Nav Sanvatsar and 145th Arya Samaj Foundation Day Celebration

06 Apr 2019
India
आरय केनदरीय सभा दिलली राजय

संपूर्ण प्रकृति में नूतनता का संचार हो रहा है। पुराने पतों के स्थान पर नई कोपलें प्रस्फुटित हो रही हैं। चारों तरफ हरियाली तथा रंग-बिरंगें फूलों से वातावरण महक रहा है। क्योंकि सृष्टि संवत् एक अरब छियानवें करोड़ आठ लाख तरेपन हजार एक सौ बीस, तद्नुसार नव विक्रमी सवंत्सर संवत् 2076 के अनुसार आर्यसमाज का 145वां स्थापना दिवस मनाया जा रहा था। इस उमंग, उत्साह, उल्लास, आशा, उत्साह के वातावरण में 6 अप्रैल 2019 के शुभ अवसर पर कमानी ऑडीटिरयम तानसेन मार्ग मंडी हाऊस नई दिल्ली के प्रांगण में आर्य केंद्रीय सभा दिल्ली राज्य द्वारा एक दिव्य आयोजन किया गया। जिसमें आर्य केंद्रीय सभा, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा एवं दिल्ली राज्य के आर्य समाजों के अधिकारी, सदस्य, कार्यकताओं के साथ-साथ आर्य विद्यालयों, आर्य गुरुकुलो के बच्चों ने भाग लिया।

इस प्रेरणाप्रद महान पर्व का शुभारंभ आचार्य जयेंद्र जी के ब्र२त्व में यज्ञ से हुआ। इस अवसर पर यजमान के रूप में दिल्ली सभा के प्रधान श्री धर्मपाल आर्य जी एवं श्रीमती वीना आर्य जी, श्री दिलीप कुमार जी एवं श्रीमती मीना कुमारी जी, श्री संदीप महाजन जी एवं श्रीमती मनीषा जी, श्री वरुण जी एवं श्रीमती अनीता जी आदि ने नववर्ष एवं आर्य समाज स्थापना दिवस के अवसर पर यज्ञ में आहुति देकर विश्व मंगल की कामना की तथा समस्त आर्यजनों के लिए सुख, शांति की अभिवृहि् की प्रार्थना की। यज्ञ के उपरांत आर्य जगत की सुप्रसिह् मधुर भजन गायिका श्रीमती संगीता आर्या जी ने मधुर प्रेरक भजनों से संपूर्ण वातावरण को तरंगायित किया।

श्रीमती उषा जी एवं सुभाष ढीगड़ा जी, आर्य समाज सूरजमल विहार, श्री सुरेंद्र रैली जी, उपप्रधान, आर्य केंद्रीय सभा, श्री विक्रम नरुला जी, श्री अजय सहगल जी, श्रीमती उषा किरण जी, स्वामी धर्मेश्वरानंद जी, श्री सतीश चड्डा जी महामंत्री आर्य केंद्रीय सभा आदि महानुभावो की उपस्थिति में आर्यसमाज मॉडल टाऊन के विद्यार्थियों ने नववर्ष स्वागत गीत के द्वारा सभी आर्यजनों का अभिनंदन किया। आर्य केंद्रीय सभा के प्रधान एवं एम.डी.एच. के चेयरमैन पद्मभूषण महाशय धर्मपाल जी के साथ श्री धर्मपाल आर्य प्रधान दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा, श्री सुरेंद्र रैली जी उपप्रधान आर्य केंद्रीय सभा, श्री विक्रम नरुला जी, स्वामी धर्मेश्वरानंद जी, श्री सतीश चड्डा जी, श्री कीर्ति शर्मा जी, श्री राजीव विज जी आदि ने द्वीप प्रज्जवलन किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाशय धर्मपाल जी ने की।

इसके उपरांत स्वामी धर्मेश्वरानंद जी ने आर्यसमाज के गौरवशाली इतिहास और वैदिक संस्कृति का उदाहरण देते हुए महर्षि दयानंद सरस्वती के उपकारां तथा उपदेशां पर चलने की प्रेरणा दी। उन्होंने पंडित लेखराम, महात्मा हंसराज, स्वामी श्रहनंद आदि महापुरुषों को स्मरण करते हुए नववर्ष की सबको शुभकामनाएं प्रदान की तथा ईश्वर, वेद आर्यसमाज और ऋषि दयानंद के प्रति समर्पित होने का संदेश दया। इस क्रम में डॉ. महेश विद्यालंकार ने आर्य समाज का चिंतन राष्ट्र और विश्व का कल्याण करने वाला बताया और कहा कि वेद की ज्ञानधारा ही विश्व शांति की राह है। संसार की सर्वोच्च विचारधारा आर्य समाज है। ऋषि दयानंद के सपनों को साकार करने के लिए सभी संकल्प लें। श्री राजीव विज जी ने आर्य समाज के प्रति अपना प्रेम प्रदर्शित करते हुए अपने पूज्य पिता जी को स्मरण किया और उनकी प्रेरणा का वर्णन करते हुए आर्य समाज मॉडल बस्ती के सेवाकार्यों को आगे बढ़ाने की बात कही और साथ में यह भी कहा कि मैं आर्य समाज के सेवा कार्यों में समर्पित भाव से बढ़ चढ़कर हिस्सा लूंगा।

नव सवंत्सर के अवसर पर आर्य गुरुकुल दयानंद विहार के विद्यार्थियों ने एक प्रेरक कार्यक्रम, (यह न कहो कि क्या नहीं कर सकता अकेला) प्रस्तुत कर आर्यों में आशा और उत्साह का संचार किया, दयानंद पब्लिक स्कूल शादी खामपुर के विद्यार्थियों ने आर्यसमाज की विश्व को देन (नमस्ते) का मंचन कर सबको नवजागृति प्रदान की। इस क्रम में दयानंद पब्लिक स्कूल न्यू मोती नगर के विद्यार्थियों ने आई फौज दयानंद वाली गीत के साथ सबको भावविभोर कर दिया। पुष्पावती दयानंद आदर्श विद्यालय मॉडल बस्ती के विद्यार्थियों ने कशमीर न छोड़ेगे की प्रस्तुति के साथ आर्यजगत का संकल्प प्रस्तुत किया। एस.एम. आर्य पब्लिक स्कूल पंजाबी बाग के विद्यार्थियों ने सच्ची घटना पर आधारित आर्यसमाज की प्राचीन उपलब्धियों को उजागर करते हुए आर्यसमाज के सेवा भाव को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया। इन विभिन्न प्रस्तुतियों को देखकर वहां उपस्थित आर्यजनों ने महसूस किया कि आर्यसमाज का भविष्य उज्जवल है।

आर्य परिवार होली मंगल मिलन कार्यक्रम में लक्की ड्रा द्वारा निकाले गए पारितोषिक नामों में श्री विरेश आर्य जी के सुपुत्र एवं श्री नवीन जी प्रमुख थे, दोनों को महाशय जी द्वारा सम्मान प्रदान किया गया। इस क्रम में श्री अनुभव आर्य जी को प्रयागराज में कुंभ के अवसर पर समर्पित सेवाभाव से आर्यसमाज के प्रचार-प्रसार में अग्रणी भूमिका निभाने हेतु महाशय धर्मपाल जी एवं श्री धर्मपाल आर्य जी द्वारा विशेष रूप से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर महाशय धर्मपाल जी ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में भावपूर्ण अमृतवचन प्रस्तुत करते हुए कहा- आर्यसमाज से मुझे बहुत प्यार मिला है, विनय आर्य एक आदर्श सेवाभावी, समर्पित युवा है। मैं भगवान से यही प्रार्थना करता हूं कि आर्य समाज आगे बढ़े, आगे बढ़े, आगे बढ़े, आगे बढ़े, ऊंचा उठे, खूब तरक्की करे, मेरी आप सबको बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मंच संचालन आर्य केन्द्रीय सभा के महामन्त्री श्री सतीश चड्डा ने किया। इस तरह प्रेम सौहार्द के वातावरण में आर्य समाज का 145 वां स्थापना दिवस एवं नव वर्ष समारोह का अविस्मरणीय आयोजन सुखद सफलता के साथ संपन्न हुआ।

 

125th Maharshi Dayanand Saraswati Nirvan Utsav