दलित अपनी आà¤à¤–ें खà¥à¤¦ ही खोलें
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Rajeev ChoudharyDate
25-Feb-2020Category
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कई दिन पहले ओवेसी के चेले वारिस पठान ने à¤à¤• चेतावनी दी थी कि 100 करोड़ लोगों पर à¤à¤¾à¤°à¥€ पड़ेंगे 15 करोड़। कई लोगों ने इस पर à¤à¤¤à¤°à¤¾à¤œ जताया कि ये बयान हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के खिलाफ है, हालाà¤à¤•à¤¿ करà¥à¤¨à¤¾à¤Ÿà¤• में à¤à¤«à¤†à¤ˆà¤†à¤° à¤à¥€ दरà¥à¤œ हà¥à¤ˆ लेकिन बयान में à¤à¤• छिपा सतà¥à¤¯ सामने आ ही गया।
दरअसल ये बयान न बीजेपी के खिलाफ है न हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं के कà¥à¤¯à¥‹à¤‚कि इनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ तो यह लोग अपना शतà¥à¤°à¥ समà¤à¤¤à¥‡ ही है तो अब ये चेतावनी थी उन कथित दलितों को जो जय-मीम जय-à¤à¥€à¤® का गीत गा रहे थे। मतलब वारिस पठान ने दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ के लगे बेनर के ढोंग पर लात मारकर बता दिया कि चाहें चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र रावण हो या मायावती, जिगà¥à¤¨à¥‡à¤¶ मेवानी हो या कनà¥à¤¹à¥ˆà¤¯à¤¾ कà¥à¤®à¤¾à¤° यह सब à¤à¥€ इनकी हिट लिसà¥à¤Ÿ में है बस मौका का इंतजार है।
केवल यही नहीं बलà¥à¤•à¤¿ वो नकली बौदà¥à¤§ à¤à¥€ जो अफगानिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ शà¥à¤°à¥€à¤²à¤‚का और मà¥à¤¯à¤¾à¤‚मार से सबक ना लेकर बà¥à¤¦à¥à¤§ के उपासक बनने के बजाय मंचो पर मौलानाओं के पैरों में बैठे है यह चेतावनी उनको à¤à¥€ थी। यह चेतावनी थी उन सिख à¤à¤¾à¤ˆà¤¯à¥‹à¤‚ को जो अपना कथित फà¥à¤²à¥‡à¤Ÿ बेचकर शाहीन बाग में बिरयानी परोस रहे है। रवीश कà¥à¤®à¤¾à¤° से लेकर सà¥à¤µà¤°à¤¾ à¤à¤¾à¤¸à¥à¤•à¤° को, अनà¥à¤°à¤¾à¤— कशà¥à¤¯à¤ª को और धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ की चादर ओà¥à¥‡ सà¤à¥€ सेकà¥à¤²à¤° और वामपंथियों को अपने à¤à¤• ही बयान में वारिस पठान ने बता दिया कि कà¥à¤› à¤à¥€ कर लो, हमारी नजरों में आप सब काफिर है और काफिर का इलाज हमारी पà¥à¤¸à¥à¤¤à¤• में साफ-साफ लिखा है।
ये कोई ताजा मामला नही है इतिहास गवाह है कà¤à¥€ à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ à¤à¥à¤°à¤® का शिकार कà¤à¥€ अंबेडकर से à¤à¥€ बड़े à¤à¤• दलित नेता जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल हà¥à¤† करते थे। वह दिन रात दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ का सपना देखा करते थे। नतीजा हिनà¥à¤¦à¥‚ होने के बावजूद उसने बंटवारे में à¤à¤¾à¤°à¤¤ की जगह पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ को चà¥à¤¨à¤¾. लेकिन पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ बनने के बाद कà¥à¤› ही दिनों में उनके सपने पर लात लगी और किसी तरह à¤à¤¾à¤—कर à¤à¤¾à¤°à¤¤ में शरण लेनी पड़ी।
जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल à¤à¤• कथित पिछड़ी जाति से तालà¥à¤²à¥à¤• रखते थे। उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने अपनी राजनीति को à¤à¥€ पिछड़ी जातियों के इरà¥à¤¦-गिरà¥à¤¦ रखा था। पिछड़ी जातियों में, खासकर बंगाल में उनका अचà¥à¤›à¤¾ रसूख था। हिनà¥à¤¦à¥à¤“ं को कोसकर मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹ के वरà¥à¤šà¤¸à¥à¤µ वाली पारà¥à¤Ÿà¥€ मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग में जà¥à¥œ गये थे। उनके मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग में जà¥à¥œà¤¤à¥‡ ही जिनà¥à¤¨à¤¾ के चेहरे पर मà¥à¤¸à¥à¤•à¤¾à¤¨ फैल गयी कि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग में मंडल की मौजूदगी पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ मूवमेंट को कैसे फायदा पहà¥à¤‚चा सकती है। इसी वजह से मंडल कà¥à¤› ही समय में जिनà¥à¤¨à¤¾ के बेहद खास हो गठऔर पारà¥à¤Ÿà¥€ में उनका कद शीरà¥à¤· के नेताओं में शà¥à¤®à¤¾à¤° हो गया।
अब मंडल à¤à¥€ खà¥à¤²à¤•à¤° जिनà¥à¤¨à¤¾ के सिदà¥à¤§à¤¾à¤‚तों की पà¥à¤°à¤¶à¤‚सा करने लगे। लेकिन जिनà¥à¤¨à¤¾ à¤à¥€ इस राजनीति के मायने समठरहे थे तà¤à¥€ उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसको और अचà¥à¤›à¥€ तरह से à¤à¥à¤¨à¤¾à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। इस वजह से बंटवारे के राजनीतिक समीकरण à¤à¥€ तेजी से बदलने लगे।
नतीजा यह हà¥à¤† कि मंडल और उनके अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ ने कांगà¥à¤°à¥‡à¤¸ पारà¥à¤Ÿà¥€ की तà¥à¤²à¤¨à¤¾ में जिनà¥à¤¨à¤¾ की मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग को अधिक धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· समà¤à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया। मंडल को à¤à¤• à¤à¥à¤°à¤® हो गया था कि गाà¤à¤§à¥€ के à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बजाय जिनà¥à¤¨à¤¾ के धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤· पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में अनà¥à¤¸à¥‚चित जाति की सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ बेहतर होगी। वे अब खà¥à¤²à¤•à¤° अलग पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के समरà¥à¤¥à¤¨ में आ गठऔर शेष दलितों को à¤à¥€ इस मूवमेंट के साथ जोड़ने में जà¥à¤Ÿ गà¤à¥¤
मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग का मकसद था à¤à¤¾à¤°à¤¤ को जितना हो सके उतना बाà¤à¤Ÿà¤•à¤° कर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के नकà¥à¤¶à¥‡ को बड़ा करना इसलिठउनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने मंडल को पà¥à¤°à¤¤à¥à¤¯à¥‡à¤• मौक़ों पर पारà¥à¤Ÿà¥€ का खास साबित किया। लीग के नेता यह बखूबी जानते थे कि केवल मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की राजनीति से पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का नकà¥à¤¶à¤¾ बड़ा नहीं होगा इसके लिठजरूरी है कि दलितों को à¤à¥€ साथ रखा जाà¤à¥¤
कल तक जिनà¥à¤¨à¤¾ जिस पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ का वजूद मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ में तलाश रहा था अब उस तलाश का केंदà¥à¤° दलित-मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ हो चला था। लेकिन इनकी सोच के बीच में à¤à¤• दीवार थी जिनका नाम बाबा साहब आंबेडकर था मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग और जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल की दलितों और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹ का पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ वाली सोच से अंबेडकर गहरा विरोध रखते थे। अंबेडकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के विरोध में थे. वे दलितों के लिठà¤à¤¾à¤°à¤¤ को ही उपयà¥à¤•à¥à¤¤ मानते थे वह जानते थे कि मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ सिरà¥à¤« दलितों का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² कर रहे है, यदि à¤à¤¾à¤°à¤¤ का बà¤à¤Ÿà¤µà¤¾à¤°à¤¾ मजहबी आधार पर हो रहा है तो जरूरी है कि कोई à¤à¥€ मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ à¤à¤¾à¤°à¤¤ में ना रहे और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में रहने वाले हिंदà¥à¤“ं को à¤à¥€ à¤à¤¾à¤°à¤¤ आ जाना चाहिà¤, इस बात से नाराज मंडल ने बाबा साहब से à¤à¥€ किनारा कर लिया।
इसके बाद जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल ने मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग की तरफ से à¤à¤¾à¤°à¤¤ विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के वकà¥à¤¤ à¤à¤• अहम किरदार निà¤à¤¾à¤¯à¤¾ था। बंगाल के कà¥à¤› इलाके जहाठहिनà¥à¤¦à¥‚ (जिसमें दलित à¤à¥€ शामिल हैं) और मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ की आबादी समान थी वहां पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ या हिंदà¥à¤¸à¥à¤¤à¤¾à¤¨ में शामिल होने हेतॠचà¥à¤¨à¤¾à¤µ करवाठगà¤à¥¤
इन इलाकों को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में शामिल करने हेतॠजरूरी था कि सारे मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨ और हिंदà¥à¤“ं में से पिछड़ी जातियां पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पकà¥à¤· में वोट करें! जिनà¥à¤¨à¤¾ ने इसकी कमान जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल को सौंप दी थी। जैसे आज इस कमान का मà¥à¤–à¥à¤¯ मोहरा बामसेफ वाला वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤®, चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र रावण और जिगà¥à¤¨à¥‡à¤¶ मेवानी बना दिठगये है।
खैर जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल दलितों के दिमाग में इस बात को घà¥à¤¸à¤¾à¤¨à¥‡ में कामयाब रहे कि मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® ही दलितों के सचà¥à¤šà¥‡ मसीहा है। और पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में दलितों के हितों का सबसे अधिक धà¥à¤¯à¤¾à¤¨ रखा जाà¤à¤—ा मंडल के मनà¥à¤µà¤¾à¤¦ बà¥à¤°à¤¾à¤¹à¥à¤®à¤£à¤µà¤¾à¤¦ के खिलाफ दिठगये जहरीले बयानों ने दलित मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ कर दी और पिछड़ी जातियों के वोटों को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पकà¥à¤· में कर लिया और इस तरह जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल की सहायता से जिनà¥à¤¨à¤¾ ने à¤à¤¾à¤°à¤¤ के बड़े हिसà¥à¤¸à¥‡ को पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के नकà¥à¤¸à¥‡ में समाहित कर लिया।
पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के नक़à¥à¤¶à¥‡ को बड़ा करने के लिठमà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® लीग ने जिस तरह मंडल का इसà¥à¤¤à¥‡à¤®à¤¾à¤² किया वह पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ बॉलीवà¥à¤¡ फिलà¥à¤®à¥‹ की उन कहानियों जैसा ही था ‘जब à¤à¤• विलन किसी बचà¥à¤šà¥‡ को किडनैप करने के लिठटॉफी या चॉकलेट की लालच देकर अपने पास बà¥à¤²à¤¾à¤¤à¤¾ है और फिर अपना असली रंग दिखाना शà¥à¤°à¥‚ करता है।
बà¤à¤Ÿà¤µà¤¾à¤°à¥‡ के बाद मंडल à¤à¤• बड़ी दलित आबादी लेकर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ चले गà¤à¥¤ जिनà¥à¤¨à¤¾ ने à¤à¥€ उनके करà¥à¤œ को उतारते हà¥à¤ उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के पहले कानून और शà¥à¤°à¤® मंतà¥à¤°à¥€ का पद दे दिया। उनà¥à¤¹à¥‡à¤‚ लगने लगा होगा कि अब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ ने विसà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¿à¤¤ हà¥à¤ दलितों के लिठअचà¥à¤›à¥‡ दिन आ गà¤., लेकिन हà¥à¤† कà¥à¤› उलà¥à¤Ÿà¤¾à¥¤ मंडल के कहने पर à¤à¤²à¥‡ ही दलितों के à¤à¤• तबके ने अपने आप को हिंदà¥à¤“ं से अलग बता कर पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ चले जाना सही समà¤à¤¾ लेकिन कटà¥à¤Ÿà¤°à¤ªà¤‚थी मà¥à¤¸à¤²à¤®à¤¾à¤¨à¥‹à¤‚ के लिठखà¥à¤°à¤¾à¤• बनना शà¥à¤°à¥‚ हो गये।
धीरे-धीरे दलित हिंदà¥à¤“ं पर अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° होने शà¥à¤°à¥‚ हो गठऔर मंडल की अहमियत à¤à¥€ ख़तà¥à¤® कर दी गई। दलितों की निरà¥à¤®à¤®à¤¤à¤¾à¤ªà¥‚रà¥à¤µà¤• हतà¥à¤¯à¤¾à¤à¤, जबरन धरà¥à¤®-परिवरà¥à¤¤à¤¨, संपतà¥à¤¤à¤¿ पर जबरन कबà¥à¤œà¤¾ और दलित बहन-बेटियों की आबरू लूटना, यह सब पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में रोज की और आम बात हो चà¥à¤•à¥€ थी। इस पर मंडल ने मोहमà¥à¤®à¤¦ अली जिनà¥à¤¨à¤¾ और अनà¥à¤¯ नेताओं से कई बार बात à¤à¥€ की लेकिन नेताओं की चà¥à¤ªà¥à¤ªà¥€ ने मंडल को उनकी आइना दिखा दिया।
बà¤à¤Ÿà¤µà¤¾à¤°à¥‡ के बाद पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ में बचे जà¥à¤¯à¤¾à¤¦à¤¾à¤¤à¤° दलित या तो मार दिठगठया फिर मजबूरी में उनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने इसà¥à¤²à¤¾à¤® अपना लिया। इस दौरान दलित अपने ही नेता और देश के कानून मंतà¥à¤°à¥€ के सामने मदद के लिठचीखते-चिलà¥à¤²à¤¾à¤¤à¥‡ रहे, लेकिन अब बहà¥à¤¤ देर हो चà¥à¤•à¥€ थी. मंडल यह सब देखकर ‘दलित-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® राजनीतिक à¤à¤•à¤¤à¤¾’ के असफल पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— के लिठखà¥à¤¦ को कसूरवार समà¤à¤¨à¥‡ लगे और अपने आप को गहरे संताप व गà¥à¤®à¤¨à¤¾à¤®à¥€ के आलम में à¤à¥‹à¤‚क दिया।
दलितों की अधमरी सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿ को देखते हà¥à¤ मंडल ने पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ सरकार को कई खत लिखें लेकिन सरकार ने उनकी à¤à¤• न सà¥à¤¨à¥€à¥¤ और तो और à¤à¤• हिनà¥à¤¦à¥‚ होने के कारण उनकी देश-à¤à¤•à¥à¤¤à¤¿ पर à¤à¥€ सवाल उठाये जाने लगे। सà¥à¤¥à¤¿à¤¤à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को à¤à¤¾à¤‚पते हà¥à¤, 8 अकà¥à¤Ÿà¥‚बर 1950 की रोज जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल पाकिसà¥à¤¤à¤¾à¤¨ के ततà¥à¤•à¤¾à¤²à¥€à¤¨ पà¥à¤°à¤§à¤¾à¤¨à¤®à¤‚तà¥à¤°à¥€ लियाकत अली खान के मंतà¥à¤°à¥€-मंडल से तà¥à¤¯à¤¾à¤— पतà¥à¤° देकर à¤à¤¾à¤°à¤¤ आ गये।
वे गठथे लाखों अनà¥à¤¯à¤¾à¤¯à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ को लेकर लेकिन आये तो अकेले शरणारà¥à¤¥à¥€ बनकर। वे दलित वहीं रह गठहैं जो मंडल के कहने पर अपना देश छोड़ कर चले गठथे. दलित-मà¥à¤¸à¥à¤²à¤¿à¤® à¤à¤•à¤¤à¤¾ की कीमत आज तक वह आबादी चà¥à¤•à¤¾ रही है। वे रोज अपमानित हो रहे हैं, धरà¥à¤® बदल रहे हैं, अपमान के घूंट पी रहे हैं, मैला उठा रहे हैं, à¤à¥‡à¤¦à¤à¤¾à¤µ का शिकार हो रहे हैं, मानो हर दिन मर-मर के जी रहे हैं।
5 अकà¥à¤¤à¥‚बर 1968 को जोगेंदà¥à¤° नाथ मंडल का निधन उनकी जननी जनà¥à¤® à¤à¥‚मि इस à¤à¤¾à¤°à¤¤ में हो गया लेकिन उनकी मौत के लगà¤à¤— 50 साल बाद वही à¤à¤• बार फिर वही पà¥à¤°à¤¯à¥‹à¤— किया जा रहा है। फिर नीति दोहराई जा रही है. आज नये जोगेंदà¥à¤°à¤¨à¤¾à¤¥ मंडल फिर उठरहे है चाहें इनमे चनà¥à¤¦à¥à¤°à¤¶à¥‡à¤–र रावण हो, वामन मेशà¥à¤°à¤¾à¤® हो, जिगà¥à¤¨à¥‡à¤¶ मेवानी हो या बामसेफ के ढोंगी हो, सीधे साधे दलित à¤à¤¾à¤ˆ बहनों को उसी नीति के तहत फिर à¤à¤¡à¤•à¤¾à¤¨à¤¾ शà¥à¤°à¥‚ कर दिया है। इसमें मूलनिवासी का इंजेकà¥à¤¸à¤¨ है, मनà¥à¤µà¤¾à¤¦ को गाली है, मौलानावाद को ताली है, हाजी इमामों के चरणों में बैठे इनके कथित नेता है मतलब बिलकà¥à¤² वही 70 वरà¥à¤· पà¥à¤°à¤¾à¤¨à¥€ सेम सà¥à¤•à¥à¤°à¤¿à¤ªà¥à¤Ÿ है बस चेहरे बदले है सन बदले है साल बदले है à¤à¤• बार फिर धोखे का शिकार दलित समà¥à¤¦à¤¾à¤¯ होने जा रहा है।
राजीव चौधरी
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