Mahatma Anand Swami

Father :
Shree Ganesh Das

Mother :
Mrs Jeevan Devi

महातमा आननद सवामी का पूरव आशरम का नाम खशहालचनद था। इनका जनम पंजाब के गजरात जिले के जलालपर जटटां गराम में शरी गणेशदास तथा जीवनदेवी के यहा कारतिक शकला 11 सं. 1940 वि. (15 अकटूबर 1883) को हआ। ये शीघर की आरयसमाज के समपरक में आ गये और महातमा हंसराज के सहयोगी बनकर आरय परादेशिक परतिनिधि सà¤à¤¾ में कारय करने लगे। इनहोंने सà¤à¤¾ के मखपतर आरय गजट का समपादन किया तथा आरयसमाज दवारा संचालित सारवजनिक हित के कारयकरमों और आनदोलनों में समय-समय पर à¤à¤¾à¤— लिया। हैदराबाद आरय सतयागरह तथा सिंध के सतयारथपरकाश-परतिबंध विरोधी आनदोलन में उनकी परमख à¤à¥‚मिका रही। 1948 में उनहोंने सवामी आतमाननद सरसवती से संनयास धारण किया। ततपशचात वे जीवन परयनत देश विदेश में धरम परचारारथ निरनतर à¤à¤°à¤®à¤£ करते रहे। 24 अकटूबर 1977 को दिलली में उनका निधन हआ।
ले. का.-परठà¤à¤•ति: 1996 वि. (1939)। परठदरशन, तततवजञान 1953। महामंतर-गायतरी मंतर की विशद वयाखया 1956।
समय-समय पर विà¤à¤¿à¤¨à¤¨ सथानों पर दि गये उनके उपदेशों वं परवचनों की संकलित कर पसतकाकार परकाशित किया गया। से गरनथ है-1. आननद गायतरी कथा 1957। 2. उपनिषदों का संदेश। 3. क ही रासता 1962। 4. मानव जीवन गाथा। 5. à¤à¤—वान शंकर और दयाननद सं. 2014 वि.। (1967) 6. सखी गृहसथ 1971। 7. सतयनारायण वरत कथा। 8. दो रासते। 1972। 9. यह धन किसका है ? 1971 मा गायतरी (गजराती अनवाद) 1976। 10. à¤à¤•त और à¤à¤—वान 1949। 11. बोध कथा। 12. दनियां में रहना किस तरह 1975। 13. मानव और मानवता। 14. परठमिलन की राह में 1968। 15. घोर घने जंगल में 1963। 16. दो रासते 1972। 17. आननद à¤à¤—वतकथा-अरथात वैदिक सतयनारायण कथा। 18. जाग मानव-1966। 19. तयागमयी देविया। 20. पयारा ऋषि 1939। 21. मंदिर परवेश (यम नियम विवेचन)। 22. ‘जेल की कहानी’ शीरषक संसमरण गरनथ आपने हैदराबाद सतयागरह के समय की कारावास यातरा के अनà¤à¤µà¥‹à¤‚ के आधार पर लिखा था। 23. परठमिलन की राह। 24. मन की बात। महातमा आननद सवामी के निमन गरनथों का गजराती में अनवाद परकाशित हो चका है-
कज मारग (क ही रासता) आननद पथ, तततवजञान, उपनिषदों नो संदेश, शंकर अने दयाननद, सखी गृहसथ-अन, दयाल आरय (1969)।
महातमाजी दवारा लिखित तथा परवचनों के रूप में परसतत उपरयकत पसतकों में से अनेक गरनथों के उरदू, मराठी, गजराती, अगरेंजी तथा अनय à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं में अनवाद à¤à¥€ ह हैं। महातमाजी की परायः सà¤à¥€ पसतके, क दो को छोड़कर गोविनदराम हासाननद दिलली ने परकाशित की हैं। उनके गरनथों के अंगरेजी अनवादों का विवरण इस परकार है-
1. क ही रासता-The Only way.
2. आननद गायतरी कथा-Anand Gayatri Discourses.
वि. अ.-महातमा आननद सवामी का जीवनचरितर -ले. रणवीर