नशा – मनà¥à¤·à¥à¤¯ का महानॠशतà¥à¤°à¥
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Manmohan Kumar AryaDate
21-Jan-2019Category
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HindiTotal Views
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Vikas KumarUpload Date
21-Jan-2019Download PDF
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मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वा नशा का सेवन वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿, समाज व देश का पà¥à¤°à¤¬à¤² शतà¥à¤°à¥ है। आज बहà¥à¤¤ से मनà¥à¤·à¥à¤¯ अनेक कारणों से नशीले वा मादक पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सेवन करते हैं। यह à¤à¤• मनोवैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• रोग है। सà¤à¥€ जानते हैं कि नशा मन, मसà¥à¤¤à¤¿à¤·à¥à¤•, बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿, अनà¥à¤¤à¤ƒà¤•à¤°à¤£, शरीर व सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ को बिगाड़ता है। इससे किसी मनà¥à¤·à¥à¤¯, सà¥à¤¤à¥à¤°à¥€ वा पà¥à¤°à¥à¤· को कोई लाठनहीं होता, हानि सबकी निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रà¥à¤ª से होती है। इसी कारण वेदों व हमारे पूरà¥à¤µà¤œ ऋषि-मà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने अपने विसà¥à¤¤à¥ƒà¤¤ वैदिक साहितà¥à¤¯ में कहीं à¤à¥€ मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सेवन का विधान व कथन नशा करने के लिठनहीं किया है। ऋषि दयाननà¥à¤¦ वेदों व वैदिक साहितà¥à¤¯ के मरà¥à¤®à¤œà¥à¤ž हà¥à¤ हैं। उनका वचन है कि मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ वा नशा करने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ की बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ योग-विदà¥à¤¯à¤¾ जैसी सूकà¥à¤·à¥à¤® व अनà¥à¤¯ गहन विदà¥à¤¯à¤¾à¤“ं को जानने व उसको अà¤à¥à¤¯à¤¾à¤¸ दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ सिदà¥à¤§ करने में असफल व अकृतकारà¥à¤¯ रहती है। हमारी दृषà¥à¤Ÿà¤¿ में नशे का सेवन मनà¥à¤·à¥à¤¯ जीवन का हानिकारक कारà¥à¤¯, वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° अथवा आदत है जिसका सेवन करने वाला मनà¥à¤·à¥à¤¯ समाज में अपमानित होता है, उसके शारीरिक बल वा शà¥à¤°à¤® की सामरà¥à¤¥à¥à¤¯ कम होती है और वह कà¥à¤› समय बाद अनेक रोगों से गà¥à¤°à¤¸à¤¿à¤¤ होकर दà¥à¤ƒà¤–ी व सनà¥à¤¤à¤ªà¥à¤¤ रहते हà¥à¤ संसार छोड़ कर चला जाता है। करà¥à¤®à¤«à¤² के सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ से à¤à¥€ इस घटना का विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करना उचित है। विशà¥à¤²à¥‡à¤·à¤£ करने पर यह पाया जाता है कि, नशा करने से मनà¥à¤·à¥à¤¯ को इस जनà¥à¤® में तो आरà¥à¤¥à¤¿à¤• हानि, सामाजिक अपमान, अलà¥à¤ªà¤¾à¤¯à¥ व शारीरिक रोगों से तà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होना ही पड़ता है अपितॠइसका कà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® उसे ईशà¥à¤µà¤° की वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ से à¤à¤¾à¤µà¥€ जनà¥à¤®-जनà¥à¤®à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤°à¥‹à¤‚ में à¤à¥€ à¤à¥‹à¤—ना पड़ता है। शराब व मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के सेवन का कà¥à¤ªà¤°à¤¿à¤£à¤¾à¤® यह à¤à¥€ देखा गया है कि नशे का सेवन करने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ अपनी पतà¥à¤¨à¥€, माता-पिता व बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ का à¤à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° से पालन पोषण नहीं कर पाता। उसके मेधावी बचà¥à¤šà¥‡ साधनों के अà¤à¤¾à¤µ में सà¥à¤¶à¤¿à¤•à¥à¤·à¤¿à¤¤ न होकर अपने ही कम पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤à¤¾à¤µà¤¾à¤¨à¥ साथियों से पिछड़ जाते हैं, जिसका परिणाम बचà¥à¤šà¥‡ व परिवार-जन तो à¤à¥‹à¤—ते ही हैं, सारा देश व समाज à¤à¥€ à¤à¥‹à¤—ता है कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि यही बचà¥à¤šà¥‡à¤‚ à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ के देश के सैनिक, सचितà¥à¤° डाकà¥à¤Ÿà¤°-इंजीनियर-वà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤¾à¤°à¥€-अधà¥à¤¯à¤¾à¤ªà¤•-नेता-वैजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¿à¤• आदि हो सकते थे। इसके लिठन केवल हमारा धारà¥à¤®à¤¿à¤• व सामाजिक वातावरण ही दोषी है, वहीं इसके लिठहमारी सरकारें à¤à¥€ उतà¥à¤¤à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥€ हैं जो राजसà¥à¤µ के उलट-फेर में इसको पà¥à¤°à¥‹à¤¤à¥à¤¸à¤¾à¤¹à¤¿à¤¤ करती हैं। हमें यह à¤à¥€ लगता है कि सृषà¥à¤Ÿà¤¿ के आदिकाल से महाà¤à¤¾à¤°à¤¤à¤•à¤¾à¤² तक के वैदिक राजà¥à¤¯ में कà¤à¥€ à¤à¥€ इस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के नशीले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सेवन करने की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ व वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ नहीं थी। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ काल के बाद अवà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ होने पर ही सà¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ का सूतà¥à¤°à¤ªà¤¾à¤¤ हà¥à¤† जिसमें से à¤à¤• नशा करने की पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ व सेवन à¤à¥€ हो सकता है परनà¥à¤¤à¥ इसका विसà¥à¤¤à¤¾à¤° देश में विधरà¥à¤®à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के आकà¥à¤°à¤®à¤£ व उनकी सतà¥à¤¤à¤¾ सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ होने पर अधिक हà¥à¤†à¥¤
नशे की आदत मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ को अपराधी पà¥à¤°à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ व पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤à¤¿ का बनाती है। नशा करने वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को नशीले पदारà¥à¤¥ खरीदने के लिठधन की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ होती है। उसे अपनी अनà¥à¤¯ सà¥à¤–-सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं के लिठà¤à¥€ धन चाहिये होता है, उसके पास धन होता नहीं है, अतः उसे अपराधों में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ होने के अतिरिकà¥à¤¤ दूसरा कोई मारà¥à¤— दिखाई नही देता। वह नशीले पदारà¥à¤¥ à¤à¤µà¤‚ अपनी अनà¥à¤¯ आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾à¤“ं की पूरà¥à¤¤à¤¿ के लिठपरिसà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿-वश नाना पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के अपराध करता है जिसमें चोरी, अपहरण, बलातà¥à¤•à¤¾à¤° सहित नशे के पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ से चरितà¥à¤° हनन के कारà¥à¤¯, हतà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚, à¤à¥à¤°à¤·à¥à¤Ÿà¤¾à¤šà¤¾à¤° व अनà¥à¤¯ अनेक अपराध समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं। इसका पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ उस वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ के जीवन पर तो पड़ता ही है, इसके साथ उसका परिवार à¤à¥€ सारा जीवन उसके इस बà¥à¤°à¥‡ काम का फल à¤à¥‹à¤—ता है। यदि नशा करने वाले दोषियों में शामिल वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ पर विचार करें तो शराब व मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सेवन करने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ तो दोषी है ही, वह लोग जो इस नशे करने व कराने के कारà¥à¤¯ में किसी न किसी रूप में समà¥à¤®à¤¿à¤²à¤¿à¤¤ हैं, वह सà¤à¥€ दोषी होते हैं। हमारी वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में शराबी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को ही दोषी माना जाता है उसके सहयोगी अनà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को नहीं। ईशà¥à¤µà¤° व पà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• नà¥à¤¯à¤¾à¤¯ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° किसी वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ को गलत कारà¥à¤¯ में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ कराने वाला à¤à¥€ अपराधी ही होता है। हमारे देश में नशीले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ के सेवन का वà¥à¤¯à¤µà¤¹à¤¾à¤° मà¥à¤–à¥à¤¯à¤¤à¤ƒ विेदेशी विधरà¥à¤®à¥€ हमलावरों व शासकों के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ आया। वह इसका सेवन करते थे और उनà¥à¤¹à¥€à¤‚ के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ इसे देश की जनता में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ किया गया। हमारा देश राम, कृषà¥à¤£, हनà¥à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¥€à¤·à¥à¤®, यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर, विदà¥à¤°, à¤à¥€à¤®, अरà¥à¤œà¥à¤¨, चाणकà¥à¤¯, सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ शंकराचारà¥à¤¯ व महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ आदि का देश रहा है जिसमें कोई à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ नशे के सेवन करने वाला नही होता था। महाà¤à¤¾à¤°à¤¤à¤•à¤¾à¤² से पूरà¥à¤µ के पà¥à¤°à¤¾à¤¯à¤ƒ सà¤à¥€ लोग ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤• होते थे और बाद के à¤à¥€ सà¤à¥€ धारà¥à¤®à¤¿à¤• लोग नशे को पाप जानकर इसका सेवन नहीं करते थे, आज à¤à¥€ नहीं करते। ईशà¥à¤µà¤°à¥‹à¤ªà¤¾à¤¸à¤¨à¤¾ का वैदिक सà¥à¤µà¤°à¥‚प योग पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ है। योग पदà¥à¤§à¤¤à¤¿ में पांच यम और पांच नियमों का पालन करना पड़ता है। नियमों में à¤à¤• नियम शौच à¤à¥€ है। शौच का अरà¥à¤¥ न केवल शरीर की बाहà¥à¤¯ शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ है अपितॠआनà¥à¤¤à¤°à¤¿à¤• शà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ के लिठशà¥à¤¦à¥à¤§ आहार व à¤à¥‹à¤œà¤¨, गोदà¥à¤—à¥à¤§à¤¾à¤¦à¤¿ तथा फलों के सेवन सहित पवितà¥à¤° विचारों व चिनà¥à¤¤à¤¨-मनन से मन को पूरà¥à¤£à¤¤à¤ƒ शà¥à¤¦à¥à¤§ व पवितà¥à¤° रखा जाता है जिसमें मांस, मदिरा, शराब, नशे वा मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सेवन का निषेध समाहित है। अतः वैदिक काल में वैदिक राजा की पà¥à¤°à¤œà¤¾ का कोई à¤à¥€ नागरिक मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सेवन नशा कदापि नहीं करता था।
हमारे देश में शराब का सेवन करने वाले लोग अधिकांशतः वह हैं जो निमà¥à¤¨ वरà¥à¤—ीय होते हैं अरà¥à¤¥à¤¾à¤¤à¥ जिन परिवारों की आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ अचà¥à¤›à¥€ नहीं होती। यह सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है कि à¤à¤¸à¥‡ परिवार अधिक शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ नहीं होंगे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आजकल शिकà¥à¤·à¤¾ का वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¤¾à¤¯à¥€à¤•à¤°à¤£ हो गया है जिसे अब मधà¥à¤¯à¤® व उचà¥à¤š वरà¥à¤—ों के परिवार ही पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ कर सकते हैं। अतः हमारे निमà¥à¤¨à¤µà¤°à¥à¤—ीय à¤à¤¾à¤ˆ बचपन से ही कà¥à¤¸à¤‚गति से गà¥à¤°à¤¸à¥à¤¤ होकर अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾à¤µà¤¶ शराब वा नशे का सेवन करने लगते हैं। इससे इनका परिवार रसातल में चला जाता है और सरकार का राजसà¥à¤µ और शराब माफियाओं को लाठहोता है। शराब माफिया यदà¥à¤¯à¤ªà¤¿ देश में उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ हà¥à¤ शिकà¥à¤·à¤¿à¤¤ व उचà¥à¤š आरà¥à¤¥à¤¿à¤• सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ वाले वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ होते हैं परनà¥à¤¤à¥ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की कमी के कारण यह लोग जान ही नहीं पाते कि यह कारà¥à¤¯ देश हित का नहीं अपितॠदेश का अहित करने वाला है। शराब का सेवन न करने देना वा छà¥à¥œà¤¾à¤¨à¥‡ का अधिक दायितà¥à¤µ तो सरकार का है परनà¥à¤¤à¥ दà¥à¤°à¥à¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ व अजà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤¤à¤¾ के कारण राजसà¥à¤µ की वृदà¥à¤§à¤¿ के लिठसरकारें शराब की बिकà¥à¤°à¥€ कराती हैं। शराब से पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ होने वाला राजसà¥à¤µ बहà¥à¤¤ निकृषà¥à¤Ÿ शà¥à¤°à¥‡à¤£à¥€ का होता है। इससे देश का à¤à¤²à¤¾ होने की समà¥à¤à¤¾à¤µà¤¨à¤¾ नहीं की जा सकती। इसका कारण है कि इसमें करोड़ों गरीब देशवासियों के परिवारों, माताओं, शराबियों की पतà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ व बचà¥à¤šà¥‹à¤‚ की आहें जà¥à¥œà¥€ होती हैं। हम कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ à¤à¥€ नहीं कर सकते कि à¤à¤• वैदिक विचारों का वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ यदि राजसतà¥à¤¤à¤¾ पर आसीन हो तो वह राजसà¥à¤µ के लिठशराब जैसे सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ व चरितà¥à¤° की हानि करने वाले मादक पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ की बिकà¥à¤°à¥€ की अनà¥à¤®à¤¤à¤¿ दे सकता है। यह सब विदेशी शिकà¥à¤·à¤¾-दीकà¥à¤·à¤¾ के संसà¥à¤•à¤¾à¤° व उसके पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ हैं जो मनà¥à¤·à¥à¤¯ की बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ व आतà¥à¤®à¤¾ को विवेक, सतà¥à¤¯ व यथारà¥à¤¥ सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ से दूर कर पà¥à¤°à¤²à¥‹à¤à¤¨à¤¯à¥à¤•à¥à¤¤ हानिकारिक चिनà¥à¤¤à¤¨ में पà¥à¤°à¤µà¥ƒà¤¤à¥à¤¤ करती है।
हम आरà¥à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ पर दृषà¥à¤Ÿà¤¿ डालते हैं तो यह विशà¥à¤µ का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° à¤à¤¸à¤¾ धारà¥à¤®à¤¿à¤• व सामाजिक संगठन है जिसके लगà¤à¤— 95 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से अधिक लोग शराब व किसी à¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के नशे का सेवन नहीं करते। इसका कारण वैदिक धरà¥à¤® के सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ व ऋषि दयाननà¥à¤¦ के धारà¥à¤®à¤¿à¤•, सामाजिक, वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿à¤¤à¥à¤µ विकास संबंधी विचार व वेदों का करà¥à¤®-फल सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤ है। नशाबनà¥à¤¦à¥€ सिदà¥à¤§à¤¾à¤¨à¥à¤¤à¤¤à¤ƒ अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ व देश व समाज के लिठहानिकारक वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ है जो कि तरà¥à¤• व पà¥à¤°à¤®à¤¾à¤£à¥‹à¤‚ के आधार पर सिदà¥à¤§ है। शायदॠइसी कारण सरकारों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शराब की बिकà¥à¤°à¥€ की छूट देने पर à¤à¥€ सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ ही नशे के विरà¥à¤¦à¥à¤§ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° कराया जाता है। सरकार दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ शराब के सेवन के विरोध में नियम बनाये जाते है, वाहन चलाते हà¥à¤ नशा करना निषिदà¥à¤§ है जिससे दà¥à¤°à¥à¤˜à¤Ÿà¤¨à¤¾à¤¯à¥‡à¤‚ न हो और नशे से होने वाले कà¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ की चेतावनियां à¤à¥€ दी जाती है। अपराधों में अधिकांश व सà¤à¥€ अपराधी नशे का सेवन करने वाले होते हैं। यहां देश के पूरà¥à¤µ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ शà¥à¤°à¥€ मोरारजी देसाई का उलà¥à¤²à¥‡à¤– à¤à¥€ पà¥à¤°à¤¾à¤¸à¤‚गिक है जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने बिना किसी की मांग व आनà¥à¤¦à¥‹à¤²à¤¨ के सà¥à¤µà¤¾à¤¤à¥à¤®à¤ªà¥à¤°à¥‡à¤°à¤£à¤¾ से अपनी जनतापारà¥à¤Ÿà¥€ की सरकार के दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ देश में नशाबनà¥à¤¦à¥€ लागू की थी। नशे के कारोबार से जà¥à¥œà¥‡ और वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ में लगे इस कारà¥à¤¯ से अनà¥à¤šà¤¿à¤¤ लाठपà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ करने वाले सरकार के लोगों ने शराबबनà¥à¤¦à¥€ को सफल नहीं होने दिया था। यदि उसमें सà¤à¥€ का सहयोग मिलता तो देश को बहà¥à¤¤ लाठहोता। आज यह उदाहरण à¤à¤• इतिहास बन कर रह गया है।
हम समà¤à¤¤à¥‡ हैं कि जिस पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° की शिकà¥à¤·à¤¾ व मानसिकता वाले नेताओं के हारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ में सतà¥à¤¤à¤¾ रहती आ रही है वह लोग शायद कà¤à¥€ शराबबनà¥à¤¦à¥€ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं करेंगे कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि आजकल वोट पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤à¤¿ में à¤à¥€ शराब की अहमॠà¤à¥‚मिका रहती है। अतः नशाबनà¥à¤¦à¥€ वा नशामà¥à¤•à¥à¤¤à¤¿ का à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° उपाय जन-जन में नशे के विरोध में पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° करना है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ के हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के सà¤à¥€ धरà¥à¤®-गà¥à¤°à¥à¤“ं वा कथावाचकों को अपनी कथा व अनà¥à¤¯ कारà¥à¤¯à¤•à¥à¤°à¤®à¥‹à¤‚ में शराब से होने वाली हानियों पर à¤à¥€ बोलना चाहिये और यह सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ करना चाहिये कि शराब का सेवन करने वाला वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ धारà¥à¤®à¤¿à¤• नहीं हो सकता और वह इस कà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¥à¤¯ के लिठईशà¥à¤µà¤° की नà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤µà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤µà¥à¤¥à¤¾ से दणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ होगा जिससे उसका यह जनà¥à¤® तो पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¤•à¥à¤· बिगड़ता ही है उनका परजनà¥à¤® à¤à¥€ निशà¥à¤šà¤¿à¤¤ रूप से बिगड़ेगा। सौà¤à¤¾à¤—à¥à¤¯ से सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव à¤à¥€ शराब का सà¥à¤ªà¤·à¥à¤Ÿ शबà¥à¤¦à¥‹à¤‚ में अपने पà¥à¤°à¤¸à¤¾à¤°à¤£à¥‹à¤‚ व उदà¥à¤¬à¥‹à¤§à¤¨à¥‹à¤‚ में विरोध करते हैं। इसका देश की जनता पर अनà¥à¤•à¥‚ल पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ à¤à¥€ पड़ रहा है। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ में शराब व मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के विरà¥à¤¦à¥à¤§ सबसे अधिक पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ कारà¥à¤¯ कोई कर रहा है तो वह केवल सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ रामदेव ही दृषà¥à¤Ÿà¤¿à¤—ोचर हो रहे हैं। सà¤à¥€ माता-पिताओं को à¤à¥€ चाहिये कि वह अपनी सनà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ को कà¥à¤¸à¤‚गति से दूर रखें और बचपन से ही शराब के पà¥à¤°à¤¤à¤¿ उनके मन में घृणा उतà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ कर दें और इसके साथ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ सचà¥à¤šà¤°à¤¿à¤¤à¥à¤°à¤¤à¤¾ के उदाहरण à¤à¥€ सà¥à¤¨à¤¾à¤¯à¥‡ जिससे à¤à¤¾à¤µà¥€ जीवन में वह शराब व नशे के सेवन से बच सकें। à¤à¤¸à¤¾ होने पर ही देश, जाति व समाज का कà¥à¤› सà¥à¤§à¤¾à¤° हो सकता है।
शराब व नशे पर चिनà¥à¤¤à¤¨ करते हà¥à¤ हम à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ समाज की कलà¥à¤ªà¤¨à¤¾ करते हैं जहां कोई नशा न करता हो। इसके लिठजागृति की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। जहां नशा न करने वाले विवेकशील वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ होंगे वहां मांसाहार व अनà¥à¤¯ अà¤à¤•à¥à¤·à¥à¤¯ पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ का सेवन à¤à¥€ नहीं होगा। à¤à¤¸à¤¾ समाज सà¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ व अपराधों से मà¥à¤•à¥à¤¤ होगा, इसका अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ होता है। à¤à¤¸à¥‡ समाज में सà¤à¥€ सà¥à¤µà¤¸à¥à¤¥ होंगे, रोगियों की संखà¥à¤¯à¤¾ बहà¥à¤¤ कम होगी, विवेकशील लोगों का धरà¥à¤® à¤à¥€ अनà¥à¤¯ कोई नहीं अपितॠवैदिक धरà¥à¤® ही होगा। सà¤à¥€ गोपालन करेंगे व गोदà¥à¤—à¥à¤§ व इससे बने घृत, दही, मकà¥à¤–न आदि का सेवन कर सà¥à¤¦à¥ƒà¥ व बलवान निरोगी शरीर वाले होंगे। à¤à¤¸à¥‡ लोगों की बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿ à¤à¥€ तीकà¥à¤·à¥à¤£ व जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को गà¥à¤°à¤¹à¤£ करने में पà¥à¤°à¤¬à¤² होगी। à¤à¤¸à¤¾ समाज ही विशà¥à¤µ का जà¥à¤žà¤¾à¤¨, विजà¥à¤žà¤¾à¤¨ व सà¤à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° के à¤à¥Œà¤¤à¤¿à¤• à¤à¤¶à¥à¤µà¤¯à¥‹à¤‚ से समà¥à¤ªà¤¨à¥à¤¨ आदरà¥à¤¶ समाज हो सकता है।
दà¥à¤ƒà¤– है कि à¤à¤¸à¤¾ समाज संसार में कहीं नहीं है। यदि कहीं बन जाये, तो हमारा अनà¥à¤®à¤¾à¤¨ है कि सारा संसार उसका अनà¥à¤•à¤°à¤£ करेगा। वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ आधà¥à¤¨à¤¿à¤• समय में à¤à¤¾à¤°à¤¤ व सà¤à¥€ देशों में à¤à¤¸à¥‡ समाजों की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है। à¤à¤¸à¥‡ समाज को ही हम शà¥à¤°à¥‡à¤·à¥à¤ मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ का समाज अथवा आरà¥à¤¯-राषà¥à¤Ÿà¥à¤° कह सकेंगे। सारे देश में शराब के दà¥à¤·à¥à¤ªà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¥‹à¤‚ का पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µà¤¶à¤¾à¤²à¥€ पà¥à¤°à¤šà¤¾à¤° हो, सà¤à¥€ लोग शराब से घृणा करें, à¤à¤• à¤à¥€ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ शराब का सेवन न करे, सरकारें इसके लिठमनसा-वाचा-करà¥à¤®à¤£à¤¾ कारà¥à¤¯ करें, राजनीति बिलकà¥à¤² न हो, à¤à¤¸à¤¾ होने पर ही आदरà¥à¤¶ व देश का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ होगा। आज ऋषि दयाननà¥à¤¦ के समान वेद को ईशà¥à¤µà¤°à¥€à¤¯ जà¥à¤žà¤¾à¤¨ मान कर शराब व नशा मà¥à¤•à¥à¤¤ à¤à¤¾à¤°à¤¤ का निरà¥à¤®à¤¾à¤£ करने वाले à¤à¤• नहीं अपितॠसहसà¥à¤°à¥‹à¤‚ शराब विरोधी यà¥à¤µà¤¾ समरà¥à¤ªà¤¿à¤¤ देशà¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ की आवशà¥à¤¯à¤•à¤¤à¤¾ है जिनका मिशन ही शराब व नशीले पदारà¥à¤¥à¥‹à¤‚ को देश से समापà¥à¤¤ करना होना चाहिये। हमें यह à¤à¥€ लगता है कि यदि विशà¥à¤µ वैदिक धरà¥à¤®à¥€ आरà¥à¤¯ विचारों का बन जाये तो सारे विशà¥à¤µ में शराब, नशा, मादक दà¥à¤°à¤µà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का सेवन और सà¤à¥€ बà¥à¤°à¤¾à¤ˆà¤¯à¤¾à¤‚ समापà¥à¤¤ हो सकती हैं। इसी के साथ लेख को विराम देते हैं।
लेख – मनमोहन आरà¥à¤¯
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