Swami Sumedhanand sarasvati

१९६४ में गृहतयाग कर आधयातमिक गरनथों का विशेष अधययन, चिनतन किया।
१९à¥à¥¦ में सवामी सरवाननद जी से संनयास की दीकषा ली और १९à¥à¥« से दयाननद मठ, चमबा का कारयà¤à¤° समà¤à¤¾à¤²à¤¾à¥¤
आप हवन/यजञ में वं यजञमय जीवन के परशिकषण/परचार में विशेष रचि रखते हैं। आपने १९८९ में सवालाख गायतरी-मनतर की आहतियों का यजञानषठान किया। इसी परकार १९९४-१९९५ में पन: गायतरी महायजञ का अनषठान किया।
आपके संरकषण में संसकृत महाविदयालय, सकूल वं चिकितसालय चल रहे हैं। पारिवारिक सतसंग क लि बहत से लोग आपको शरदधा से बलाते हैं। आप आरय परतिनिधि सà¤à¤¾ हिमाचल के परधान à¤à¥€ हैं।
पता-दयाननद मठ, चमबा, (हिमाचल-परदेश) १à¥à¥¬à¥©à¥§à¥¦