Maharishi Dayanand Bodhotsav

07 Mar 2016
India
आरय समाज विजञान नगर

महर्षि दयानन्द सरस्वती महान समाज सुधारक थे। उन्होंने समाज को अंधविष्वास कुरीतियां एवं पाखण्ड के बंधन से मुक्ति दिलवाई। उक्त विचार ऋषि  बोधोत्सव के अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता आचार्य अग्निमित्र शास्त्री ने व्यक्त किये।
 à¤¶à¤¿à¤µà¤°à¤¾à¤¤à¥à¤°à¥€ के अवसर पर आर्यसमाज विज्ञाननगर में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि शिवरात्री के अवसर पर हुए आत्मबोध ने ही बालक मूलशंकर को महर्षि दयानन्द सरस्वती बनाया। शिवरात्री को घटी घटना से उन्हें परमात्मा के सत्य स्वरूप को जानने की प्रेरणा मिली।
इस अवसर पर डीएवी के धर्म शिक्षक पं. शोभाराम आर्य ने कहा कि महर्षि दयानन्द ने वेदों का भाष्य  कर मानवता के लिए महान कार्य किया है। स्वामी दयानन्द ने विधवा विवाह, बाल विवाह रोकथाम आदि अनेक कार्य किये।
इससे पूर्व कार्यक्रम का प्रारंभ आचार्य अग्निमित्र के ब्रह्मत्व में देवयज्ञ के साथ हुआ। यज्ञ में उपस्थित यज्ञमानों ने वेदमंत्रों के साथ आहुतियां दी।
यज्ञ के उपरान्त मुख्य कार्यक्रम में श्रीमती उषा भटनागर श्रीमती मानकंवर बल्दुआ एवं श्रीमती सुमनबाला सक्सेना ने महर्षि दयानन्द के जीवन एवं कार्यों से सम्बंधित भजन प्रस्तुत किये। इसी क्रम में चन्द्रप्रकाश भारद्वाज, मानसी चढ्डा ने रोचक भजन प्रस्तुत किया।
आर्यपुत्री विभूति वासुदेव ने प्रभुभक्ति का भजन सुनाकर सभी को भावविभोर कर दिया।
इस अवसर पर कोटा नगर की विभिन्न आर्य समाजों के पदाधिकारी, सदस्य एवं पतंजलि योग समिति के पदाधिकारी, सदस्य एवं बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
आर्यसमाज विज्ञाननगर के प्रधान जे.एस.दुबे ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी आगंतुक महानुभावों का आभार व्यक्त किया।

 

62th Annual Function

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