17th Arya Parivar Yuvak Yuvati Parichay Sammelan

22 Jan 2017
India
दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा

सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा के निर्देशन में दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के तत्वाधान में 17वां आर्य युवक-युवती परिचय सम्मेलन 22 जनवरी 2017 को अशोक विहार-1 में हर्षोल्लास के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम का शुभारम्भ वेद मंत्रों के साथ अतिथियों द्वारा सामूहिक दीप प्रज्ज्वन करके किया गया। तदुपरान्त आर्य समाज अशोक विहार-1 के पधाधिकारियों एवं राष्ट्रीय संयोजक श्री अर्जुन देव चढ़डा व दिल्ली संयोजक श्री एस.पी. सिंह द्वारा अथितियों सर्वश्री सत्यपाल आर्य जी, अजय सहगल, धर्मपाल  à¤†à¤°à¥à¤¯, श्रीमती वीना आर्य, हर्षप्रिय आर्य, श्रीमती विभा आर्य, श्रीमती आरती आर्य, विनय आर्य का पटका, राजस्थानी पगड़ी व शॉल पहनाकर स्वागत किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री प्रेम सचदेवा प्रधान आर्य समाज अशोक विहार-1 ने की।

कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि श्री अजय सहगल जी ने कहा ‘इस तरह के सम्मेलनों की

आवश्यकता क्यों पड़ी। जो बच्चे बचपन से ही आर्य समाज में आते रहे, उनके युवा होने पर उनको अपने समान जीवन साथी की तलाश रहती है। मूलभूत बात यह है कि जहां आर्य परिवार नहीं मिलते उनके बीच सामंजस्य बैठाने के लिए मैं आधे घण्टे का शेशन देता हूं।’ श्री सहगल ने सुखी जीवन का मूल मंत्र बताते हुए कहा कि ‘‘बुजुर्ग इज्जत चाहते हैं और आपको मुफ्त में आशीर्वाद पाना है।

इसके लिए सास बहू को समझाने का एक गुरुमंत्र है कि बहू को सुबह उठकर सास के पैर छूने हैं और सास ने बहू को आशीर्वाद देना है। फिर देखिए सामजस्य स्वतः ही स्थापित हो जाएगा।’’ श्री सहगल अपनी बात को गति देते हुए कहा कि ‘‘यह परम्परा बहुत पुरानी है। पहले स्वयंवर हुआ करते थे आज यह मंच है। पर यह सौभाग्य मुझे प्राप्त नहीं हुआ सीता जी को हुआ था। पर आप लोग बड़े लकी हैं कि आप ये मौका प्राप्त हो रहा है कि स्वयं अपनी पसंद का वर या वधु का चयन करें। मेरी शुभकामनाएं आपसे साथ हैं।’’दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा प्रधान श्री धर्मपाल आर्य जी ने कहा ‘‘जीवन का एक फलसफा है जो सबको समझ

लेना चाहिए। हर व्यक्ति चाहता है हमें बहुत कुछ मिले लेकिन हर व्यक्ति को सब कुछ नहीं मिलता। कुछ प्रमुख चीजों को सोचें उन्हें तय कर लीजिए तो वह जरूर मिलता है।’’ दिल्ली सभा महामंत्री श्री विनय आर्य जी ने सभी आगन्तुकों का स्वागत करते हुए कहा कि ‘सबसे पहले हमें ऐसे प्लेटफार्म की आवश्यकता थी जहां पर सुयोग्य युवक-युवतियों की तलाश प्रारम्भ की जाये। इस विचार को सार्थक करने का प्रयास किया गया जो सफल रहा और आज यह हमारा 17वां परिचय सम्मेलन है जो दिल्ली में आयोजित किया जा रहा है। परिचय सम्मेलन की सफलता का आकलन इस बात से भी किया जा सकता है कि दिल्ली केवल दिल्ली के परिवार ही नहीं बल्कि बिहार, हरियाणा आदि राज्यों के परिवार भी अपने बच्चों के साथ आज के इस

सम्मेलन में हिस्सा ले रहे हैं।’’ श्री विनय आर्य जी ने बताया कि ‘‘आर्य समाज की वेव साईट में  Matrimony के अन्तर्गत आशातीत Registration हो रहे हैं जिसके माध्यम से आर्य परिवारों में अनेक रिश्ते तय हुए हैं। अभी हाल ही में दो शादियां दिल्ली में जनवरी माह में होने वाली हैं जिनके रिश्ते पिछले आर्य परिचय सम्मेलन के दौरान तय हुए थे।’’ संयोजक श्री एस.पी. सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि समान गुण, कर्म और स्वभाव वाले युवक एवं युवतियों के लिए। एक बात विशेष रूप से मैं कहना à¤šà¤¾à¤¹à¤¤à¤¾ हूं कि आप अपने विवाह योग्य बच्चों को जरूर लाएं क्योंकि जो बात यहां विद्वानों द्वारा समझाई जाती है वह आप स्वयं अपने बच्चों को नहीं समझा सकते। यहां पर सभी आर्य परिवार के सदस्य हैं इस लिए मांसाहारी-शाकाहारी, मांगलिक-अमांगलिक, जाति-पांति दहेज आदि की बात यहां कहना निरर्थक है

क्योंकि प्रत्येक आर्यसमाजी शाकाहारी होता है और वह जाति-पांति के भेदभाव से दूर होता है।’’

राष्ट्रिय संयोजक श्री अर्जुन देव चढ्डा जी ने कहा कि ‘‘दहेज विहीन समाज बनाना आर्य समाज का एक महत्वपूर्ण कार्य रहा है और यह सम्मेलन उसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा दिल्ली के निर्देशन में दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा न केवल दिल्ली अपितु भारत के विभिन्न राज्यों में अब तक 16 परिचय सम्मेलन आयोजित किये जा चुके हैं। इसी कड़ी में ये 17वाँ सम्मेलन है। खुशी à¤•à¥€ बात यह है कि इन सम्मेलनों के माध्यम से अब तक लगभग 900 परिवार के आपस में रिश्ते सम्पन्न हो चुके हैं। हमारा उद्देश्य है कि महर्षि दयानन्द के कथनानुसार हम आर्य बने तथा विश्व को आर्य बनावें। इस हेतु केवल आप ही नहीं बल्कि अपने मित्रों, रिश्तेदारों के बच्चों के रिश्तों के लिए उन्हें यहां आमन्त्रित à¤•à¤°à¥‡à¤‚, उन्हें यहां आने के लिए प्रेरित करें।’’ कार्यक्रम का संचालन श्री हर्षप्रिय आर्य व श्रीमती विभा आर्य एवं श्रीमती वीना आर्या जी द्वारा बड़े ही सहज रूप से किया गया। विवाह योग्य युवक- युवतियों ने बड़े आत्मविश्वास के साथ अपना परिचय दिया तथा वे कैसा जीवन साथी चाहते हैं। इसकी खुलकर चर्चा à¤•à¥€à¥¤

इसके साथ एक विशेष बात इस परिचय सम्मेलन में देखने को मिली जहां एक ओर युवक-युवतियों ने बेझिझकअपनी पसन्द-ना पसन्द को लोगों के समक्ष रखा। वहीं उन्होंने यह भी बताया कि वे किस आर्य समाज से सम्बह् हैं और वे आर्य समाज के प्रति कितने सजग हैं। सभा की ओर से पंजीकृत युवक- युवतियों के विवरण की एक पुस्तिका भी प्रकाशित की गई। सम्मेलन में लगभग 40 युवक-युवतियों के पंजीकरण किये गये व लगभग 32 परिवारों ने आपसी बातचीत कर रिश्तों की बात को आगे बढ़ाने के लिए आपस में चर्चा की। सभा की ओर से तत्काल Registration की व्यवस्था अन्तर्गत स्टाल लगाया गया जिसमें पूछताछ, Registration, विवरण पुस्तिका, बैज वितरित किये गये। स्टाल संचालन में कु. हविषा आर्या, कु. परिणीता आर्या, श्रीमती विभा आर्या, श्रीमती वीना आर्या, श्री मनोज नेगी का विशेष सहयोग रहा। पंजीकरण के लिए प्रातः से ही पंजीकरण कराने वालों का तांता लगा हुआ था। कार्यक्रम के समापन अवसर पर संयोजक श्री अर्जुन देव चढ्डा ने श्री प्रेम सचदेवा प्रधान आर्य समाज अशोक विहार-1 को रुद्राक्ष का एक पौंधा भेंट कर पर्यावरण सम्बन्धी अपनी नीतियों को दर्शाया। आर्य समाज अशोक विहार-1 की ओर से सभी मेहमानों के लिए चाय-नाश्ते के साथ-साथ भोजन की व्यवस्था की गई।

- एस. पी. सिंह, संयोजक

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