आरà¥à¤¯ मीडिया सेंटर जवाब के लिठतैयार
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Rajeev ChoudharyDate
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23-Jan-2019Top Articles in this Category
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इतिहास साकà¥à¤·à¥€ है कि à¤à¤• यà¥à¤— था जब समसà¥à¤¤ विशà¥à¤µ वेदानà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ था और आरà¥à¤¯à¥‹ का सारà¥à¤µà¤à¥Œà¤® अखणà¥à¤¡ चकà¥à¤°à¤µà¤°à¥à¤¤à¥€ सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ था। वेदानà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¥€ होने से संसार à¤à¤° के मानवों के जीवन à¤à¥€ अति मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ थे और मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¿à¤¤ जीवन होने से संसार में सरà¥à¤µà¤¤à¥à¤° सà¥à¤–-शानà¥à¤¤à¤¿ का सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ था।
इस परिवरà¥à¤¤à¤¨à¤¶à¥€à¤² संसार में सदा किसकी बनी रही है? आरà¥à¤¯à¥‹à¤‚ के आलसà¥à¤¯ से जब वेद विदà¥à¤¯à¤¾ लà¥à¤ªà¥à¤¤ होने लगी तो संसार गहरे अंधकार में निमगà¥à¤¨ हो गया। à¤à¤¾à¤·à¤¾ का पतन हà¥à¤†, सà¤à¥à¤¯à¤¤à¤¾à¤“ं का पतन वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ का पतन हà¥à¤† तो मनà¥à¤·à¥à¤¯ अपने आचरण से à¤à¥€ पतित हो गया और अनारà¥à¤¯à¥‹à¤‚ का संसार में बोलबाला हो गया। परिणामसà¥à¤µà¤°à¥‚प सतà¥à¤¯ का विचार जाता रहा और मानवता कराह उठी।
तब महरà¥à¤·à¤¿ दयाननà¥à¤¦ सरसà¥à¤µà¤¤à¥€ जी ने सपना देखा कि यदि समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ विशà¥à¤µ आरà¥à¤¯ बन जाठतो पà¥à¤¨ मानव का कलà¥à¤¯à¤¾à¤£ सà¥à¤µà¤¤à¤ƒ हो जाà¤à¤—ा। ततà¥à¤ªà¤¶à¥à¤šà¤¾à¤¤ दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ की सारी बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¤¾à¤‚ मिट जाà¤à¤‚गी और अचà¥à¤›à¤¾à¤ˆ का à¤à¤• नया सवेरा उदय होगा जो समसà¥à¤¤ मानव जाति का मारà¥à¤—दरà¥à¤¶à¤¨ करेगा।
किनà¥à¤¤à¥ आज जब हम विशà¥à¤µ के आरà¥à¤¯ बनने की बात कहते हैं तो यह पà¥à¤°à¤¶à¥à¤¨ उठना सà¥à¤µà¤¾à¤à¤¾à¤µà¤¿à¤• है कि विशà¥à¤µ को आरà¥à¤¯ बनाने के लिठहम किन साधनो का पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— करें। वैदिक जà¥à¤žà¤¾à¤¨ की इस धारा का मारà¥à¤— कà¥à¤¯à¤¾ हो? हमारा मारà¥à¤— दरà¥à¤¶à¤¨ का माधà¥à¤¯à¤® कà¥à¤¯à¤¾ हो आदि आदि।
इसलिठहम आज वरà¥à¤¤à¤®à¤¾à¤¨ को लेकर बात करें तो बेहतर होगा कि à¤à¤µà¤¿à¤·à¥à¤¯ में किस तरह à¤à¤•à¤œà¥à¤Ÿà¤¤à¤¾ से कारà¥à¤¯ करें अब हमारे सामने सबसे बड़ा विकलà¥à¤ª à¤à¥€ और पà¥à¤°à¤•à¤²à¥à¤ª à¤à¥€ यही है। इस संदरà¥à¤ में चरà¥à¤šà¤¾ यही से शà¥à¤°à¥‚ की जाये तो आरà¥à¤¯ समाज की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ के कारण और उसके उदà¥à¤¦à¥‡à¤¶à¥à¤¯ से हम सब à¤à¤²à¥€à¤à¤¾à¤‚ति अवगत है। आरà¥à¤¯ समाज ने अनेकों बà¥à¤°à¤¾à¤‡à¤¯à¥‹à¤‚, अंधविशà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥‹à¤‚ और कà¥à¤ªà¥à¤°à¤¥à¤¾à¤“ं के विरà¥à¤¦à¥à¤§ बिगà¥à¤² बजाया। इतिहास इसका गवाह हैं कि आरà¥à¤¯ समाज उसमें सफल à¤à¥€ रहा। परनà¥à¤¤à¥ आज समसà¥à¤¯à¤¾ नई-नई सामने है तो पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥‡ समाधानों से उनका कैसा निराकरण करें?
इसे कà¥à¤› इस तरह समà¤à¤¿à¤¯à¥‡ कि शतरंज की चालों का जवाब कà¥à¤¶à¥à¤¤à¥€ से नही दिया जा सकता, आज वैचारिक शह-मात का खेल है जो मीडिया, इलेकà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥‹à¤¨à¤¿à¤• मीडिया और इंटरनेट के माधà¥à¤¯à¤® से खेला जा रहा है। विचार करना होगा कि सापà¥à¤¤à¤¾à¤¹à¤¿à¤• सतà¥à¤¸à¤‚ग जरà¥à¤°à¥€ है पर हमारा यà¥à¤µà¤¾ तो इंटरनेट पर चिपका है तो हम उन तक कैसे पहà¥à¤‚चे?
सोचिये यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को विचारधाराओं में किस तरह लपेटा जा रहा है। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ विचारधाराओ के नाम पर जहर पिलाया जा रहा है जो समाज के सà¥à¤µà¤¾à¤¸à¥à¤¥à¥à¤¯ पर पà¥à¤°à¤à¤¾à¤µ डालकर उसे बरà¥à¤¬à¤¾à¤¦ कर रहा है, पाशà¥à¤šà¤¾à¤¤à¥à¤¯ संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की तरह खाओ-पियो मौज उडाओ, कौन देखता है जैसे विचारों से à¤à¤°à¤®à¤¾à¤¯à¤¾ जा रहा है। हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ और संसà¥à¤•à¤¾à¤°à¥‹à¤‚ पर सामाजिक आतंक की छाया है। यà¥à¤µà¤¾à¤“ं को सिखाया जा रहा है लिव इन रिलेशनशिप में रहो, कà¥à¤¯à¤¾ जरà¥à¤°à¤¤ है शादी कीघॠआईपीसी की धारा-377 े हटा दी गयी, समलैंगिकता को अपराध से बाहर कर दिया गया। अपà¥à¤°à¤¾à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• रूप से यौन संबंध को बà¥à¤¾à¤µà¤¾ दिया जा रहा है।
माधà¥à¤¯à¤® पोरà¥à¤¨ वीडियो परोसने का हो या अशà¥à¤²à¥€à¤²à¤¤à¤¾ से à¤à¤°à¥‡ नाटक परोसने का। आधà¥à¤¨à¤¿à¤•à¤¤à¤¾ के नाम पर रिशà¥à¤¤à¥‹à¤‚ नातों की मरà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ को तोड़ना सिखाया जा रहा है। सोशल मीडिया हो या यूटà¥à¤¯à¥‚ब à¤à¤¸à¥‡ न जाने आज कितने पà¥à¤²à¥‡à¤Ÿà¤«à¤¾à¤°à¥à¤® है जिनके माधà¥à¤¯à¤® से हमारे धरà¥à¤® और संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ पर निरंतर हमले जारी हैं। à¤à¤• किसà¥à¤® से कहें तो हम यजà¥à¤ž करते रह गये और विधरà¥à¤®à¥€ हमारी संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को शमशान तक ले गये।
यही सब सोच-समà¤à¤•à¤° पिछले कà¥à¤› समय पहले महाशय धरà¥à¤®à¤ªà¤¾à¤² जी के सामने यह विचार रखा गया कि इससे पहले आरà¥à¤¯ समाज पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤•à¥‹à¤‚, पतà¥à¤° पतà¥à¤°à¤¿à¤•à¤¾à¤“ं में सीमित रह जाये हमें अपने यà¥à¤µà¤¾à¤“ं और दà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¤¾ तक अगर पहà¥à¤‚चना है, उसे विधरà¥à¤®à¥€ विचारों से बचाना है, तो वैचारिक की चाल का जवाब अपने विचारों से देना पड़ेगा। हमें आरà¥à¤¯ समाज का मीडिया सेनà¥à¤Ÿà¤° खड़ा करना पड़ेगा।
महाशय जी ने अपना आशीरà¥à¤µà¤¾à¤¦ दिया और कारà¥à¤¯ शà¥à¤°à¥‚ हो गया जो आज लगà¤à¤— पूरà¥à¤£ रूप से तैयार है। हालाà¤à¤•à¤¿ इस कारà¥à¤¯ में हमें विलमà¥à¤¬ हà¥à¤† किनà¥à¤¤à¥ अपनी रफà¥à¤¤à¤¾à¤° बà¥à¤¾à¤•à¤° अà¤à¥€ à¤à¥€ वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ की पावन माला को टूटने से बचाया जा सकता है। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि वेद के जिस आदेश का अनà¥à¤ªà¤¾à¤²à¤¨ करने में पà¥à¤°à¤¾à¤šà¥€à¤¨ वैदिक ऋषियों ने अपने समà¥à¤ªà¥‚रà¥à¤£ जीवनों को खपा दिया था और फिर à¤à¥€ उनकी यह लालसा सदा बनी रहती थी कि पà¥à¤¨ मानव की योनि में जनà¥à¤® लेकर वेद के इस आदेश का पालन किया जाठहमें उसे बचाने का कारà¥à¤¯ करना हैं। हमें वेद बचाने है, वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ बचानी है। आरà¥à¤¯à¤¤à¥à¤µ बचाना है सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ जी के सपने को साकार करना है। आज महाशय जी ने जो आरà¥à¤¯ मीडिया के रूप में हमें à¤à¤• हथियार पà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¨ किया है उससे वैदिक संसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿ को बà¥à¤¾à¤¨à¤¾ है ताकि यà¥à¤µà¤¾à¤“ं तक हम उस वेद जà¥à¤žà¤¾à¤¨ को ले जा सकें जिसकी उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ इस बदलते दौर में सबसे बड़ी जरूरत है।
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