
Book Bhartiya Kshatrya Dharm and Ahinsa Inaugurated

30 Sep 2020
Uttar Pradesh, India
विविध
1857 के अमर शहीद धनसिंह कोतवाल शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के ततà¥à¤µà¤¾à¤µà¤§à¤¾à¤¨ में डॉ राकेश कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¯ धरà¥à¤® और अहिंसा का विमोचन हà¥à¤†à¥¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• विमोचन के अवसर पर वेबीनार का आयोजन हà¥à¤†à¥¤ पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• विमोचन के अवसर पर पूरà¥à¤µ केंदà¥à¤°à¥€à¤¯ मंतà¥à¤°à¥€ और बागपत से बीजेपी के लोकसà¤à¤¾ सांसद डॉ सतà¥à¤¯à¤ªà¤¾à¤² ने कहा है कि देश के गौरव पूरà¥à¤£ इतिहास कर लेखन समय की आवशà¥à¤¯à¤•ता है, डॉ राकेश कà¥à¤®à¤¾à¤° आरà¥à¤¯ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ 'à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ कà¥à¤·à¤¾à¤¤à¥à¤° धरà¥à¤® और अहिंसा' नामक पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• à¤à¤¾à¤°à¤¤ के इतिहास के उन गौरवपूरà¥à¤£ तथà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करती है जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• षडà¥à¤¯à¤‚तà¥à¤° के अंतरà¥à¤—त हमारी नजरों से ओà¤à¤² किया गया है। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® की अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कर रहे पंडित बाबा नंद किशोर मिशà¥à¤° ने कहा कि डॉ. आरà¥à¤¯ की पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के अधà¥à¤¯à¤¯à¤¨ से यह तथà¥à¤¯ पूरà¥à¤£à¤¤à¤¯à¤¾ सिदà¥à¤§ हो जाता है कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ की अंतशà¥à¤šà¥‡à¤¤à¤¨à¤¾ में उसका वीरता का à¤à¤¾à¤µ निवास करता है । जिसने à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को कà¤à¥€ à¤à¥€ विदेशियों के सामने à¤à¥à¤•ने के लिठपà¥à¤°à¥‡à¤°à¤¿à¤¤ नहीं किया। वरिषà¥à¤ समाजसेवी और समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ पà¥à¤°à¥‹à¤«à¤¼à¥‡à¤¸à¤° डॉ राकेश राणा ने कहा कि राजनीति को राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤¨à¥€à¤¤à¤¿ बनाकर और राज धरà¥à¤® को राषà¥à¤Ÿà¥à¤° धरà¥à¤® बना कर चलना समय की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। जिससे हम तेजसà¥à¤µà¥€ राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ कर सकते हैं और à¤à¤¾à¤°à¤¤ को विशà¥à¤µ गà¥à¤°à¥ के पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤ ित पद पर सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ दिला सकते हैं। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ को फिर से विशà¥à¤µ गà¥à¤°à¥ बनाने के लिठउसके सà¥à¤µà¤°à¥à¤£à¤¿à¤® अतीत को और सही इतिहास को सामने लाने की आवशà¥à¤¯à¤•ता है और यह कारà¥à¤¯ इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के माधà¥à¤¯à¤® से लेखक दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ किया गया है। इस अवसर पर वरिषà¥à¤ समाजसेवी तथा विà¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ पà¥à¤°à¤¸à¥à¤•ारों से समà¥à¤®à¤¾à¤¨à¤¿à¤¤ पतà¥à¤°à¤•ार राकेश छोकर ने कहा कि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का सही इतिहास लिखा जाना इस समय à¤à¤• बड़ी चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ है, वीर सावरकर के सपनों का à¤à¤¾à¤°à¤¤ बनाना हम सब का सामूहिक लकà¥à¤·à¥à¤¯ है जिस के लिठयह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• निशà¥à¤šà¤¯ ही मील का पतà¥à¤¥à¤° साबित होगी। इस अवसर पर इतिहासकार देवेश शरà¥à¤®à¤¾ ने कहा कि राषà¥à¤Ÿà¥à¤° निरà¥à¤®à¤¾à¤£ अचà¥à¤›à¥‡ साहितà¥à¤¯ से ही संà¤à¤µ है। अचà¥à¤›à¥‡ साहितà¥à¤¯ में गौरवपूरà¥à¤£ à¤à¤¾à¤·à¤¾ शैली और अपने पूरà¥à¤µà¤œà¥‹à¤‚ के गौरव पूरà¥à¤£ कृतà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सही ढंग से पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤à¥€à¤•रण बहà¥à¤¤ आवशà¥à¤¯à¤• है। जिसे डॉकà¥à¤Ÿà¤° आरà¥à¤¯ की यह पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• पूरà¥à¤£ करती है। महिला शकà¥à¤¤à¤¿ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ करते हà¥à¤ सà¥à¤¨à¥€à¤¤à¤¾ गà¥à¤°à¥à¤œà¤° ने अपने विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि संसà¥à¤•ृत, संसà¥à¤•ृति, आरà¥à¤¯ ,आरà¥à¤¯à¤à¤¾à¤·à¤¾ और आरà¥à¤¯à¤¾à¤µà¤°à¥à¤¤ जब तक हमारी रगों में रच बस नहीं जाà¤à¤—ा, तब तक हम अपने गौरवपूरà¥à¤£ अतीत से संबंध सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ नहीं कर पाà¤à¤‚गे। इसके लिठअपने लेखकों का à¤à¤¸à¤¾ समूह देश में तैयार किया जाना समय की आवशà¥à¤¯à¤•ता है जो हमें हमारे शानदार अतीत से जोड़ने में सकà¥à¤·à¤® हो। कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® का संचालन कर रहे धनसिंह कोतवाल गà¥à¤°à¥à¤œà¤° शोध संसà¥à¤¥à¤¾à¤¨ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·, वरिषà¥à¤ समाजसेवी और बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ डॉकà¥à¤Ÿà¤° तसà¥à¤µà¥€à¤° सिंह चपराणा ने पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• के विषय में अपने विचार वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ करते हà¥à¤ कहा कि इस पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• का पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• पृषà¥à¤ कोई न कोई नया संदेश देता है। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कहा कि आज हमें अपने इतिहास पर शोध परक लेखन की आवशà¥à¤¯à¤•ता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इसी पà¥à¤°à¤•ार के शोधपरक लेखन से हम अपनी आने वाली पीढ़ियों को अपने सही इतिहास को देने में सफल होंगे। इस अवसर पर अनेकों विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥‹à¤‚, समाजशासà¥à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚, लेखकों, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपनी उपसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ कर कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤® को गरिमा पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ की ।