Schools Workshop

29 Jun 2017
India
आरय विदया परिषद

आर्य विद्या परिषद दिल्ली द्वारा रघुमल आर्य कन्या सी.सै. स्कूल, राजा बाजार में मध्य दिल्ली के विद्यालयों की वर्कशाप सम्पन्न |

वर्कशाप टीचर्स के सीखने का सही मंच-डॉ. महेश विद्यालंकार

यज्ञ विज्ञान है प्रदूषण रूपी महाराक्षस को केवल यज्ञ द्वारा ही दूर किया जा सकता है - श्री विनय आर्य

शिक्षक ही देश का रोल मॉडल होते हैं - श्रीमती अनु वासुदेव

29 जून बृहस्पतिवार 2017 को रघुमल आर्य कन्या सी.सै. स्कूल राजा बाजार के सभागार मे आर्य विद्यालयों की कार्यशाला सम्पन्न हुई। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधान श्री अरुण प्रकाश वर्मा, मैनेजर श्री संजय कुमार, श्रीमती किरण तलवार, कर्नल रविन्द्र वर्मा, श्री नरेन्द्र सिंह हुड्डा, श्रीमती उषा रिहानी, श्रीमती वीना आर्या, श्रीमती तृप्ता शर्मा उपस्थित रहीं।

इस कार्यशाला में रघुमल आर्य कन्या सी. सै. स्कूल-राजा बाजार, रघुमल आर्य कन्या प्राइमरी स्कूल-डॉक्टर-लेन, रघुमल आर्य सह-शिक्षा प्राइमरी स्कूल-डॉ. लेन, आर्य पब्लिक स्कूल-राजा बाजार, महर्षि दयानन्द पब्लिक स्कूल-शादी खामपुर, बिड़ला आर्य कन्या सी. सै. स्कूल-बिड़ला लाइंस, आर्य वैदिक पाठशाला-पहाड़गंज, आर्य वीर मॉडल स्कूल-बादली के प्रधानाचार्या एवं शिक्षक वर्ग ने भाग लिया।

कार्यशाला का प्रारम्भ गायत्री मंत्र से किया गया। इस कार्यशाला में डॉ. महेश विद्यालंकार एसोसिएट प्रोफेसर दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने दो घण्टे के व्याख्यान में कहा-वर्कशाप टीचर्स के सीखने का सही मंच है। ईश्वर ने हमें मनुष्य बनाया है उस पर अध्यापक, यह हमारा सौभाग्य है। विचारों से ही मनुष्य बनता है विचारों से ही बिगड़ता हैं। अच्छे विचार मनुष्य को  à¤Šà¤‚चाइयों पर ले जाते हैं। जिस प्रकार गाय चारा खाने के बाद आराम से बैठकर जुगाली करती है वैसे ही आप सबने भी जो यहां से सीखा, सुना उस पर चिन्तन करें मनन करें व अपने जीवन में धारण करें। श्री विनय आर्य जी ने यज्ञ के बारे में कहा यज्ञ सबसे श्रेष्ठ कर्म है। यज्ञ विज्ञान है। पर्यावरण शुद्धि हेतु यज्ञ आवश्यक है। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से समझाया कि हवन से कैसे प्रदूषण दूर होता है। देश-विदेश की प्रमुख प्रयोगशालाओं द्वारा शोध के परिणाम दिखाए गए कि हवन की भस्म में ऐसे तत्व पाए गए जो शरीर और भूमि की उर्वरक शक्ति को बरकरार रखने के लिए अत्यंत उपयोगी हैं। श्रीमती अनु वासुदेव ने एक गेंद के माध्यम (प्रतियोगिता द्वारा) से सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया। उन्होंने यह भी बताया कि एक आदर्श शिक्षिका किस प्रकार बच्चों को उन्नति के पथ पर ले जा सकती है। बच्चों को हर अच्छे कार्य पर शाबाशी देनी चाहिए। उन्होंने प्रोजेक्टर के माध्यम से बताया कि किस तरह कमजोर छात्रों को निपुण बनाया जा सकता है। अन्त में विद्यालय के मैनेजर संजय कुमार जी ने सबका धन्यवाद किया। शान्ति पाठ के साथ कार्यशाला सम्पन्न हुई।

 

Kshetriya Gosthi

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