥à¤ž पर उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤ जनसमूह को संबोधित करते हà¥à¤ कहा कि यदि हम चाहते हैं हमारे महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ का गौरव बचे तो उसके लिठहमें कà¥à¤› पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पारित करने होंगे। आरà¥à¤¯ समाज बोहर ने पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पारित किये गठजिसमें कहा गया कि कृषà¥à¤£ बचपन से ही ऋषि संदीपनी गà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤² चले गठथे । शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ गाय तो चराते थे लेकिन उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने न तो रासलीला की , न पनघट पर किसी की बहियां मरोड़ी,न चूड़ी बेची और न ही नहाती सà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के कपड़े चà¥à¤°à¤¾à¤à¥¤ बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤µà¥ˆà¤µà¤°à¥à¤¤ पà¥à¤°à¤¾à¤£ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° राधा शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ की मामी थी जिनके पति का नाम रायण था। अतः राधा के साथ उनका पà¥à¤°à¥‡à¤® पà¥à¤°à¤¸à¤‚ग जोड़कर संपूरà¥à¤£ संसà¥à¤•ृति को कलंकित न किया जाà¤à¥¤ उनकी à¤à¤• ही पतà¥à¤¨à¥€ थी देवी रà¥à¤•à¥à¤®à¤£à¥€ । कृषà¥à¤£ वेदजà¥à¤ž ,योगीराज, महान योदà¥à¤§à¤¾ ,बà¥à¤°à¤¹à¥à¤®à¤šà¤°à¥à¤¯ का पालन करने वाले , पà¥à¤°à¤¤à¤¾à¤ªà¥€ राजा थे। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ नपà¥à¤‚सकों जैसा ना दिखाया जाà¤à¥¤ कृषà¥à¤£ के नाम से समाज में रासलीला , नंगे नाच गानों पर तà¥à¤°à¤‚त पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लगाया जाà¤à¥¤ कृषà¥à¤£ देव शासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ ने कहा कि निषà¥à¤•लंक, पवितà¥à¤°à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾ शà¥à¤°à¥€ कृषà¥à¤£ का जो वासà¥à¤¤à¤µà¤¿à¤• पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¤¿à¤• पà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾à¤¦à¤¾à¤¯à¤• जीवन है , हमें उसका पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤° करना होगा तà¤à¥€ हम अपने महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¿à¤®à¤¾à¤¨ की रकà¥à¤·à¤¾ कर पाà¤à¤‚गे । यजà¥à¤ž पर सà¥à¤à¤¾à¤· पहलवान ,मोहन पहलवान , आरà¥à¤¯ समाज बोहर के पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ धनीराम आरà¥à¤¯ ,अजय आरà¥à¤¯ ,योगेश नांदल , विकास पहलवान ,साहिल पहलवान, पहलवान अधिक जांगड़ा, कालू पहलवान आदि मà¥à¤–à¥à¤¯ रूप से मौजूद रहे ।