कतà¥à¤² और खून यह कैसी आसà¥à¤¥à¤¾
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Rajeev ChoudharyDate
16-Jan-2019Category
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RajeevUpload Date
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यूरोप में पशॠवध के मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और यहूदी तरीकों पर à¤à¤• जनवरी से पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¬à¤‚ध लागू कर दिया गया हैं. बेलà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤® के पशॠअधिकार समूह के गà¥à¤²à¥‹à¤¬à¤² à¤à¤•à¥à¤¶à¤¨ के निदेशक à¤à¤¨ डी गà¥à¤°à¥€à¤« ने जोर देकर कहा है कि आसà¥à¤¥à¤¾ के नाम पर पशॠवध का मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और यहूदी तरीका à¤à¤•à¤¦à¤® अमानवीय है. जीव अधिकारों से जà¥à¥œà¥‡ कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾ लंबे समय से इस कानून की मांग कर रहे थे, लेकिन यहूदी और इसà¥à¤²à¤¾à¤®à¤¿à¤• नेता इसे उदारवादी à¤à¤œà¥‡à¤‚डे की आड़ में धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं पर हमला बता रहे हैं.
इस कानून के विरोध में बेलà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤® की सड़कों पर यहूदी और इसà¥à¤²à¤¾à¤® के मानने वाले पà¥à¤°à¤¦à¤°à¥à¤¶à¤¨ कर अपना विरोध जता रहे है लेकिन वहां की सरकार अà¤à¥€ अपने इस फैसले पर अडिग दिखाई दे रही है. सरकार का कहना है कि लोग आसà¥à¤¥à¤¾ और धरà¥à¤® के नाम पर मधà¥à¤¯ यà¥à¤— में रहना चाहते हैं लेकिन बेलà¥à¤œà¤¿à¤¯à¤® में कानून धरà¥à¤® से ऊपर है और वह उसी तरह रहेगा.
मà¥à¤à¥‡ नहीं पता इस कानून से उनकी धारà¥à¤®à¤¿à¤• आसà¥à¤¥à¤¾ की सà¥à¤µà¤¤à¤‚तà¥à¤°à¤¤à¤¾ कितनी पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤¤ हो रही है. लेकिन यह जरà¥à¤° पता है कि आसà¥à¤¥à¤¾, परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ और मजहब के नाम पर निरीह पशà¥à¤“ं दरà¥à¤¦à¤¨à¤¾à¤• मौत जरà¥à¤° दी जा रही हैं. इसके लिठसà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ पशà¥à¤“ं का चà¥à¤¨à¤¾à¤µ किया जाता है इसके बाद मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® हलाल और यहूदी कोषेर नियमों के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° जानवरों को तड़फा-तड़फाकर मारते हैं.
जबकि उतà¥à¤¸à¤µ कोई à¤à¥€ हो उसका उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ होता है à¤à¤• साथ खà¥à¤¶à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ मनाना. लेकिन कà¥à¤› उतà¥à¤¸à¤µ à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥€ हैं जिनमें परमà¥à¤ªà¤°à¤¾à¤“ं के नाम पर पशà¥à¤“ं के साथ खà¥à¤²à¥‡ आम बरà¥à¤¬à¤°à¤¤à¤¾ दिखाई जाती है. मजहब, आसà¥à¤¥à¤¾ और अलà¥à¤²à¤¾à¤¹ के नाम पर सबसे बड़ी कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾ का नाम है कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ जिसमें पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤µà¤°à¥à¤· करोड़ों निरीह जानवरों के साथ कà¥à¤°à¥‚रता की सारी हदें लांघ दी जाती है और अंधी आसà¥à¤¥à¤¾ में डूबे लोग इसे तà¥à¤¯à¥Œà¤¹à¤¾à¤° का नाम देते हैं.
à¤à¤¸à¥‡ ही à¤à¤• उतà¥à¤¸à¤µ नेपाल के देवपोखरी बड़ी ही धूम-धाम और संवोदनहीन होकर मनाया जाता है. यहां संवेदनाà¤à¤‚ सिरà¥à¤« छोटे मासूम बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की आंखों में दिखाई देती हैं, जो बेजà¥à¤¬à¤¾à¤¨ जानवर के साथ हो रही कà¥à¤°à¥‚रता का मंजर हर साल अपनी आंखों से देखते हैं. हालाà¤à¤•à¤¿ नेपाल के गà¥à¥€à¤®à¤¾à¤ˆ मंदिर में दी जाने वाली लाखों पशà¥à¤“ं की बलि पर रोक लग गई है. जिसे संवेदना के सà¥à¤µà¤¯à¤‚ गà¥à¥€à¤®à¤¾à¤ˆ मंदिर टà¥à¤°à¤¸à¥à¤Ÿ ने आगे बà¥à¤•à¤° इस कà¥à¤°à¥‚र पà¥à¤°à¤¥à¤¾ पर रोक लगाई थी इस मंदिर में हर पांचवें साल में होने वाली पूजा में लाखों पशà¥à¤“ं की बलि दी जाती थी.
सालों पहले à¤à¤¾à¤°à¤¤ में à¤à¥€ कà¥à¤› मंदिरों में पशॠबलि पà¥à¤°à¤¥à¤¾ का रिवाज था जो अब कानून के माधà¥à¤¯à¤® से रोक दिया गया है. अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸ में घिरे लोगों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ देवताओं को पà¥à¤°à¤¸à¤¨à¥à¤¨ करने के लिठबलि का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जाता था. लेकिन हिनà¥à¤¦à¥‚ धरà¥à¤® से जà¥à¥œà¥‡à¤‚ कà¥à¤› विचारक और आरà¥à¤¯ समाज जैसी संसà¥à¤¥à¤¾à¤“ं के घोर विरोध के कारण आज यह पà¥à¤°à¤¥à¤¾ ना मातà¥à¤° को ही शेष बची है यदि कहीं बची à¤à¥€ है तो खà¥à¤²à¥‡ तौर पर इसे नहीं मनाया जाता हैं.
à¤à¤¾à¤°à¤¤ समेत पूरे विशà¥à¤µ में मानवीय संवेदनाओं को किनारे कर इसà¥à¤²à¤¾à¤® और यहूदी मत से जà¥à¥œà¥‡ लोग आज à¤à¥€ इसकी वकालत करते दीखते हैं. जबकि ये बरà¥à¤¬à¤° थी और बरà¥à¤¬à¤° ही है. ईशà¥à¤µà¤° के नाम पर किसी का ख़ून बहाने के बजाय किसी को ख़ून देना, कहीं जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ पवितà¥à¤° काम है. ईशà¥à¤µà¤° के नाम पर अपना रकà¥à¤¤à¤¦à¤¾à¤¨ करना न सिरà¥à¤« मानवीय है, बलà¥à¤•à¤¿ इससे आप किसी की जान बचा सकते हैं.
किनà¥à¤¤à¥ इसके उलट बकरीद पर बहà¥à¤¤ से जानवरों को बहà¥à¤¤à¤¾à¤¯à¤¤ में मारा जाता है, और उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ खाया à¤à¥€ जाये यह जरूरी नहीं. बहà¥à¤¤ से ऊंटों की à¤à¥€ कà¥à¤°à¥à¤¬à¤¾à¤¨à¥€ दी जाती है और आप सोच सकते हैं कि आसà¥à¤¥à¤¾ के नाम पर यह वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤° कितना बड़ा होता होगा. जानवरों के कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ के लिठकाम करने वाले कारà¥à¤¯à¤•à¤°à¥à¤¤à¤¾à¤“ं का कहना है कि इस परंपरा के चलते जानवरों को कतà¥à¤² के समय असहनीय दरà¥à¤¦ सहना पड़ता है जबकि धारà¥à¤®à¤¿à¤• नेताओं का कहना है कि परंपरागत तरीके में à¤à¥€ जानवरों को कोई दरà¥à¤¦ नहीं होता.
मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और यहूदी धरà¥à¤® के धारà¥à¤®à¤¿à¤• नेता हमेशा इस तरह के तरीके को सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करते हैं और इसे ईशà¥à¤µà¤° का कानून समà¤à¤¤à¥‡ है कà¥à¤¯à¤¾ कोई तारà¥à¤•à¤¿à¤• वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यह सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° कर सकता है कि ईशà¥à¤µà¤° अपने बनाठजीवों की हतà¥à¤¯à¤¾ का आदेश देंगा? बेशक धरà¥à¤® के नाम पर जानवरों की बलि देना à¤à¤• पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ परंपरा रही है, लेकिन निरà¥à¤¦à¤¯à¥€ रिवाजों को ख़तà¥à¤® करने का काम तो अब तो सà¤à¥€ को मिलकर करना चाहिà¤. लोगों को सà¥à¤µà¤¯à¤‚ विचार करना चाहिठकि जो परंपराà¤à¤‚ सदियों से चली आ रही हैं, पर ये किस समय और किस उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से बनाई गई थीं, कम से कम इस पर बहस से तो शà¥à¤°à¥‚आत की ही जा सकती है.
आज तारà¥à¤•à¤¿à¤• बहस कर समाधान खोजना चाहिà¤. धरà¥à¤® और पूजा में निसà¥à¤µà¤¾à¤°à¥à¤¥ à¤à¤¾à¤µ, शांति और मानवता ही सिखाई जाती है. यदि उसके किसी कà¥à¤°à¤¿à¤¯à¤¾ कलाप में दानवता है तो कà¥à¤¯à¤¾ वहां धरà¥à¤® होगा? मानवता को जिंदा रखने का नाम धरà¥à¤® है, फिर चाहे आप किसी à¤à¥€ मत या पंथ को कà¥à¤¯à¥‹à¤‚ न मानते हों. दया और सà¥à¤¨à¥‡à¤¹ से बेहतरीन कोई करà¥à¤® नहीं होता, अगली बार जब किसी जानवर की हतà¥à¤¯à¤¾ कर किसी परमà¥à¤ªà¤°à¤¾ या पà¥à¤°à¤¥à¤¾ को निà¤à¤¾à¤¨à¥‡ का मन हो तो चाकू पहले अपनी अंगà¥à¤²à¥€ पर चलाकर देखिये यदि दरà¥à¤¦ का अहसास हो तो फिर उस निरीह पशॠकी आंखों में देखिये वह आपको अलग-अलग तरह से अपनी आंखों आà¤à¤¾à¤° वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤ कर रहा होगा. कम से कम इतना मानवीय वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° तो अपने अनà¥à¤¦à¤° सिमित रखिठकि अब पशà¥à¤“ं को à¤à¥€ यूरोप की तरह अदालतों की ओर देखना न पड़ें..
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