राजनैतिक दलों पर सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ की चोट
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Rajeev ChoudharyDate
11-Jan-2017Category
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HindiTotal Views
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Sandeep AryaUpload Date
10-Jan-2017Download PDF
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सà¥à¤ªà¥à¤°à¥€à¤® कोरà¥à¤Ÿ के इस फैसले से निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ ही राजनितिक दलों की दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¤¦à¤¾à¤°à¥€ पर ताला सा जड़ता दिख रहा है. सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ ने 2 जनवरी को कहा कि जाति, समà¥à¤¦à¤¾à¤¯, धरà¥à¤® तथा à¤à¤¾à¤·à¤¾ के नाम पर वोट मांगना अवैध है. पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤§à¥€à¤¶ नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤®à¥‚रà¥à¤¤à¤¿ टी.à¤à¤¸.ठाकà¥à¤° के नेतृतà¥à¤µ में à¤à¤• संवैधानिक पीठने जन पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤µ अधिनियम की धारा 123 (3) के आधार पर 4/3 के बहà¥à¤®à¤¤ से फैसले के आदेश को पारित किया गया. अवशà¥à¤¯ ही इससे à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति की गिरती गरिमा में सà¥à¤§à¤¾à¤° के परिणाम नजर आयेंगे. आजकल हम आठदिन समाचार पतà¥à¤°à¥‹à¤‚ के माधà¥à¤¯à¤® से “टी.वी” चैनल के माधà¥à¤¯à¤® से देखते हैं सà¥à¤¨à¤¤à¥‡ हैं कि हमारे देश के कई महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ संवैधानिक पदों पर बैठे वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤à¤ खोते नजर आते है. सियासत के सियासतकारों के “जाति-धरà¥à¤®” पर कई तीखे पà¥à¤°à¤¹à¤¾à¤° सà¥à¤¨à¤¨à¥‡ में आते हैं. तब मन में कई सवाल खड़े हो जाते है. आखिर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ महतà¥à¤µà¤ªà¥‚रà¥à¤£ संवैधानिक पदों पर बैठकर वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ इतना गैर जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤° हो जाता है? कि हर बात में जाति या धरà¥à¤® को खींचकर अपना अपनी निज महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¥€ पूरी करता है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अपने करà¥à¤¤à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¥‚ल जाता है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ दोहरा चरितà¥à¤° अपना लेता है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अपने अधिकारों का गलत इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करता है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ सेवा का à¤à¤¾à¤µ ख़तà¥à¤® होकर वह à¤à¤¾à¤·à¤¾ जातिवाद को लेकर समाज और देश को तोड़ता दिख जाता है? कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ संविधान की ली हà¥à¤ˆ सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ ईमानदारी के मारà¥à¤— पर चलने की कसमें à¤à¥à¤²à¤¾ देता है?
à¤à¤¸à¥‡ कई सवाल मन को à¤à¤¿à¤‚à¤à¥‹à¥œà¤¤à¥‡ हैं. हमें हमारे इतिहास से बहà¥à¤¤ कà¥à¤› सीखने की जरूरत है. पता नहीं हमारे राजनेता à¤à¤• बात कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¥‚ल जाते है कि हमारा अधिकांश इतिहास गà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ के पà¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¥‹ से à¤à¤°à¤¾ पड़ा है. जिसका कारण यह कदाचित नहीं था कि हम कमजोर या कायर थे. बलà¥à¤•à¤¿ उसका सीधा सचà¥à¤šà¤¾ कारण à¤à¤• था जातिवाद कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦. जिसे राजनेता à¤à¤• बार फिर पà¥à¤¨à¤°à¥à¤œà¥€à¤µà¤¿à¤¤ कर अपनी लालसा पूरी करना चाहते है. थोडा पीछे हटकर देखे तो जातिवाद की राजनीति ने देश को जितने à¤à¥€ नेता दिठवो हमेशा अपना जातिवाद के नाम पर अपना à¤à¤²à¤¾ करते नजर आयें. बिहार चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में सबने देखा था कि किस तरह à¤à¤¾à¤·à¤¾, धरà¥à¤® और जातियों के नाम पर वोट मांगे गये. बिहार ही कà¥à¤¯à¤¾ देश के कई राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ में अकà¥à¤¸à¤° देखने में आता कि कोई यादव-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कोई दलित-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® कोई जाट-गà¥à¤œà¥à¤œà¤° आदि जातियों को लेकर समीकरण बनाने पर ही अपनी पूरी उरà¥à¤œà¤¾ लगा देते है. वोट के लिठछोटी-छोटी घटनाओं में जाति धरà¥à¤® तलाशकर अपना समीकरण बैठाने की जà¥à¤—त में सà¤à¥€ दल लगे रहते है.
कई बार इनकी इस राजनीति में धरà¥à¤®à¤—à¥à¤°à¥ à¤à¥€ घà¥à¤¸à¤¨à¥‡ से परहेज नही करते शाही इमाम से लेकर अनà¥à¤¯ धारà¥à¤®à¤¿à¤• गà¥à¤°à¥ à¤à¥€ इस राजनीति से अछूते नहीं रहे. थोक के à¤à¤¾à¤µ वोट हासिल करने के लिठधरà¥à¤®-गà¥à¤°à¥à¤“ं और धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤“ं का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² करते हैं. आज की इस वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ राजनीति को समà¤à¤¨à¤¾ बहà¥à¤¤ जरूरी हैं. आजकल à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨-à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ वरà¥à¤—ों को लà¥à¤à¤¾à¤¨à¥‡ में जà¥à¤Ÿà¥€ हà¥à¤ˆ हर बार की à¤à¤¾à¤à¤¤à¤¿ इस बार à¤à¥€ सà¤à¥€ मतदाओं को à¤à¤• से बà¥à¤•à¤° à¤à¤• लोक-लà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨ वादों का सà¥à¤µà¤¾à¤¦ चखाया गया. जातिवाद की इस राजनीति में नेताओं के अलावा मीडिया à¤à¥€ शामिल है. जब चà¥à¤¨à¤¾à¤µ आते है किस तरह मीडिया हर à¤à¤• विधानसà¤à¤¾-लोकसà¤à¤¾ सीट का जातीय आंकड़ा पेश करती है सबको पता है फिर नेता उन आंकड़ो पर बयानबाजी करते है जिस कारण समाज जातिवाद बंटकर खड़ा हो जाता है जिससे विकास के मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ उनकी मूलà¤à¥‚त जरूरते गौण हो जाती है.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ का इतिहास बताता है कि देश की आजादी के लिठकैसे सà¤à¥€ लोगों ने मिल कर à¤à¤•à¤¤à¤¾, अखंडता और à¤à¤¾à¤ˆ-चारे का संदेश दिया. दया, करà¥à¤£à¤¾, सहिषà¥à¤£à¥à¤¤à¤¾, सहयोग यह हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ है. कà¥à¤¯à¤¾ हमारा देश किसी à¤à¤• जाति समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का देश है? कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¾à¤°à¤¤ की आजादी में सिरà¥à¤« à¤à¤• जाति या समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों का ही योगदान है? कà¥à¤¯à¤¾ दलितों समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का ही योगदान है? कà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का ही योगदान है? अगर à¤à¤¸à¤¾ नहीं है तो कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ राजनैतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤ धरà¥à¤® के नाम पर अपनी राजनैतिक रोटियाठसेकती है. कोरà¥à¤Ÿ के इस फैसले का पालन कराने की बड़ी जिमà¥à¤®à¥‡à¤¦à¤¾à¤°à¥€ अब चà¥à¤¨à¤¾à¤µ आयोग की है। हम चà¥à¤¨à¤¾à¤µ आयोग से अपील करते हैं कि इसका पालन नहीं करने वाले राजनेता या पारà¥à¤Ÿà¥€ की चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ बिना देरी किठततà¥à¤•à¤¾à¤² पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से रदà¥à¤¦ कर दिया जाà¤à¥¤ “à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ राजनीति में आगे बà¥à¤¨à¥‡ के लिठकà¥à¤› पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने धरà¥à¤® व जाति को अपनी विचारधारा का हिसà¥à¤¸à¤¾ बना लिया है, जिसे हतोतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करने की जरूरत है.
यह फैसला देश निरà¥à¤®à¤¾à¤£ में मील का पतà¥à¤¥à¤° साबित होगा. कोरà¥à¤Ÿ के इस फैसले से तà¥à¤·à¥à¤Ÿà¥€à¤•à¤°à¤£ के आधार पर की जाने वाली वोट बैंक की राजनीति को आघात पहà¥à¤‚चेगा और इसके दूरगामी परिणाम देखने को मिलेंगे इस फैसले का अकà¥à¤·à¤°à¤¶: और आतà¥à¤®à¤¾ से पालन होना चाहिà¤. वरना आज देश के हालत को देखते हà¥à¤ लगता है कि कà¥à¤› राजनैतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ विशेष रूप किसी à¤à¤• धरà¥à¤® विशेष समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को बहà¥à¤¤ अधिक बà¥à¤¾à¤µà¤¾ देकर आपस में लड़ने का काम और अपना राजनैतिक सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ सिदà¥à¤§ करने की चाल चल रही हैं. हमें इसे समà¤à¤¨à¤¾ पड़ेगा. इस पर मंथन करना पड़ेगा. इस पर विचार करना पड़ेगा यदि सही मायने में देखे तो राजनैतिक दलों के बीच पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¸à¥à¤ªà¤°à¥à¤§à¤¾ विकास के आधार पर होनी चाहिठशिकà¥à¤·à¤¾, सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥, à¤à¥‹à¤œà¤¨ व रोजगार सà¤à¥€ को मिले तà¤à¥€ सही मायने में लोकतंतà¥à¤° à¤à¥€ परिà¤à¤¾à¤·à¤¿à¤¤ होगा और लोगों की à¤à¤²à¤¾à¤ˆ à¤à¥€ इसी में होगी. मतदाताओं को à¤à¥€ ये सà¥à¤¨à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¤ करना ही होगा कि वो हर हाल में à¤à¤¸à¥€ पारà¥à¤Ÿà¥€ को चà¥à¤¨à¥‡ जो विकास की राजनीति करे. महज वोट बैंक की राजनीति करने वाले उन तमाम दलों को बाहर का रासà¥à¤¤à¤¾ दिखाना ही होगा. सà¤à¥€ मतदाताओं को जाति-धरà¥à¤® और संपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯ से ऊपर उठकर देश के लिठसोचना होगा हम सब पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤à¤µà¤¾à¤¸à¥€ हैं...राजीव चौधरी
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