गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के धनी-शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£
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Dr. Vivek AryaDate
01-Aug-2016Category
लेखLanguage
HindiTotal Views
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12-Aug-2016Download PDF
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- राम मंदिर à¤à¥‚मि पूजन में धरà¥à¤®à¤¨à¤¿à¤°à¤ªà¥‡à¤•à¥à¤·à¤¤à¤¾ कहाठगयी? à¤à¤• लंबी सियासी और अदालती लड़ाई के बाद 5 अगसà¥à¤¤ को पà¥
- सनत गरू रविदास और आरय समाज
- बलातकार कैसे रकेंगे
*दà¥à¤°à¥à¤¯à¥‹à¤§à¤¨-*यह मैं अचà¥à¤›à¥€ पà¥à¤°à¤•à¤¾à¤° जानता हूं कि तीनों लोकों में इस समय यदि कोई सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• पूजà¥à¤¯ वà¥à¤¯à¤•à¥à¤¤à¤¿ है तो वह विशाल-लोचन शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ हैं।-(महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ उदà¥à¤¯à¥‹à¤—परà¥à¤µ ८८/५)
*धृतराषà¥à¤Ÿà¥à¤°-*शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ अपने यौवन में कà¤à¥€ पराजित नहीं हà¥à¤à¥¤à¤‰à¤¨à¤®à¥‡à¤‚ इतने विशिषà¥à¤Ÿ गà¥à¤£ हैं कि उनकी परिगणना करना समà¥à¤à¤µ नहीं है।-(महा० दà¥à¤°à¥‹à¤£à¤ªà¤°à¥à¤µ १८)
*à¤à¥€à¤·à¥à¤® पितामह-*शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ दà¥à¤µà¤¿à¤œà¤¾à¤¤à¥€à¤¯à¥‹à¤‚ में जà¥à¤žà¤¾à¤¨à¤µà¥ƒà¤¦à¥à¤§ तथा कà¥à¤·à¤¤à¥à¤°à¤¿à¤¯à¥‹à¤‚ में सरà¥à¤µà¤¾à¤§à¤¿à¤• बलशाली हैं।पूजा के ये दो ही मà¥à¤–à¥à¤¯ कारण होते हैं जो दोनों शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ में विदà¥à¤¯à¤®à¤¾à¤¨ हैं।वे वेद-वेदांग के अदà¥à¤µà¤¿à¤¤à¥€à¤¯ पणà¥à¤¡à¤¿à¤¤ तथा बल में सबसे अधिक हैं।दान,दया,बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿,शूरता,शालीनता,चतà¥à¤°à¤¾à¤ˆ,नमà¥à¤°à¤¤à¤¾,तेजसà¥à¤µà¤¿à¤¤à¤¾,धैरà¥à¤¯,सनà¥à¤¤à¥‹à¤·-इन गà¥à¤£à¥‹à¤‚ में केशव से अधिक और कौन है ?-(महा० सà¤à¤¾à¥¦ ३८/१८-२०)
*वेदवà¥à¤¯à¤¾à¤¸-*शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ इस समय मनà¥à¤·à¥à¤¯à¥‹à¤‚ में सबसे बड़े धरà¥à¤®à¤¾à¤¤à¥à¤®à¤¾,धैरà¥à¤¯à¤µà¤¾à¤¨à¥ तथा विदà¥à¤µà¤¾à¤¨à¥ हैं।-(महा० उदà¥à¤¯à¥‹à¤—० अधà¥à¤¯à¤¾à¤¯ ८३)
*अरà¥à¤œà¥à¤¨-*हे मधà¥à¤¸à¥‚दन ! आप गà¥à¤£à¥‹à¤‚ के कारण 'दाशारà¥à¤¹' हैं।आपके सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ में कà¥à¤°à¥‹à¤§,मातà¥à¤¸à¤°à¥à¤¯,à¤à¥‚ठ,निरà¥à¤¦à¤¯à¤¤à¤¾ à¤à¤µà¤‚ कठोरतादि दोषों का अà¤à¤¾à¤µ है।-(महा० वनपरà¥à¤µà¥¦ १२/३६)
*यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर-*हे यदà¥à¤µà¤‚शियों में सिंहतà¥à¤²à¥à¤¯ पराकà¥à¤°à¤®à¥€ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ! हमें जो यह पैतृक राजà¥à¤¯ फिर पà¥à¤°à¤¾à¤ªà¥à¤¤ हो गया है यह सब आपकी कृपा,अदà¥à¤à¥à¤¤ राजनीति,अतà¥à¤²à¤¨à¥€à¤¯ बल,लोकोतà¥à¤¤à¤° बà¥à¤¦à¥à¤§à¤¿-कौशल तथा पराकà¥à¤°à¤® का फल है।इसलिठहे शतà¥à¤°à¥à¤“ं का दमन करने वाले कमलनेतà¥à¤° शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ ! आपको हम बार-बार नमसà¥à¤•à¤¾à¤° करते हैं।-(महा० शानà¥à¤¤à¤¿à¤ªà¤°à¥à¤µ ४३)
*बंकिमचनà¥à¤¦à¥à¤°-*उनके(शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£)-जैसा सरà¥à¤µà¤—à¥à¤£à¤¾à¤¨à¥à¤µà¤¿à¤¤ और सरà¥à¤µà¤ªà¤¾à¤ªà¤°à¤¹à¤¿à¤¤ आदरà¥à¤¶ चरितà¥à¤° और कहीं नहीं है,न किसी देश के इतिहास में और न किसी काल में।-(कृषà¥à¤£à¤šà¤°à¤¿à¤¤à¥à¤°)
*चमूपति-*हमारा अरà¥à¤˜à¥à¤¯ उस शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को है,जिसने यà¥à¤§à¤¿à¤·à¥à¤ िर के अशà¥à¤µà¤®à¥‡à¤§ में अरà¥à¤˜à¥à¤¯ सà¥à¤µà¥€à¤•à¤¾à¤° नहीं किया।सामà¥à¤°à¤¾à¤œà¥à¤¯ की सà¥à¤¥à¤¾à¤ªà¤¨à¤¾ फिर से कर दी,परनà¥à¤¤à¥ उससे निरà¥à¤²à¥‡à¤ª,निसà¥à¤¸à¤‚ग रहा है।यही वसà¥à¤¤à¥à¤¤à¤ƒ योगेशà¥à¤µà¤° शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ का योग है।-(योगेशà¥à¤µà¤° कृषà¥à¤£,पृषà¥à¤ ३५२)
*सà¥à¤µà¤¾à¤®à¥€ दयाननà¥à¤¦-*देखो ! शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£à¤œà¥€ का इतिहास महाà¤à¤¾à¤°à¤¤ में अतà¥à¤¯à¥à¤¤à¥à¤¤à¤® है।उनका गà¥à¤£-करà¥à¤®-सà¥à¤µà¤à¤¾à¤µ और चरितà¥à¤° आपà¥à¤¤ पà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ के सदृश है,जिसमें कोई अधरà¥à¤® का आचरण शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ जी ने जनà¥à¤® से लेकर मरण-परà¥à¤¯à¤¨à¥à¤¤ बà¥à¤°à¤¾ काम कà¥à¤› à¤à¥€ किया हो,à¤à¤¸à¤¾ नहीं लिखा।
*लाला लाजपत राय ने अपने शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£à¤šà¤°à¤¿à¤¤ में शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में à¤à¤• बड़ी विचारणीय बात लिखी है-"संसार में महापà¥à¤°à¥à¤·à¥‹à¤‚ पर उनके विरोधियों ने अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° किये,परनà¥à¤¤à¥ शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ à¤à¤• à¤à¤¸à¥‡ महापà¥à¤°à¥à¤· हैं जिन पर उनके à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ ने ही बड़े लांछन लगाये हैं।शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£à¤œà¥€ à¤à¤•à¥à¤¤à¥‹à¤‚ के अतà¥à¤¯à¤¾à¤šà¤¾à¤° के शिकार हà¥à¤ हैं व हो रहे हैं।"आज शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ के नाम पर 'बालयोगेशà¥à¤µà¤°' 'हरे कृषà¥à¤£ हरे राम' समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯,राधावलà¥à¤²à¤ मत और न जाने कितने-कितने अवतारों और समà¥à¤ªà¥à¤°à¤¦à¤¾à¤¯à¥‹à¤‚ का जाल बिछा है,जिसमें शà¥à¤°à¥€à¤•à¥ƒà¤·à¥à¤£ को à¤à¤¾à¤—वत के आधार पर 'चौरजार-शिखामणि' और न जाने कितने ही 'विà¤à¥‚षणों' से अलंकृत करके उनके पावन-चरितà¥à¤° को दूषित करने का पà¥à¤°à¤¯à¤¤à¥à¤¨ किया है।कहाठमहाà¤à¤¾à¤°à¤¤ में शिशà¥à¤ªà¤¾à¤²-जैसा उनका पà¥à¤°à¤¬à¤² विरोधी,परनà¥à¤¤à¥ वह à¤à¥€ उनके चरितà¥à¤° के समà¥à¤¬à¤¨à¥à¤§ में à¤à¤• à¤à¥€ दोष नहीं लगा सका और कहाठआज के कृषà¥à¤£à¤à¤•à¥à¤¤ जिनà¥à¤¹à¥‹à¤‚ने कोई à¤à¥€ à¤à¤¸à¤¾ दोष नहीं छोड़ा जिसे कृषà¥à¤£ के मतà¥à¤¥à¥‡ न मà¥à¤¾ हो! कà¥à¤¯à¤¾ à¤à¤¸à¥‡ 'दोषपूरà¥à¤£' कृषà¥à¤£ किसी à¤à¥€ जाति,समाज या राषà¥à¤Ÿà¥à¤° के आदरà¥à¤¶ हो सकते हैं?*
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