कà¥à¤¯à¤¾ अब चरà¥à¤š तय करेंगे देश की सियासत
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Rajeev ChoudharyDate
23-May-2018Category
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HindiTotal Views
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23-May-2018Download PDF
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देश में लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ रहे हां या किसी राजà¥à¤¯ के विधानसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ, दिलà¥à¤²à¥€ की जामा मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ के शाही इमाम के हर à¤à¤• चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में किसी न किसी पारà¥à¤Ÿà¥€ को वोट देने के फतवों से सà¤à¥€ लोग वाकिफ होंगे। उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ की तरà¥à¤œ पर अब à¤à¤¸à¥€ दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ ईसाई मत को मानने वाले चरà¥à¤šà¥‹ के पादरियों ने à¤à¥€ खोल ली हैं। लोकसà¤à¤¾ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ 2019 से पहले सतà¥à¤¤à¤¾à¤°à¥‚ॠदल के खिलाफ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ चलाने की तैयारी में ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ मैदान में उतर आये हैं। इस बार दिलà¥à¤²à¥€ के कैथोलिक चरà¥à¤š के मà¥à¤–à¥à¤¯ पादरी अनिल कोटो ने दिलà¥à¤²à¥€ के दूसरे पादरियों को चिटà¥à¤ ी लिखी है इसमें कहा गया है कि देश का लोकतंतà¥à¤° खतरे में है, जिसका बचना बेहद जरूरी है। à¤à¤¸à¥‡ में 2019 में होनेवाले आम चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ में रहने वाले कैथोलिकों को पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ करनी चाहिà¤à¥¤
कैथोलिक चरà¥à¤š के मà¥à¤–à¥à¤¯ पादरी अनिल कोटो के इस बयान और कारनामे से साफ है कि 2019 में होने वाले आम चà¥à¤¨à¤¾à¤µ के लिठपादरी किसी à¤à¤• पकà¥à¤· में लामबंद हो रहे हैं। जिसे देखकर लगता है कि ईसाई पादरी अब जीसस की पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ छोड़कर राजनितिक दलों की à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ में लीन हो रहे हैं। इससे पहले गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में à¤à¥€ चरà¥à¤š ने सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• धà¥à¤°à¥à¤µà¥€à¤•à¤°à¤£ का सीधा पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ किया था। गांधीनगर के आरà¥à¤š बिशप (पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ पादरी) थॉमस मैकवान ने चिटà¥à¤ ी लिखकर ईसाई समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ के लोगों से अपील की थी कि वे गà¥à¤œà¤°à¤¾à¤¤ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में ‘राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤µà¤¾à¤¦à¥€ ताकतों’ को हराने के लिठमतदान करें। यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ तौर पर सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के निरà¥à¤£à¤¯ à¤à¤µà¤‚ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ आयोग की आचार संहिता का उलà¥à¤²à¤‚घन किया गया था।
ये à¤à¤• दो पà¥à¤°à¤¯à¤¾à¤¸ नहीं है नागालैणà¥à¤¡ में समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ चà¥à¤¨à¤¾à¤µ में à¤à¥€ बैपटिसà¥à¤Ÿ चरà¥à¤š की तरफ से कहा गया था कि जीसस के अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ पैसे और विकास की बात के नाम पर ईसाई सिदà¥à¤¦à¤¾à¤‚तो और शà¥à¤°à¤¦à¥à¤§à¤¾ को उन लोगों के हाथों में न सौंपे जो यीशॠमसीह के दिल को घायल करने की फिराक में रहते हैं। राजà¥à¤¯ में बैपटिसà¥à¤Ÿ चरà¥à¤šà¥‹à¤‚ की सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š संसà¥à¤¥à¤¾ नागालैंड बैपटिसà¥à¤Ÿ चरà¥à¤š परिषदॠने नगालैंड की सà¤à¥€ पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के अधà¥à¤¯à¤•à¥à¤·à¥‹à¤‚ के नाम यह à¤à¤• खà¥à¤²à¤¾ खत लिखा था। किनà¥à¤¤à¥ इस बार तो राजधानी दिलà¥à¤²à¥€ में बैठे पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨ पादरी कोटो अपनी इस चिटà¥à¤ ी लिख रहे कि सिरà¥à¤« पादरी ही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ हर कà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¨ संगठन और उसकी ओर à¤à¥à¤•à¤¾à¤µ रखने वाले सगंठन और धारà¥à¤®à¤¿à¤• संसà¥à¤¥à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ à¤à¥€ उनके इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ में उनका साथ दें, कोटो लिख रहे है कि हमें अगले चà¥à¤¨à¤¾à¤µ को धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ में रखते हà¥à¤ हर शà¥à¤•à¥à¤°à¤µà¤¾à¤° को इस अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ के तहत काम करना चाहिà¤à¥¤
à¤à¤• तरफ तो इस चिठà¥à¤ ी में संवेधानिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ को बचाने की अपील की जा रही है। लेकिन दूसरी तरफ ही à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान को धता बताया जा रहा है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि सरà¥à¤µà¥‹à¤šà¥à¤š नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¾à¤²à¤¯ के आदेशनà¥à¤¸à¤¾à¤° कोई à¤à¥€ धरà¥à¤®, जाति, समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ या à¤à¤¾à¤·à¤¾ इतà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿ के आधार पर वोट नहीं माà¤à¤— सकता। यहाठतक कि धारà¥à¤®à¤¿à¤• नेता à¤à¥€ अपने समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ को किसी उमà¥à¤®à¥€à¤¦à¤µà¤¾à¤° या पारà¥à¤Ÿà¥€ के पकà¥à¤· में मतदान करने के लिठनहीं कह सकता। किनà¥à¤¤à¥, जिनकी आसà¥à¤¥à¤¾à¤à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ के संविधान की जगह राजनितिक दलों में हों, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ संविधान या संवैधानिक संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के निरà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ की चिंता नहीं होती बलà¥à¤•à¤¿, उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ उनकी चिंता अधिक रहती है, जो उनके सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ धारà¥à¤®à¤¿à¤• à¤à¤œà¥‡à¤‚डे को पूरा करें।
बताया जाता है अंगà¥à¤°à¥‡à¤œà¥‹à¤‚ ने अपने शासन के दौरान देश में सà¤à¥€ जगह इसाई मिशनरियों को खूब पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¨ दिया गया इसका असर यह हà¥à¤† कि यहां चरà¥à¤š ने बड़ी तेजी से अपने पांव पसारे परनà¥à¤¤à¥ पूरी ताकत à¤à¥‹à¤‚कने के बाद à¤à¥€ पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° के कà¥à¤› राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ को छोड़कर पूरी तरह देश को कà¥à¤°à¥‰à¤¸ की छाया के नीचे नहीं ला पाई। à¤à¤¸à¥‡ में जब इनके धारà¥à¤®à¤¿à¤• सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥à¥‹ की पूरà¥à¤¤à¤¿ नहीं हो रही है तब ये अपने राजनितिक सà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ लेकर मैदान में उतर रहे है। शायद इसी कारण सवाल खड़ें हो रहें कि जब हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤®à¤¾à¤šà¤¾à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤‚ à¤à¤µà¤‚ संगठनों के सामानà¥à¤¯ से बयान पर बखेड़ा खड़ा करने वाले मीडिया घराने, पतà¥à¤°à¤•à¤¾à¤°, सामाजिक संगठन à¤à¤µà¤‚ राजनीतिक विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤• चरà¥à¤š के सांपà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¤¿à¤• à¤à¤œà¥‡à¤‚डे पर कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ मौन है? कà¥à¤¯à¤¾ इन लोगों को कैथोलिक चरà¥à¤š के मà¥à¤–à¥à¤¯ पादरी अनिल कोटो की इस चिटà¥à¤ ी में कोई खोट नजर नहीं आ रहा है। जबकि यह सीधी तरह समाज को बाà¤à¤Ÿà¤¨à¥‡ का कारà¥à¤¯ है?
आज वह लोग à¤à¥€ चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ साधे बैठे हैं, जो धरà¥à¤® को राजनीति से दूर रखने की वकालत करते हैं वह à¤à¥€ मà¥à¤‚ह में गà¥à¥œ दबाकर बैठगये जिनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤¾à¤°à¤¤ माता की जय और वनà¥à¤¦à¥‡à¤®à¤¾à¤¤à¤°à¤® कहने मातà¥à¤° से देश दो फाड़ होता दिखाई देता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ आज राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¤—ान तक पर शोर मचाने वाले राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ विचार को देश के लोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• ताने-बाने को खतरा मानने वाले बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ इस चिठà¥à¤ ी से किनारा करते नजर आ रहे है? शायद अंतर केवल इतना है कि अगर इस तरह काम मठ-मंदिर करें तो उसका हलà¥à¤²à¤¾ मच जाता है परनà¥à¤¤à¥ चरà¥à¤š की अलोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• राजनीति उसकी घंटियों के शोर में दब जाती है?
सब जानते है यह देश न वेटिकन से चलेगा न नागपà¥à¤° से न ही किसी मठसे और न ही किसी मसà¥à¤œà¤¿à¤¦ से यह देश संविधान से चलेगा यदि कोई इसे अपनी मानसिकता से चलाना चाहता तो उसके लिठइस देश में कोई सà¥à¤¥à¤¾à¤¨ नहीं है। जिस तरह à¤à¤• वरà¥à¤· पहले ही लोकतंतà¥à¤° को खतरे में बताकर देश के कà¥à¤°à¤¿à¤¶à¥à¤šà¤¿à¤¯à¤¨à¥‹à¤‚ से à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿ होने और चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ अà¤à¤¿à¤¯à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥‚ करने की अपील की जा रही है. इस सबसे शायद अब चरà¥à¤š में पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ होती देख ईसा मसीह की मन की गहराई तक उतर जाने वाली शांति के बजाय लोगों के जेहन में यही बात आये कि यह कोई चà¥à¤¨à¤¾à¤µà¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤°à¥à¤¥à¤¨à¤¾ हो रही होगी, किसके पकà¥à¤· में मतदान करना और किसका बहिषà¥à¤•à¤¾à¤° इसका फैसला हो रहा होगा या फिर चरà¥à¤š में इकà¥à¤•à¤ ा लोग सरकार के खिलाफ कोई अलोकतांतà¥à¤°à¤¿à¤• फतवा जारी कर रहे होंगे।
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