World Book Fair

13 Jan 2019
India
दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा

विश्व पुस्तक मेला 5-13 जनवरी 2019 सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। दिनांक 5-1-2019 को मेले का उद्घाटन महाशय धर्मपाल जी के कर कमलों से हुआ जो हाल नं. 12ए स्टाल संख्या 222-231 में पूरी भव्यता के साथ लगाया गया। इस पुस्तक मेले में हर वर्ष की भांति 10/- में सत्यार्थ दिया गया जिसकी लगभग 11000/- प्रतियां बिकीं।

परोपकारिणी सभा का सत्यार्थ प्रकाश भी इसी स्टाल पर 10/- में बेचा। परोपकारिणी सभा के मन्त्री श्री कन्हैया लाल आर्य एवं श्रीमती ज्योत्सना आर्या एवं अन्य कार्यकर्ता उपस्थित रहे। दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के स्टाल पर लगभग 25-30 कार्यकर्ताओं ने प्रतिदिन अपनी सेवाएं दी। जिनके सहयोग व पुरुषार्थ की बदौलत ही यह कार्य सफलता के साथ सम्पन्न हुआ। कार्यकर्ताओं में सर्व श्री सतीश चडढ़ा, वीरेन्द्र सरदाना, एस.पी.सिंह, डॉ. मुकेश कुमार आर्य, शीशपाल कौशिक, देवेन्द्र सचदेवा, नवनीत अग्रवाल, शिव कुमार मदान, रमेश चन्द आर्य, सुरेश राजपूत, गयाप्रसाद वैद्य, क्षेत्रपाल, प्रेम शंकर मौर्य, जगदीश लाल भाटिया, किशन कुमार, सुविज्ञ आर्य, रतन सिंह त्यागी, धमेन्द्र आर्य, सुरेन्द्र चौधरी, मान्धाता सिंह आर्य, हर्ष प्रिय आर्य, आशीष, रवि प्रकाश, प्रद्युम्न आर्य, धर्मवीर आर्य, सुरेश चन्द्र गुप्ता, संदीप आर्य आदि तथा महिलाओं में सर्व श्रीमती हर्ष आर्या, सुषमा शर्मा, एवं नीता आर्या प्रमुख थीं। श्री प्रेम शंकर मौर्य लखनऊ से प्रति वर्ष आते हैं तथा निःशुल्क सेवा करते हैं। सभी कार्यकर्ताओं ने निःशुल्क सेवा प्रदान की तथा किसी ने भी मार्गव्यय आदि भी नहीं लिए। सभा से श्री रामू, किशन व नारायण का भी मैं धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने समय पर भोजन व्यवस्था बनाकर सहयोग दिया। सभी कार्य कर्ताओं की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि ठंडी अधिक होने तथा प्रगति मैदान में तोड़ फोड़ के कारण पब्लिक कम पहुँचने के बावजूद लगभग 9 लाख का वैदिक साहित्य बेच कर मेलें में धूम मचा दी तथा वैदिक साहित्य को घर-घर तक पहुँचाने में काफी हद तक सफलता पाई। स्टाल पर विशेष रूप से पधारने वालों में महाशय धर्मपाल जी, दिल्ली सभा के प्रधान आदरणीय श्री धर्मपाल आर्य जी, महामन्त्री श्री विनय आर्य जी, गुरुकुल के आचार्य श्री धनन्जय शास्त्री जी, आचार्य आशीष जी, रविदेव गुप्त जी, चतर सिंह नागर जी, श्रीमती वीना आर्या जी आदि थे। जिनका आशीर्वाद व शुभकामनाएं इस सफलता में अहम हैं।

श्री सुरेशचन्द्र गुप्ता जी प्रतिदिन सभी कार्य कर्ताओं के लिए समोसे लाते रहे जिससे कार्य कर्ताओं के हौसले व एनर्जी बनी रही। स्टाल पर काफी संख्या में मुस्लिम युवक व युवतियां आई जिन्होंने वैदिक साहित्य एवं सत्यार्थ प्रकाश खरीदा। आचार्य भद्रकाम वर्णी जी की शंका समाधान करने में अहम भूमिका रही। काफी लोग शंका समाधान के बाद सन्तुष्ट हुये। वेदों में काफी लोगों ने रूचि दिखाई तथा वेदों को पसन्द किया और खरीदा भी। दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा द्वारा मेले में स्टाल लगाने के लिए काफी लोगों ने सभा की प्रशंसा की। सत्यार्थ प्रकाश की विज्ञप्ति वट्सएप एवं फेसबुक पर डालने से देश के कोने-2 से सत्यार्थ प्रकाश मंगाने के लिए फोन आये तथा उनके दिये पते पर पोस्ट अथवा ट्राँसपोर्ट से काफी जगह सत्यार्थ प्रकाश भेजे भी हैं तथा सभी लोगों ने इस विज्ञप्ति को देखकर खुशी जाहिर की तथा बताया कि इस महान पुस्तक को दूर दराज क्षेत्रों में पहुँचाने के लिए आपका धन्यवाद। सत्यार्थ प्रकाश के लिए मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, बिहार, कलकत्ता, आसाम, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा आदि जगहों से अनेक फोन आये। सत्यार्थ प्रकाश को 10/- रूपए में उपलब्ध कराने में काफी लोगों ने अपना आर्थिक सहयोग दिया। आर्ष साहित्य प्रचार ट्रस्ट के सहयोग के बिना यह कार्य करना सम्भव ही नहीं थ। ट्रस्ट का पूरा सहयोग व आशीर्वाद प्राप्त हुआ। अन्त में मैं सभी कार्य कर्ताओं, कर्मचारियों, सहयोगियों एवं पदाधिकारियों का हृदय की गहराईयों से आभार व धन्यवाद करता हूँ। जिनके बिना इतना बड़ा कार्य कर पाना सम्भव ही नहीं था। इस बार स्टाल पर मुख्य रूप से बिकने वाली पुस्तकों में वेदों के सैट, सत्यार्थ प्रकाश, संस्कार विधि, स्वामी दयानन्द सरस्वती जी की जीवनी, यज्ञ विधि, मनुस्मृति, मेदला आदि शामिल थीं। गोविन्दराम हासानन्द, आर्य प्रकाशन, दयानन्द संस्थान, परोपकारिणी सभा, घूड़मल प्रकाशन, रोजड़ प्रकाशन आदि का भी मैं धन्यवाद करता हूँ जिन्होंने सुन्दर सहित्य उपलब्ध करवाए। कहीं कोई भूल अथवा गलती हुई हो तो उसके लिए मैं क्षमाप्रार्थी हूँ।

 

Samved Parayan Yagya

Swami Shraddhanand Balidan Diwas