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: दयानन�द मठ चम�बा हिमाचलप�रदेश

 à¥§à¥¯à¥¬à¥ª में गृहत‍याग कर आध‍यात‍मिक गरन‍थों का विशेष अध‍ययन, चिन‍तन किया।     

      १९७० में स‍वामी सरवानन‍द जी से संन‍यास की दीकषा ली और १९७५ से दयानन‍द मठ, चम‍बा का कारयभर सम‍भाला।

      आप हवन/यजञ में वं यजञमय जीवन के परशिकषण/परचार में विशेष रचि रखते हैं। आपने १९८९ में सवालाख गायतरी-मनतर की आहतियों का यजञानष‍ठान किया। इसी परकार १९९४-१९९५ में पन: गायतरी महायजञ का अनष‍ठान किया।

      आपके संरकषण में संस‍कृत महाविदयालय, स‍कूल वं चिकित‍सालय चल रहे हैं। पारिवारिक सत‍संग क लि बहत से लोग आपको शरदधा से बलाते हैं। आप आरय परतिनिधि सभा हिमाचल के परधान भी हैं।

      पता-दयानन‍द मठ, चम‍बा, (हिमाचल-परदेश) १७६३१०