Teachers workshop held in Birla Arya Girls Senior Secondary School

28 Jun 2016
Delhi, India
बिड़ला आरय गरलस सीनियर सेकेंडरी सकूल

आर्य विद्या परिषद दिल्ली द्वारा ग्रीष्मावकाश के दौरान आर्य विद्यालयों के शिक्षकों की एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। 

28 जून 2016 को बिड़ला आर्य गर्ल्स सी. सै. स्कूल में उत्तरी दिल्ली क्षेत्र के अध्यापक/अध्यापिकाओं के लिए कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस अवसर पर इस विद्यालय के मैनेजर श्री योगेश आर्य, प्रधानाचार्या श्रीमती सुनीता खुराना, शादीखामपुर स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती नीरज मेंहदीरत्ता, लाली बाई स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती शशि बरगा एवं आर्य वीर मॉडल स्कूल बादली की प्रधानाचार्या श्रीमती उर्मिल मनचन्दा, दाउदयाल स्कूल नया बांस, आर्य कन्या स्कूल चावड़ी बाजार, की लगभग 110 शिक्षक/शिक्षिकाओं ने भाग लिया। श्रीमती वीना आर्या एवं श्रीमती तृप्ता शर्मा जी भी उपस्थित थीं।

आर्य विद्या परिषद के प्रस्तोता एवं महान शिक्षाविद् श्री सुरेन्द्र रैली जी ने कार्यशाला का प्रारम्भ नमस्ते जी एवं गायत्री मंत्र, अर्थ सहित, के साथ किया। उन्होंने कहा ब्रह्ममुहूर्त का अर्थ है ईश्वर को याद करना। ब्रह्म अर्थात् ईश्वर, इसलिए ईश्वर को स्मरण करके कोई भी शुभ कार्य आरम्भ करना चाहिए। वही ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है। ओम् ईश्वर का निज नाम है। अ अकार, अर्थात् ईश्वर ने हमें जीवन दिया, उ उकार, वही हमारे जीवन को चला रहा है, म मकार अर्थात् अन्त में वही इसे वापस ले लेगा। इसी को आधार बनाते हुए रैली जी ने ओम नाम ओम नाम सबसे प्यारा है।सब प्राणियों के जीवन का इक यही सहारा है। भजन के माध्यम से ईश्वर के वास्तविक स्वरूप को दर्शाया। रैली जी ने यह भी बताया कि अगर हम क्लास में सबसे कमजोर बच्चे की तरफ ध्यान देंगे तो पूरी क्लास का विकास होगा।  à¤¶à¥à¤°à¥€ सुरेन्द्र रैली जी ने अपने सम्बोधन में यह भी बताया कि हमें समस्या को समस्या न मानते हुए उसे चुनौती मानना चाहिए अर्थात् हमें समस्या का समाधान स्वयं ही ढूंढ कर आगे की ओर अग्रसर होना चाहिए।

Foundation Stone of Mahashay Dharampal Sanskrit Chatravaas

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