Rishi Bodhotsav

03 Mar 2019
India
आरय समाज कमाल पर

ऋषि बोधोत्सव 3-3-2019 (रविवार) को शिवरात्रि की पूर्व संध्या पर आर्य समाज मंदिर कमालपुर होशियारपुर में ऋषि बोधोत्सव मनाया गया | श्री कुलदीप राय आहुवालिया सपत्नी एवं श्री विशाल गुप्ता सपत्नी यजमान बने | परिवार के बच्चों और नगर से पधारे अर्याजनों ने बढ़ चढ़ कर आहुतियां डाली | श्री जीवन आर्य ने यज्ञ वेद मन्त्रों के उच्चारण से सम्पन्न करवाया | तत्पश्चात दयानन्द हाल में बोधोत्सव का कार्यक्रम चला | श्रीमती दुर्गेश नन्दिनी आर्य ने स्वामी दयानन्द पर एक धार्मिक गीत सुनाया, श्रीमती स्नेह चोपड़ा ने भजन के माध्यम से दयानन्द के आरम्भिक जीवन को ताजा किया | मंच का संचालन सचिव यशपाल वालिया ने किया | श्रीमती प्रो.डा. सविता ऐरी ने ऋषि दयानन्द को शिवरात्रि के दिन बोध जो प्राप्त हुआ उसी के प्रभाव से ऋषि ने समाज में फैले अंधकार, कुरीतियां और पाखंड को दूर भगाने का बिगुल बजा दिया | फिर देव दयानन्द ने वेद और उपनिषदों के सन्देश का उजागर करते हुए कहा कि इश्वर एक है और उसी की उपासना करनी चाहिए |

अपने मुख्य उद्बोधन में प्रो० डा.पी.एन. चोपड़ा ने कहा कि बालक मूलशंकर का मन्दिर के चूहों द्वारा शिव की मूर्ति पर उछल कूद करते देख पारम्परागत उपासना से विरक्त हो जाना कोई साधारण बात नहीं है, अवश्य पूर्व संस्कारों का खेल है | परिणाम स्वरुप, मूलशंकर 22 वर्ष की आयु में घर छोड़ कर सच्चे शिव की तलाश में घुमते रहे और अन्तत: गुरुवार  विरजानन्द की ज्ञान भट्ठी में ताप कर समाज और धर्म के क्षेत्र में कार्यरत रहे | विधवाओं की हालत सुधारने के लिये उन्होंने बाल विवाह का विरोध किया | विधवा विवाह तो आर्य समाज की ही देन है | स्वामी जी ने छूआछूत का पुरजोर विरोध किया | धर्म का मूल मन्त्र स्वामी जी ने कहा, सदाचार है | परमेश्वर से ऋषि दयानन्द का साक्षात सम्बन्ध था | आइये, हम आज के दिन इस बोध दिवस पर ऋषि से सीख लें और आर्य समाज की थम गई रफ्तार को तेज करें और अपने जीवन को सार्थक बनायें | अंत में प्रो. के. सी. शर्मा ने सभी को धन्यावाद किया | शांति पाठ के पश्चात ऋषि प्रसाद बांटा गया |

 

125th Maharshi Dayanand Saraswati Nirvan Utsav