Dr Harveer Singh Acharya

Father :
Shri Girvah Singh

Mother :
Shrimati Ram Shree Devi

डॉ. हरिवीरसिंह आचारय (पं. बदधदेव)
आपका जनम ६ मारच १९५४ का उ. पर. में बदाय जिले के जरीफनगर गराम में शरी गिरवहसिंह वं शरीमती रामशरी देवी के घर हआ।
आपकी शिखा गराम की पराथमिक पाठशाला में परारंठहई। बी.स-सी. के मधय में सन १९à¥à¥ª में राजकीय पोलीटेकनिक मरादाबाद में अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨à¤¤à¤°à¤¿à¤•ी परशिकषण परापत किया। ३-४ वरष वैदिक धरम की पसतकों का सवाधयाय किया। उसके उपरानत २४ अगसत सन १९à¥à¥¯ में शरी सरवदाननद संसकृत महाविदयालय में आपने कछ वरष संसकृत का अधययन किया। समपूरणाननद विशवविदयालय से १९८८ में आचारय की परीकषा उततीरणकी। १९९५ में पी-च.डी. की उपाधि परापत की।
शरी सरवदाननद सं.म.वि. साधआशरम में १९९२ से आप निषठा व ईमानदारी के साथ पराचारय पद पर कारय कर रहें थे ।
आपकी अà¤à¤¿à¤°à¤šà¤¿ वैदिक धरम के परचार परसार में था । उसके लिये आपका शेष समय यजञ, महायजञों के कराने वं यतर-ततर उपदेश, परवचन देने में ही वयतीत होता था । नैषठिक जीवन यापन करते ह वैदिक धरम का परचार-परसार करना योगाà¤à¤¯à¤¾à¤¸ करना तथा अनपलबध गरनथों का लेखन कारय आपका संकलप था । संसकृत महाविदयालय के पराचारय आरय जगत के परसिदद मनीषी विदवान संसकृत वयाकरण के उदà¤à¤Ÿ विदवान गरकल संसकृत महाविदयालय साध आशरम हरदआगंज अलीगढ {उ.पर.} के पराचारय डॉ.हरवीर सिंह {आचारय बदधदेव की हतया
गरकल की à¤à¥‚मि को हथियाने के लिये दषटों ने की ।