
Gayatri Mahayajya

12 Feb 2023
India
आरय समाज संचार नगर
महर्षि दयानन्द सरस्वती ने स्वधर्म, स्वभाषा, स्वराज्य-स्वतंत्रता का आंदोलन चलाया और अंधविश्वास, अनेक ईश्वरवाद, मूर्ति पूजा, छुआछूत, बालविवाह, सतीप्रथा, जातिवाद और वेदों के निरंतर ह्रास आदि का पुरजोर विरोध करते हुए वेदों का सही स्वरूप, वर्ण व्यवस्था, पुनर्विवाह, स्त्री शिक्षा, शूद्राधिकार, अग्निहोत्र, एक ईश्वरवाद, गौरक्षा, कृषि इत्यादि का शंखनाद किया | महर्षि दयानन्द सरस्वती ने अपने दूरदर्शी चिंतन से इन कुप्रथाओं को मनुष्य जाति से मुक्त करने का प्रयास किया | उपरोक्त विचार ब्यावर (अजमेर) से पधारे हुए पं. अमर सिंह वाचस्पति ने महर्षि दयानन्द सरस्वती के 199वें जन्मोत्सव के अवसर पर आर्य समाज मंदिर संचार नगर कनाडिया रोड, इंदौर में व्यक्त किए | गायत्री महायज्ञ के ब्रह्मा वैदिक विद्वान डॉक्टर अचार्य नरेंद्र अग्निहोत्री ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने विशेषत: मातृशक्ति को वेद मंत्र एवं यज्ञ करने का अधिकार दिया और कहा कि परमपिता परमेश्वर ने प्रत्येक मानव को वेद पढ़ने पढ़ाने का अधिकार दिया है | आचार्य विश्वामित्र दर्शनाचार्य ने कहा कि महर्षि दयानन्द सरस्वती ने कहा कि वेदों की ओर लोटो | वेद को पढ़ने पढ़ाने से ही वैदिक ज्ञान प्राप्त होगा और वैदिक ज्ञान से ही मानव मात्र का कल्याण संभव है | महर्षि दयानन्द के 199 वें जन्मोत्सव के अवसर पर इंदौर के अलावा देवास, उज्जैन, महू, रतलाम, ग्वालियर, भोपाल, खंडवा आदि अनेक नगरों से आए हुए ऋषि भक्तों ने गोमय 199 वें दीपकों का प्रज्वलन कर महर्षि दयानन्द सरस्वती को स्मरण किया | गुरु विरजानंद वैदिक गुरुकुल इंदौर ब्रह्मचारीयों के द्वारा संस्कृत में स्वागत गीत का गायन किया एवं महर्षि दयानन्द सरस्वती के प्रेरणादायक घटनाओं का वर्णन किया | वैदिक विद्वान डॉ आचार्य भानुप्रताप वेदालंकार ने कार्यक्रम का संयोजन करते हुए कहा कि जिस प्रकार से मिश्री को किसी भी जगह से चखे वह मिठी ही लगती है ऐसे ही महर्षि दयानन्द के जीवन की प्रत्येक घटना हमें प्रेरणा ही देती है | आर्य समाज के मंत्री श्री प्रवेश देवड़ा ने सभी का आभार धन्यवाद व्यक्त किया अंत में सैकड़ों ऋषि भक्तों ने ऋषि भंडारे का आनंद लिया |