195th Rishi Dayanand Birth Anniversary and Rishi Bodhotsav

04 Mar 2019
India
आरय समाज फरीदकोट

आर्य समाज मंदिर मेनबाजार की ओर से महर्षि दयानन्द सरस्वती जी के 195 वें जन्मोत्सव और शिव रात्रि के पावन पर्व के उपलक्ष्य में ऋषि बोधोत्सव के आयोजन किया गया | इस अवसर पर प्रातः 9:00 बजे यज्ञ का आयोजन किया गया जिसमे यज्ञ ब्रह्मा की भूमिका पंडित कमलेश शास्त्री, पुरोहित आर्य समाज ने निभाई | तत्पश्चात् मुख्यातिथि प्रिंसिपल श्री ओ.पी.छाबड़ा ने तथा इस संमारोह के मुख्य वक्ता डा. निर्मल कौशिक ने संयुक्त रूप से ‘ओ३म्’ ध्वज (झंडा) फहराने की रस्म निभाई | इसके संस्कृत के प्रसिद्ध विद्वान अन्तर्राष्ट्रीय साहित्य शिरोमणि (मानद उपाधि) से अलंकृत डा.निर्मल कौशिक ने स्वामी दयानन्द जी की समाज को देन पर अपने विचारे व्यक्त करते हुए शिक्षा के क्षेत्र में उनके अमूल्य योगदान को बताया | उन्होंने कहा कि आर्य समाज की स्थापना के पश्चात् वैदिक संस्कृति, वैदिक शिक्षण परम्परा यज्ञ परम्परा और वैदिक संध्या का प्रचलन प्रारम्भ हुआ | इसी से भारतीय शिक्षा पद्धति और गुरुकुल परम्परा के माध्यम से संस्कृत भाषा और संस्कारों का संरक्षण सम्भव हुआ है | इसके पश्चात् बृजेन्द्र कालेज की छात्रा सुश्री सुमेधा ने अपने मधुर ध्वनि भजन प्रस्तुत कर सब का मन मोह लिया | तलवाड़ा से पधारे ‘आर्य प्रतिनिधि’ सभा पंजाब की ओर से पं. अरुण विद्यालंकार भजनोपदेशक ने अपने आकर्षक भजनों द्वारा सभी को मंत्रमुग्ध किया | समारोह के अन्त में आर्य समाज के मन्त्री श्री सतीश शर्मा ने सभी मेहमानों का धन्यवाद किया | अन्त में ऋषि लंगर की व्यवस्था भी की गई | अनौपचारिक संस्कृत शिक्षण केन्द्र की छात्राओं द्वारा संस्कृत शिक्षण के नेतृत्व में छात्राओं ने समूह गान प्रस्तुत किया | इस अवसर पर प्रो. एन के गुप्ता, रवि वर्मा, प्रमोद कुमार गोयल, मनीश कुमार, हरि अरोड़ा मुकेश पुरी, इन्दु, मदन मोहन देवगन, जगदीश वर्मा, स्त्री आर्य समाज के सभी सदस्य, बलदेव वाटस, महेश प्रसाद उपस्थित थे | 

 

125th Maharshi Dayanand Saraswati Nirvan Utsav