लिंगायतः धरà¥à¤®à¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ का कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° बना करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•
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Rajeev ChoudharyDate
24-Mar-2018Category
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24-Mar-2018Download PDF
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लिंगायतः धरà¥à¤®à¤¯à¥à¤¦à¥à¤§ का कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° बना करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤•
कला, संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ से लेकर à¤à¤—वान और धरà¥à¤® à¤à¥€ राजनीति के कटघरे में खड़ा नजर आ रहा है। यह सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ बनी और कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¥€ ही सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ हमेशा बनी रहेगी? यदि समय रहते इन सवालों के हल नहीं खोजे गये तो शायद पशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¤¾à¤ª के अलावा कà¥à¤› नहीं बचेगा। इन दिनों करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• धरà¥à¤® यà¥à¤¦à¥à¤§ का कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° बना हà¥à¤† है। राजनैतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ इस कà¥à¤°à¥à¤•à¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤° में आमने-सामने खड़ी हैं। करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• की सिदà¥à¤§à¤¾à¤°à¤®à¥ˆà¤¯à¤¾ सरकार ने विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ से ठीक पहले लिंगायत समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को अलग धरà¥à¤® का दरà¥à¤œà¤¾ देने की मांग मान ली है। इस पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ को मंजूरी के लिठकेंदà¥à¤° के पास à¤à¥‡à¤œà¤¾ गया है। लिंगायत की मांग पर विचार करने के लिठकà¥à¤› समय पहले नागमोहन दास समिति गठित की गई थी। अब अगर केंदà¥à¤° की मोहर इस पर लगती है तो à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¤• और नये धरà¥à¤® लिंगायत का जनà¥à¤® हो जायेगा। जैन धरà¥à¤®, बौदà¥à¤§ धरà¥à¤® और सिख धरà¥à¤® के बाद लिंगायत का जनà¥à¤® होना सनातन धरà¥à¤® पर पड़ने वाली ये आधà¥à¤¨à¤¿à¤• चोट होगी।
साथ ही सवाल ये à¤à¥€ है कि लिंगायत कौन है और ये लोग कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ अपने लिठअलग धरà¥à¤® की मांग कर रहे हैं? कà¥à¤¯à¤¾ इसका कारण राजनैतिक है या धारà¥à¤®à¤¿à¤•? उपरोकà¥à¤¤ सà¤à¥€ सवाल नई बहस और राजनीति को जनà¥à¤® देने के साथ ही आज सनातन धरà¥à¤® के मानने वालों से आतà¥à¤®à¤®à¤‚थन की मांग à¤à¥€ कर रहे है। अगर जातियों, उपजातियों, छà¥à¤†à¤›à¥à¤¤ और सामाजिक à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ के आधार पर सनातन धरà¥à¤® से ये शाखाà¤à¤‚ इसी तरह टूटती गयी तो सनातन में कà¥à¤¯à¤¾ बचेगा? कà¥à¤¯à¤¾ सनातन सिरà¥à¤« शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में इतिहास के पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨à¤ªà¤¤à¥à¤° का à¤à¤• पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ बनकर रह जायेगा?
पिछले वरà¥à¤· लिंगायत समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ की पहली महिला जगतगà¥à¤°à¥ माते महादेवी ने बेलगाव की सà¤à¤¾ में लिंगायत की अलग धरà¥à¤® के रूप में मांग को लेकर चरà¥à¤šà¤¾ को तेज कर दिया था। उसी समय इस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ में तेजी आई कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• चà¥à¤¨à¤¾à¤µ निकट है अतः सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠदल ने पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶ में 17 फीसदी लिंगायत जनसà¤à¤–à¥à¤¯à¤¾ को वोटों के रूप में देखते हà¥à¤ अलग धरà¥à¤® की मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ देने को तैयार हो गये। सामाजिक रूप से लिंगायत उतà¥à¤¤à¤°à¥€ करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• की पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ जातियों में गिनी जाती है। राजà¥à¤¯ के दकà¥à¤·à¤¿à¤£à¥€ हिसà¥à¤¸à¥‡ में à¤à¥€ लिंगायत लोग रहते हैं। लिंगायत का विधानसà¤à¤¾ की तकरीबन 100 सीटों पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ माना जाता है। करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• के पूरà¥à¤µ मà¥à¤–à¥à¤¯à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ और à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ के वरिषà¥à¤ नेता बीà¤à¤¸ येदियà¥à¤°à¤ªà¥à¤ªà¤¾ इसी समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ से आते हैं। शिवराज सिंह चौहान à¤à¥€ लिंगायत हैं।
कहा जा रहा है कि 1904 में अखिल à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ वीरशैव महासà¤à¤¾ जोकि लिंगायत समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ का पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¨à¤¿à¤§à¤¿à¤¤à¥à¤¤à¥à¤µ करती हैं के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आयोजित महासà¤à¤¾ में à¤à¤• पà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤µ पारित किया गया जिसमें कहा गया कि लिंगायत समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® का ही à¤à¤¾à¤— है किनà¥à¤¤à¥ आज लिंगायत अपने लिठबौदà¥à¤§ जैन और सिखों की तरह सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤° धरà¥à¤® की मांग कर रहे हैं। मांग कà¥à¤› à¤à¥€ हो लेकिन परà¥à¤¦à¥‡ के आगे धरà¥à¤® है लेकिन इसके पीछे खड़ी राजनीति अपना खेल दिखा रही है, कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि केंदà¥à¤° सरकार इस पर आसानी से अपनी मोहर लगाà¤à¤—ी नहीं! इस कारण लिंगायत वोट सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠदल अपने पकà¥à¤· में करने में कामयाब हो जायेगा। साफ कहें तो दà¥à¤¬à¤¾à¤°à¤¾ पांच वरà¥à¤· के शासन की महतà¥à¤µà¤•à¤¾à¤‚कà¥à¤·à¤¾ सनातन धरà¥à¤® को दो फाड़ कर रही है।
आज à¤à¤²à¥‡ ही कà¥à¤› लोग लिंगायत की मांग का समरà¥à¤¥à¤¨ कर इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं से अलग करने का पà¥à¤°à¤œà¥‹à¤° समरà¥à¤¥à¤¨ करके इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ राजà¥à¤¯ के अनà¥à¤¯ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को अलग-अलग बता रहे हां लेकिन ऑल इंडिया वीरशैव महासà¤à¤¾ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤· पद पर 10 साल से à¤à¥€ जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ अरà¥à¤¸à¥‡ तक रहे à¤à¥€à¤®à¤¨à¥à¤¨à¤¾ खांदà¥à¤°à¥‡ जैसे लोग जोर देकर कहते हैं, ये कà¥à¤› à¤à¤¸à¤¾ है जैसे इंडिया à¤à¤¾à¤°à¤¤ है और à¤à¤¾à¤°à¤¤ इंडिया है। वीरशैव और लिंगायतों में कोई अंतर नहीं है। बारहवीं सदी के लिंगायतों के गà¥à¤°à¥ बासवनà¥à¤¨à¤¾ ने अपने पà¥à¤°à¤µà¤šà¤¨à¥‹à¤‚ के सहारे जो समाजिक मूलà¥à¤¯ दिठथे, अब वे बदल गठहैं। हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® की जिस जाति वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ का विरोध किया गया था, वो लिंगायत समाज में पैदा हो गया है।
लिंगायत समाज अंतररà¥à¤œà¤¾à¤¤à¥€à¤¯ विवाहों को मानà¥à¤¯à¤¤à¤¾ नहीं देता, हालांकि बासवनà¥à¤¨à¤¾ ने ठीक इसके उलट बात कही थी। लिंगायत समाज में सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी (पà¥à¤°à¥‹à¤¹à¤¿à¤¤ वरà¥à¤—) की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ वैसी ही हो गई जैसी बासवनà¥à¤¨à¤¾ के समय बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¥‹à¤‚ की थी।
कहा जाता है सनातन संदरà¥à¤ में धरà¥à¤® जीवन के सà¤à¥€ पकà¥à¤·à¥‹à¤‚ को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करता है। उसमें सामाजिक और वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ पकà¥à¤· के साथ-साथ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ और à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ इन तीनां का सà¥à¤‚दर समनà¥à¤µà¤¯ है। लेकिन यहां धरà¥à¤® केवल उपासना, पूजा, और ईशà¥à¤µà¤° पर विशà¥à¤µà¤¾à¤¸ के बजाय राजनितिक आसà¥à¤¥à¤¾ बना दिया गया है। राजनीति और धरà¥à¤® दोनों ही à¤à¤¸à¥‡ विषय हैं जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ कà¤à¥€ à¤à¥€ अलग नहीं किया जा सकता है। चिंतन इस बात पर होना चाहिठकि राजनीति की दिशा और दशा कà¥à¤¯à¤¾ है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि ये दोनों ही विषय हर वरà¥à¤— के जीवन को पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ करते हैं। राजनीति और धरà¥à¤® का संबंध आदिकाल से है। बस हमें धरà¥à¤® का अà¤à¤¿à¤ªà¥à¤°à¤¾à¤¯ समà¤à¤¨à¥‡ की जरूरत है। वैदिक काल में जब हम जाते हैं तो यही देखने को मिलता है कि धरà¥à¤® हमें जोड़ने और जनहित में काम करने का पाठपà¥à¤¾à¤¤à¤¾ था। यह इतना सशकà¥à¤¤ था कि राजा à¤à¥€ इसके विरà¥à¤¦à¥à¤§ कोई आचरण नहीं कर सकता था। à¤à¤¸à¤¾ होने पर धरà¥à¤® संगत निरà¥à¤£à¤¯ लेकर राजा को à¤à¥€ दंडित किठजाने की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ थी।
आज à¤à¤¾à¤°à¤¤ में राजनीतिक दल ही धरà¥à¤® विरासत के ठेकेदार बन धरà¥à¤® को दंडित करते दिखाई दे रहे हैं। धरà¥à¤® के नाम पर अपनी सतà¥à¤¤à¤¾ और राजनीतिक मैदान तैयार हो रहे हैं। धरà¥à¤® ने जो शिकà¥à¤·à¤¾ दी, वह तो पीछे रह गई। à¤à¤¸à¥‡ में सवाल उठना लाजमी है कि राजनीति धरà¥à¤® के लिठहो रही है या राजनीति के लिठधरà¥à¤® की आड़ ली जा रही है? जहां धरà¥à¤® मनà¥à¤·à¥à¤¯ को जोडता है, वहीं राजनीति ने मानवता को विà¤à¤¾à¤œà¤¿à¤¤ कर दिया है। हालाà¤à¤•à¤¿ लिंगायत को अलग धरà¥à¤® का दरà¥à¤œà¤¾ देने का अंतिम अधिकार केंदà¥à¤° सरकार के पास है। राजà¥à¤¯ सरकारें इसको लेकर सिरà¥à¤« अनà¥à¤¶à¤‚सा कर सकती है। लिंगायत को अलग धरà¥à¤® का दरà¥à¤œà¤¾ मिलने पर समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को मौलिक अधिकारों (अनà¥à¤šà¥à¤›à¥‡à¤¦ 25-28) के तहत अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• का दरà¥à¤œà¤¾ à¤à¥€ मिल सकता है। जो फिलहाल मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®, सिख, ईसाई, बौदà¥à¤§ पारसी और जैन को अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• का दरà¥à¤œà¤¾ हासिल है लेकिन कब तक! यदि यही हाल चलता रहा तो à¤à¤• दिन हिनà¥à¤¦à¥‚ à¤à¥€ अलà¥à¤ªà¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• दरà¥à¤œà¤¾ पाने की कतार में सबसे आगे खड़े दिखेंगे?
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