: Grihasth
: Married
: Dead
: 06-09-1881
: Nardai , Eta ,U P
: 21-08-1968
: Panjabi Bagh Delhi
: Normal

Father :

Shri Kunj Bihari Lal

Spouse :

Shrimati Kaladevi

 à¤†à¤°à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ के लबधपरतिषठ लेखक, दारशनिक तथा साहितयकार पं. गंगापरसाद उपाधयाय का जनम 6 सितमबर 1881 को टा जिले के नदरई नामक गराम में शरी कंजबिहारीलाल के यहा हआ। इनहोंने अंगरेजी तथा दरशनशासतर में करमशः 1908 तथा 1912 में म.. किया। परारमभ मे कछ समय तक राजकीय सकूलों में अधयापन किया किनत 1918 में वहां से तयागपतर देकर डी..वी. हाई सकूल इलाहाबाद में मखयाधयापक के पद पर आ गये। 1936 में इस कारय से अवकाश à¤²à¥‡à¤¨à¥‡ के पशचात à¤‰à¤ªà¤¾à¤§à¤¯à¤¾à¤¯à¤œà¥€ ने सवजीवन को आरयसमाज के लि ही समरपित कर दिया। वे आरय परतिनिधि सभा उततर परदेश à¤•े परधान पद पर 1941 से 1944 परयनत रहे। ततपशचात à¤¸à¤¾à¤°à¤µà¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤• आरयपरतिनिधि सभा के उपपरधान (1943) तथा मंतरी (1946-1951) भी रहे। इसी बीच आप धरम परचारारथ दकषिण अफरीका, थाईलैणड वं सिंगापर गये। 1959 में दयाननद दीकषा शताबदी के अवसर पर मथरा में ततकालीन राषटरपति डॉ. राजेनदरपरसाद की अधयकषता में आपका सारवदेशिक अभिननदन किया गया तथा अभिननदन गरनथ भेंट किया गया। अतयनत वृदध हो जाने पर भी आप निरनतर अधययन वं लेखन में लगे रहे। 29 अगसत 1968 को आपका निधन हो गया। 

            ले. का.-उपाधयायजी का साहितय मातरा और गण, दोनों दृषटियों से विपल तथा महततवपूरण है। उसको निमन वरगों में विभकत किया जा सकता है- 

 

(अ) मौलिक दारशनिक गरनथ

            1. आसतिकवाद-(1926) हिनदी साहितय सममेलन ने इस पर 1931 में लेखक को मंगलापरसाद परसकार देकर सममानित किया, 2. अदवैतवाद-(1928) परथम माधरीलखनऊ में कछ समय तक धारावाही छपा, पशचात à¤ªà¤¸à¤¤à¤•ाकार परकाशित हआ, 3. जीवातमा-(1933), 4. शांकर भाषयालोचन (1947) मकति से पनरावृति 1950, 5. मैं और मेरा भगवान (I and my god) à¤•ा सवामी वेदाननद तीरथ कृत अनवाद, 6. मीमांसा परदीप,  7. Vedic Philosophym, 8. करमफल सिदधानत। 

(आ) पराचीन शासतरों के भाषय वं अनवाद

            1. सरवदरशन सिदधानत संगरह-शंकराचारय कृत गरनथ का हिनदी अनवाद (1924), 2. मनसमृति की टीका (1936), 3. ईशोपनिषद भाषय (1940), 4. ऋगवेदीय तरेय बराहमण (2006 वि.) हिनदी साहितय सममेलन परयाग ने परकाशित किया। 5. शतपथ बराहमण-उपाधयाय जी के निधन के उपरानत डा. सवामी सतयपरकाश à¤•ी विसतृत भूमिका सहित 3 खणडों में 1969 में परकाशित, 6. मीमांसा-शाबर भाषय का अनवाद (पाणडलिपि)। 

 

(इ) वेदों तथा उपनिषदों के वयाखयापरक गरनथ

            1. वैदिक मणिमाला (1936), 2. भगवत कथा (उपनिषदों के आखयानों का संगरह) (1943), 3. वेद परवचन (1963), 4. वेद और मानव कलयाण (1959), 5.  Vedic Culture à¤ªà¤‚. ठाकर दतत शरमा के अमृतधारा परसकार से परसकृत (1949), इसका हिनदी अनवाद पं. रघनाथपरसाद पाठक ने वैदिक संसकृतिशीरषक से किया है। वैदिक सिदधानत विमरश 1972।

 

(ई) आरयसमाज विषयक साहितय (हिनदी तथा अंगरेजी)

            1. आरयसमाज (1924), 2. सनातन धरम और आरयसमाज (1951), 3. आरयसमाज की नीति (1951), 4. आरयसमाज और इसलाम (1967) यह उरदू में भी छपी। 5. The Origin, Mission and Scope of Arya Samaj (1940),  6. The Arya Samaj and the International Aryan League (1970),  7. The Arya Samaj : A World Movement (1953) 

 

(उ) तलनातमक अधययन विषयक गरनथ

            1. शंकर रामानज, दयाननद (1930), 2. राजा राममोहनराय, केशवचनदर सेन, दयाननद (1931), 3. सायण और दयाननद (1957), 4. Social Reconstruction by Buddha and Dayanand-(1956), à¤®à¤¹à¤¾à¤¤à¤®à¤¾ गौतम बदध की 2500वीं जनमतिथि पर परकाशित) राषटर निरमाता सवामी दयाननद 1933। उपाधयाय जी ने सतयपरकाश à¤•ा अंगरेजी में परामाणिक विशदध अनवाद 1946 में किया तथा उनहीं की परेरणा वं परषारथ से ऋषि दयाननद के इस अमर गरनथ के चीनी तथा बरमी भाषा में अनवाद छपे। सतयारथपरकाशः à¤• अधययन, राषटर निरमाता सवामी दयाननद। 

 

(ऊ) सवामी दयाननद विषयक अंगरेजी गरनथ

      Swami Dayanand’s Contribution to Hindu Solidarity. (रिलिजियस रेनांसा सिरीज के अनतरगत परकाशित 1939.) 2. The Sage of Modern Times-Swami Dayanand (1953),  3. Swami Dayanand on the Formation and Functions of the State-1954,  4. Landmarks of Swami Dayanand’s Teachings-1947.,  5. Philosophy of Dayanand 1955. 

 

() करमकाणड विषयक गरनथ

            1. वैदिक विवाह पदधति (1928), 2. वैदिक उपनयन-वेदारमभ पदधति (1930), 3. संधया कया, कयों, कैसे ? (1964), 4. सरल संधया-विधि (1951), 5. संसकार परकाश, 6. धरम शिकषा पदधति (10 भागों में) परथम दो गरनथों का सहलेखन पं. सतयवरत उपाधयाय के साथ हआ। 

 

() सफट गरनथ

            विधवाविवाहमीमांसा (1920), 2. महिला-वयवहार चनदरिका (1938), 3. हम कया खायें ? घास या मांस? (1949), 4. कमयूनिजम (1950) उततर परदेश à¤¸à¤°à¤•ार दवारा परसकृत, 5. जीवनचकर-आतमकथा (1954), उततरपरदेश à¤¸à¤°à¤•ार दवारा परसकृत धरमसधासार (1957), भारतीय उतथान और पतन की कहानी, धरम, करम की कसौटी पर, गंगा जञानधारा 1976, धरमशिकषा पदधति 1930, मूरतिपूजा 1969। 

 

(ओ) अनय मतों से समबनधित गरनथ

            1. धममपद का हिनदी अनवाद (1933), 2.


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