पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में à¤à¥€ जारी हो à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€
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Vinay AryaDate
05-Sep-2019Category
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RajeevUpload Date
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à¤à¤¾à¤°à¤¤ के पूरà¥à¤µà¥‹à¤¤à¥à¤¤à¤° राजà¥à¤¯ असम में नेशनल सिटिजन रजिसà¥à¤Ÿà¤° यानी à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€ की आख़िरी लिसà¥à¤Ÿ जारी हो चà¥à¤•à¥€ है। लिसà¥à¤Ÿ के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° अंतिम सूची में 19 लाख 6 हजार 657 लोग बाहर हैं। इसमें वे लोग à¤à¥€ शामिल हैं, जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कोई दावा पेश नहीं किया था। 3 करोड़ 11 लाख 21 हजार 4 लोगों को वैध करार दिया गया है। अगर कोई लिसà¥à¤Ÿ से सहमत नहीं है तो वह अपील कर सकता है।
जà¥à¤žà¤¾à¤¤ हो पिछले साल 21 जà¥à¤²à¤¾à¤ˆ को जारी की गयी à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€ सूची में 3.29 करोड़ लोगों में से 40.37 लाख लोगों का नाम नहीं शामिल था। अंतिम सूची में उन लोगों के नाम शामिल किठगठहैं, जो 25 मारà¥à¤š 1971 से पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूरà¥à¤µà¤œ राजà¥à¤¯ में रहते आठहैं।
असम के राषà¥à¤Ÿà¥à¤°à¥€à¤¯ नागरिक रजिसà¥à¤Ÿà¤° सूची जारी होने के बाद बात अब बहà¥à¤¤ आगे निकलती दिख रही है। बंगाल में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ नेताओं के बयानों से साफ है कि पारà¥à¤Ÿà¥€ इसे सिरà¥à¤« असम तक ही सीमित रखना नहीं चाहती। असम की तरà¥à¤œ पर ही इसे बंगाल में à¤à¥€ लाया जा सकता है। लेकिन ममता बनरà¥à¤œà¥€ समेत कई दलों के नेता बंगाल में à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€ के विरोध में खड़े होकर इसे हिनà¥à¤¦à¥‚ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® मà¥à¤¦à¥à¤¦à¤¾ बनाना शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है। नतीजा असम और बंगाल से बहà¥à¤¤ दूर दिलà¥à¤²à¥€ में इस सचà¥à¤šà¤¾à¤ˆ की पड़ताल को गैर जरà¥à¤°à¥€ बनाकर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ को पीड़ित बनाकर पेश किया जा रहा है। जबकि à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€ न मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® विरोधी है और न बंगाली विरोधी है। à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€ लागू करने का सीधा सा कारण ये है कि जो लोग बाहर से आकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में बसे है उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ गरीब à¤à¤¾à¤°à¤¤à¥€à¤¯ नागरिकों मिलने वाली सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं और अधिकारों से अलग रखा जाये। कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि à¤à¤• तो पहले से ही वो इस देश के नागरिक नहीं है दूसरा वह लोग सरकार और सरकारी संसाधनों पर बोठबनते जा रहे है।
दूसरा बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ के देश में बिना रोकटोक और कई जगहों पर खà¥à¤²à¥€ सीमा होने के कारण घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ से पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल के सीमावरà¥à¤¤à¥€ जिले मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बहà¥à¤² हो गठहैं और इन पà¥à¤°à¤¾à¤‚तों का जनसंखà¥à¤¯à¤¾ संतà¥à¤²à¤¨ बिगड़ता जा रहा है। बंगलादेशी घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों की दिनोंदिन हो रही बà¥à¥‹à¤¤à¤°à¥€ का बड़ा असर यह होने लगा है कि आम लोगों के मन में यह आशंका घर करने लगी है कि पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल देर-सवेर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® बहà¥à¤² राजà¥à¤¯ के तौर पर जाना जाने लगेगा।
साल 2011 में हà¥à¤ˆ जनगणना को देखें तो पशà¥à¤šà¤¿à¤¾à¤® बंगाल में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® आबादी 2001 में 25 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ थी, जो 2011 में बà¥à¤•à¤° 27 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ हो गई थी। ये आंकड़े 2011 के जबकि आज 2019 चल रहा है. इसी का नतीजा हैं पिछले कà¥à¤› समय में à¤à¤¾à¤°à¤¤-बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के सीमावरà¥à¤¤à¥€ इलाकों से घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों दà¥à¤µà¤¾à¤°à¤¾ हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को मार-मारकर à¤à¤—ाया जा रहा है। à¤à¤¸à¤¾ इसलिठहै कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ की सीमा से सटे प. बंगाल, असम के अधिकतर कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ का राजनीतिक, धारà¥à¤®à¤¿à¤• व सांसà¥à¤•à¥ƒà¤¤à¤¿à¤• परिदृशà¥à¤¯ बदल गया है.
24 परगना, मà¥à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦, बिरà¤à¥‚म, मालदा आदि à¤à¤¸à¥‡ कई उदाहरण सामने हैं। हालात तब जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ बिगड़ने लगे हैं आंकड़ों और खबरों से ही पता चलता है कि पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में कà¥à¤¯à¤¾ चल रहा है? 2013 में बंगाल में हà¥à¤ सà¥à¤¨à¤¿à¤¯à¥‹à¤œà¤¿à¤¤ दंगों में सैकड़ों हिंदà¥à¤“ं के घर और दà¥à¤•à¤¾à¤¨à¥‡à¤‚ लà¥à¤Ÿà¥€ गयी थी। साथ ही कई मंदिरों को तोड़ दिया गया था। बंगाल के 3 जिले à¤à¤¸à¥‡ हैं, जहां पर मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ ने हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं की जनसंखà¥à¤¯à¤¾ को फसाद और दंगे के माधà¥à¤¯à¤® से पलायन के लिठमजबूर किया। 2011 की जनगणना के अनà¥à¤¸à¤¾à¤° में मà¥à¤°à¥à¤¶à¤¿à¤¦à¤¾à¤¬à¤¾à¤¦ में 47 लाख मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और 23 लाख हिनà¥à¤¦à¥‚, मालदा में 20 लाख मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और 19 लाख हिनà¥à¤¦à¥‚ और उतà¥à¤¤à¤°à¥€ दिनाजपà¥à¤° में 15 लाख मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® और 14 लाख हिनà¥à¤¦à¥‚ हैं। जबकि हिनà¥à¤¦à¥‚ यहां कà¤à¥€ बहà¥à¤¸à¤‚खà¥à¤¯à¤• हà¥à¤† करते थे। प. बंगाल के सीमावरà¥à¤¤à¥€ उपजिलों की बात करें तो 42 कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में से तीन कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® 90 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ से अधिक, सात कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में 80-90 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ के बीच, गà¥à¤¯à¤¾à¤°à¤¹ में 70-80 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तक, आठमें 60-70 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ और 13 कà¥à¤·à¥‡à¤¤à¥à¤°à¥‹à¤‚ में मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤®à¥‹à¤‚ की जनसंखà¥à¤¯à¤¾ 50-60 पà¥à¤°à¤¤à¤¿à¤¶à¤¤ तक हो चà¥à¤•à¥€ है।
आप खà¥à¤¦ देखिये कि यह संखà¥à¤¯à¤¾ कैसे बà¥à¥€ कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि 1951 की जनगणना में प. बंगाल की कà¥à¤² जनसंखà¥à¤¯à¤¾ 2.63 करोड़ में मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की आबादी लगà¤à¤— 50 लाख थी, जो 2011 की जनगणना में बà¥à¤•à¤° 2.50 करोड़ हो गई। किनà¥à¤¤à¥ पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल का à¤à¤• बड़ा बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿à¤œà¥€à¤µà¥€ वरà¥à¤— और तमाम राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¤¿à¤¯à¤¾à¤‚ चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ साधे हà¥à¤ हैं। इस मसले पर हमेशा से सब से जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾ मà¥à¤–र à¤à¤¾à¤°à¤¤ की à¤à¤•à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤° राजनीतिक पारà¥à¤Ÿà¥€ à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ रही है। दोनों ही मोरचे यानी राजà¥à¤¯ और केंदà¥à¤° में à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ यह मामला उठाती रही है। यही कारण है कि असम में à¤à¤¨à¤†à¤°à¤¸à¥€ लिसà¥à¤Ÿ जारी होने के बाद पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में यह मामला जोर पकड़ रहा है. इस मà¥à¤¦à¥à¤¦à¥‡ पर à¤à¤• बार फिर à¤à¤¾à¤œà¤ªà¤¾ और ममता आमनेसामने हैं।
दूसरी तरफ अगर बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ के à¤à¥€à¤¤à¤° की बात करें तो संयà¥à¤•à¥à¤¤ राषà¥à¤Ÿà¥à¤° की à¤à¤• रिपोरà¥à¤Ÿ के मà¥à¤¤à¤¾à¤¬à¤¿à¤• पिछली जनगणना में बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ से à¤à¤• करोड़ लोग गायब हैं जो à¤à¤¾à¤°à¤¤ के कई पà¥à¤°à¤¦à¥‡à¤¶à¥‹à¤‚ के अलावा असम और पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल में घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ कर चà¥à¤•à¥‡ है। इन घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ ियों के चोरी, लूटपाट, डकैती, हथियार à¤à¤µà¤‚ पशॠतसà¥à¤•à¤°à¥€, जाली नोट à¤à¤µà¤‚ नशीली दवाओं के कारोबार जैसी आपराधिक गतिविधियों में शामिल होने के कारण कानून वà¥à¤¯à¤µà¤¸à¥à¤¥à¤¾ पर गंà¤à¥€à¤° खतरा पैदा होने से इंकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶à¥€ घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ आतंकवादी संगठनों à¤à¤µà¤‚ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨à¥€ खà¥à¤«à¤¿à¤¯à¤¾ à¤à¤œà¥‡à¤‚सी आईà¤à¤¸à¤†à¤ˆ की गतिविधियों के लिठà¤à¤• हथियार के रूप में उà¤à¤°à¤•à¤° देश की सà¥à¤°à¤•à¥à¤·à¤¾ के समकà¥à¤· खतरा पैदा कर रही है। मतलब साफ है, घà¥à¤¸à¤ªà¥ˆà¤ िठजो कि बांगà¥à¤²à¤¾à¤¦à¥‡à¤¶ से आकर असम, पशà¥à¤šà¤¿à¤® बंगाल और दूसरे राजà¥à¤¯à¥‹à¤‚ की धारà¥à¤®à¤¿à¤• समीकरण को बदल रहे हैं उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ वोट देने के अधिकार से वंचित कर उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ à¤à¤• आम नागरिक को मिलने वाली सारी सà¥à¤µà¤¿à¤§à¤¾à¤“ं से वंचित किया जाà¤à¥¤
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