कà¥à¤¯à¤¾ यूरोप अपने अंत के निकट है ?
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Rajeev ChoudharyDate
16-May-2017Category
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16-May-2017Download PDF
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पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ विशà¥à¤µ 21वीं शताबà¥à¤¦à¥€ तक बच नहीं पायेग और हमारे समय में यदि पूरा यूरोप नहीं तो यूरोप के कà¥à¤› दï¿
संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के चिनà¥à¤¤à¤•, विचारक कहते है कि सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ बचती नहीं हमेशा बचाई जाती है, इनका रखरखाव बचà¥à¤šà¥‡ के लालन पालन की तरह होता है जो इनसे मà¥à¤‚ह मोड़ता उसे इसके दà¥à¤–द परिणाम à¤à¥à¤—तने पड़ते है. à¤à¤¸à¤¾ नहीं कि यह सिरà¥à¤« अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है वरन इसके उदहारण à¤à¥€ हमारे समकà¥à¤· पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¥à¤¤ है. रोमन सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ हो, या मिसà¥à¤° की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ या फिर à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ उप-महादà¥à¤µà¥€à¤ª में सिंधॠघाटी की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾. ये इंसान की तरकà¥à¤•à¤¼à¥€ की बड़ी मिसालें थीं. मगर इन सबका पतन हो गया. महान मà¥à¤—ल सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ जो कà¤à¥€ मधà¥à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ से लेकर दकà¥à¤·à¤¿à¤£ à¤à¤¾à¤°à¤¤ तक पर राज करता था वो ख़तà¥à¤® हो गया. वो बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¤¿à¤¶ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ जहां कà¤à¥€ सूरज असà¥à¤¤ नहीं होता था, वो à¤à¥€ à¤à¤• वक़à¥à¤¤ à¤à¤¸à¤¾ आया कि मिट गया. आज अमरीका की अगà¥à¤µà¤¾à¤ˆ वाले पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देश जिस तरह की चà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ à¤à¥‡à¤² रहे हैं, उस वजह से अब पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ के क़िले के ढहने की आशंका जताई जा रही है. यहाठआकर सवाल उपजता है कि यूरोप की सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ सिमट गयी तो किस सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का राज होगा? अमेरिकी विचारक मारà¥à¤• सà¥à¤Ÿà¥‡à¤¯à¤¨ ने इससे आगे बà¥à¤•à¤° à¤à¥€ कहा है पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ विशà¥à¤µ 21वीं शताबà¥à¤¦à¥€ तक बच नहीं पायेग और हमारे समय में यदि पूरा यूरोप नहीं तो यूरोप के कà¥à¤› देश अवशà¥à¤¯ अदृशà¥à¤¯ हो जायेंगे.
इस विषय में संकà¥à¤·à¥‡à¤ª में चरà¥à¤šà¤¾ के साथ पहला तरà¥à¤• यह दरà¥à¤¶à¤¾à¤¤à¤¾ है कि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की सकà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ और यूरोप की निषà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¤à¤¾ के कारण यूरोप का इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€à¤•à¤°à¤£ होगा और अपने धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤¤à¤° के साथ वह इसà¥à¤²à¤¾à¤® में धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤¿à¤¤ हो जायेगा, उचà¥à¤š और निमà¥à¤¨ धारà¥à¤®à¤¿à¤•à¤¤à¤¾, उचà¥à¤š और निमà¥à¤¨ जनà¥à¤® दर तथा उचà¥à¤š और निमà¥à¤¨ सासà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• आतà¥à¤®à¤µà¤¿à¤¶à¥à¤µà¤¾à¤¸ के कारण यह समà¥à¤à¤µ होगा. कहने का अरà¥à¤¥ है कि आज यूरोप à¤à¤• खà¥à¤²à¤¾ दà¥à¤µà¤¾à¤° है जिसमें मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ टहल रहे हैं. आज यूरोप की सेकà¥à¤¯à¥‚लरिजà¥à¤® के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ गहरी आसकà¥à¤¤à¤¿ के कारण ही चरà¥à¤š खाली रहते हैं और à¤à¤• शोधकरà¥à¤¤à¤¾ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° लनà¥à¤¦à¤¨ में शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को मसà¥à¤œà¤¿à¤¦à¥‹à¤‚ में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की संखà¥à¤¯à¤¾ रविवार को चरà¥à¤š में आने वालों से अधिक होती है.जबकि लनà¥à¤¦à¤¨ में ईसाइयों की संखà¥à¤¯à¤¾ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ से 7 गà¥à¤¨à¤¾ अधिक है.
हम यह चरà¥à¤šà¤¾ किसी को à¤à¤¯ दिखाने या किसी की हिमà¥à¤®à¤¤ बà¥à¤¾à¤¨à¥‡ के लिठनहीं कर रहे बलà¥à¤•à¤¿ समय के साथ सचेत करने के लिठकर रहे है कारण मधà¥à¤¯ à¤à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾ का हिंसक वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ आज किसी से छिपा नहीं है. जो अब धीरे-धीरे यूरोप की तरफ बॠरही है. कोई à¤à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ चाहे कितनी ही महान कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ ना रही हो, वो, वक़à¥à¤¤ आया तो ख़à¥à¤¦ को तबाही से नहीं बचा पाई. आगे चलकर कà¥à¤¯à¤¾ होगा, ये पकà¥à¤•à¥‡ तौर पर तो कहना मà¥à¤®à¤•à¤¿à¤¨ नहीं. मगर à¤à¤¤à¤¿à¤¹à¤¾à¤¸à¤¿à¤• अनà¥à¤à¤µ से हम कà¥à¤› अंदाजे तो लगा सकते हैं. à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के सà¥à¤§à¤¾à¤° के लिठकई बार इतिहास की घटनाओं से à¤à¥€ सबक़ लिया जा सकता है. पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देश, रोमन सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ से सबक़ ले सकते हैं. यदि आज पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देश आरà¥à¤¥à¤¿à¤• घमंड में जी रहे है तो उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ यह à¤à¥€ सोचना होगा कि संसाधनों पर बà¥à¤¤à¥‡ बोठके कारण कब तक इसे समà¥à¤¹à¤¾à¤² पाà¤à¤‚गे दूसरा क़à¥à¤¦à¤°à¤¤à¥€ संसाधनों पर उस सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का दबाव और तीसरा सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ को चलाने का बà¥à¤¤à¤¾ आरà¥à¤¥à¤¿à¤• बोठऔर चौथा बà¥à¤¤à¤¾ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® शरणारà¥à¤¥à¥€ संकट कब तक सहन करेंगे?
यूरोप और इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ की समठरखने वाले लेखक विचारक डेनियल पाइपà¥à¤¸ इस पर अपनी राय बड़ी संजीदगी से रखते हà¥à¤ कहते है कि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की उतà¥à¤¸à¤¾à¤¹à¥€ आसà¥à¤¥à¤¾ जिहादी सकà¥à¤·à¤®à¤¤à¤¾ और इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤šà¤¤à¤¾ की à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ से यूरोप की कà¥à¤·à¤°à¤¿à¤¤ ईसाइयत से अधिक à¤à¤¿à¤¨à¥à¤¨ है. इसी अनà¥à¤¤à¤° के चलते मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ यूरोप को धरà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¤£ और नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ के परिपकà¥à¤µ महादà¥à¤µà¥€à¤ª मानते हैं. डेनियल कà¥à¤›à¥‡à¤• मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® धरà¥à¤® गà¥à¤°à¥à¤“ं के अहंकारी सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š à¤à¤¾à¤µ से यà¥à¤•à¥à¤¤ दावों के उदाहरण सामने रखते है जैसे उमर बकरी मोहमà¥à¤®à¤¦ ने कहा “ मैं बà¥à¤°à¤¿à¤Ÿà¥‡à¤¨ को à¤à¤• इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ राजà¥à¤¯ के रूप में देखना चाहता हूà¤. मैं इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¥€ धà¥à¤µà¤œ को 10 डाउनिंग सà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤Ÿ में फहराते देखना चाहता हूऔ. या फिर बेलà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤® मूल के à¤à¤• इमाम की à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯à¤µà¤¾à¤£à¥€ “ जैसे ही हम इस देश पर नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ कर लेंगे जो हमारी आलोचना करते हैं हमसे कà¥à¤·à¤®à¤¾ याचना करेंगे. उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हमारी सेवा करनी होगी. तैयारी करो समय निकट है. डेनियल इससे à¤à¥€ आगे बà¥à¤•à¤° à¤à¤• à¤à¤¸à¥€ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ का चितà¥à¤° à¤à¥€ खींचते हैं जहाठअमेरिका की नौसेना के जहाज यूरोप से यूरोपियन मूल के लोगों के सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ निकास के लिये दूर-दूर तक तैनात होंगे.
यूरोप में तेजी से बà¥à¤¤à¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® जनसंखà¥à¤¯à¤¾ के साथ इस महादà¥à¤µà¥€à¤ª के साथ इनके लमà¥à¤¬à¥‡ धारà¥à¤®à¤¿à¤• संबधों पर रौशनी डालते हà¥à¤ डेनियल कहते है कि इस अवसà¥à¤¥à¤¾ में तीन रासà¥à¤¤à¥‡ ही बचते हैं- सदà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• आतà¥à¤®à¤¸à¤¾à¤¤à¥€à¤•à¤°à¤£, मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को निकाला जाना या फिर यूरोप पर इनका नियनà¥à¤¤à¥à¤°à¤£ हो जाना. इन परिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• निकट सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कौन सी है यह यूरोपवासियों को सोचना होगा.
पà¥à¤°à¥‹à¤«à¥‡à¤¸à¤° थॉमस होमर-डिकà¥à¤¸à¤¨ कहते हैं कि इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• शरणारà¥à¤¥à¥€ यूरोप के लिठचà¥à¤¨à¥Œà¤¤à¥€ बड़ी है. कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये मधà¥à¤¯-पूरà¥à¤µ और अफà¥à¤°à¥€à¤•à¤¾ के असà¥à¤¥à¤¿à¤° इलाकों के क़रीब है. यहां की उठा-पटक और आबादी की à¤à¤—दड़ का सीधा असर पहले यूरोप पर पड़ेगा. हम आतंकी हमलों की शकà¥à¤² में à¤à¤¸à¤¾ होता देख à¤à¥€ रहे हैं. अमरीका, बाक़ी दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ से समंदर की वजह से दूर है. इसलिठवहां इस उठा-पटक का असर देर से होगा.जब अलग-अलग धरà¥à¤®à¥‹à¤‚, समà¥à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚, जातियों और नसà¥à¤²à¥‹à¤‚ के लोग à¤à¤• देश में à¤à¤•-दूसरे के आमने-सामने होंगे, तो à¤à¤—ड़े बà¥à¥‡à¤‚गे. पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ देशों में शरणारà¥à¤¥à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ की बाॠआने के बाद यही होता दिख रहा है. वहीं कà¥à¤› जानकारों का ये à¤à¥€ कहना है कि हो सकता है पशà¥à¤šà¤¿à¤®à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤à¤‚ ख़तà¥à¤® ना हों लेकिन उनका रंग-रूप जरूर बदलेगा. लोकतंतà¥à¤°, उदार समाज जैसे फलसफे मिटà¥à¤Ÿà¥€ में मिल जाà¤à¤‚गे. चीन जैसे अलोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• देश, इस मौक़े का फायदा उठाà¤à¤‚गे. à¤à¤¸à¤¾ होना à¤à¥€ à¤à¤• तरह से सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ का पतन ही कहलाà¤à¤—ा. किसी à¤à¥€ सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ की पहचान वहां के जीवन मूलà¥à¤¯ और सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚त होते हैं. अगर वही नहीं रहेंगे, तो सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾ को जिंदा कैसे कहा जा सकता है? यह आज यूरोपियन लोगों के लिठसबसे बड़ा सवाल है. लेखक राजीव चौधरी
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