Makar Sankranti Festival

14 Jan 2019
India
आर्य समाज फिरोजपुर

आर्य समाज मंदिर गुरुकुल विभाग फिरोजपुर शहर में मकर सक्रांति पर्व बड़ी ही श्रद्धा एवं हर्षोल्लास के साथ मनाया गया | सबसे पहले डा. विनोद मेहता जी ने वैदिक रीति रिवाज से मंत्रोच्चारण करके यज्ञ संपन्न करवाया | श्री शांति भूषण शर्मा जी ने यजमान पद ग्रहण संपन्न करवाया | श्री शांति भूषण शर्मा जी ने यजमान पद ग्रहण करते हुये बड़े प्यार से यज्ञ में आहुतियां प्रदान की | शेष सभी आए हुये सदस्यों ने उनका साथ दिया | यज्ञ की परिभाषा देते हुये डा. मेहता ने बताया कि यज्ञ श्रेष्ठ कर्म है | इसके करने से हमारे पास रोग कभी नहीं आते तथा पर्यावरण की शुद्धि होती है | इसलिए हमें प्रतिदिन यज्ञ करना चाहिये | उन्होंने कहा कि हमें प्रतिदिन प्रातः और सायं शुद्ध होकर यज्ञ करना चाहिए | उन्होंने कहा कि यज्ञ शब्द अनन्तता का सूचक है | स्वंय जीवन भी एक यज्ञ है, इस जीवन यज्ञ को सुन्यमित बनाने के लिए ब्रह्मयज्ञ एवं देवयज्ञ दोनों ही अपेक्षित है | ब्रह्मयज्ञ चिंतन से सम्बद्ध है | आत्मा को बलवान बनाने के लिए, इन्द्रियों का संयमित एवं सशक्त करना उतना ही महत्वपूर्ण है जितना कि सारथि के साथ रथ को सुचारू रूपेण चलाने योग्य | इन्द्रियों को बलवान, यशस्वी एवं पवित्र बनाने के लिए ब्रह्म यज्ञ किया जाता है | मुण्डकोपनिषद में कहा गया है किनायमात्मा बलहीनेन लभ्य: अथार्त् निबर्लेन्द्रिय ईश्वर को प्राप्त नहीं कर सकते | ईश्वर के गुण स्वभाव को अपने अंदर लाने एवं उन गुणों के अर्थ की भावना मन में धारण करने से मनुष्य के अन्त:करण में उन गुणों का प्रभाव पड़ता है और क्रमशः वे मानव जीवन से अभिन्न हो जाते है | गुणों के समावेश से ईश्वर का सामीप्य ही ब्रह्म यज्ञ का लक्ष्य है | सन्ध्या, स्वाध्याय के अनन्तर देवयज्ञ का विधान है जो सैद्धान्तिक एवं धार्मिक होने के साथ-साथ सामाजिक, सुखशान्ति एवं नियमन का भी प्रेरक है | आध्यात्मिकता के साथ-साथ वैज्ञानिकता से परिपूर्ण इस यज्ञ के विषय में आर्ष ग्रन्थों में कहा गया है कि- अग्निहोत्री जुहुयात् स्वर्गकाम: अथार्त् स्वर्ग की इच्छा रखने वाला पुरुष अग्निहोत्र करे | इस भौतिक यज्ञ से जलवायु शुद्ध होती है एवं रोगकारक कीटाणुओं का नाश होता है | प्राणशक्ति के संवर्धन के साथ परिमित वृष्टि करने में भी भौतिक यज्ञ अत्यन्त सहायक है

यज्ञ उपरान्त श्रीमती प्रेमसखी भाटिया तथा छोटी सी बच्ची नंदनी ने वैदिक भजन गाकर सभी आए हुये सदस्यों का मनमोह लिया | इसके पश्तात् श्रीमती प्रेम सखी भाटिया तथा शान्ति भूषण शर्मा जी तथा अन्य सदस्यों ने मिल कर जरूरतमंद नारियों को राशन बांटा | यह राशन आर्य समाज के सदस्यों ने मिल कर इकठ्ठा किया था | आर्य समाज मंदिर गुरुकुल विभाग फिरोजपुर शहर के सभी सदस्य हमेशा ऐसे सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़ कर हिस्सा लेते है | श्री शान्ति भूषण शर्मा जी ने कहा कि हमें स्वामी दयानन्द के वचनों की पालना करनी चाहिये | उन्होंने कहा कि नारी यदि मजबूत हो तो परिवार और देश मजबूत होगा | इसलिए हमें जहा भी हो सके नारी की सहायता करनी चाहिए | इसी तरह शाम को आर्य समाज मंदिर की तरफ से खाना बना कर अंधविघालय के सदस्यों को खिलाया गया | श्री सर्वहितैषी भाटिया, कर्ण, डा. विनोद मेहता तथा विपिन धवन जी ने बड़ी श्रद्धा से उन्हें खाना खिलाया |

 

125th Maharshi Dayanand Saraswati Nirvan Utsav