Dr. Jaydatt Upreti

Father :
Pt. Krishnanand

Mother :
Shrimati Tulsidevi

डॉ. जयदतत उपरैती का जनम अलमोड़ा जिले (उततरांचल) के पीतोली दनया नामक गराम में २५ अकटूबर १९३३ को पं. कृषणाननद वं शरीमती तलसीदेवी के घर हआ।
आपकी दसवीं ककषा तक की शिकषा अलमोड़ा में ही हई। उनहीं दिनों आरयसमाज अलमोड़ा के समपरक में आने पर सतयारथ-परकाश के अधययन और चिनतन से वेद-वेदांगों के पढ़ने की तीवर इचछा जागृत हई। अत: उन दिनों आरय समाज अलमोड़ा के उपदेशक आचारय पं. वीरेनदर शासतरी जी से वयाकरणाचारय तथा दरशनाचारय तक की शिकषा परापत की।
आगरा विशवविदयालय से संसकृत में म.. तथा गढ़वाल विशवविदयालय से डी. फिल. वं डी. लिट. की उपाधि परापत की। आरय समाज से आपका समबनध १९५० से है।
विà¤à¤¿à¤¨à¤¨ महाविदयालयों में अधयापन करते ह आप कमाऊं विशवविदयालय अलमोड़ा से संसकृत विà¤à¤¾à¤— के अधयकषपद से १९९५ में सेवा निवृतत ह। इस काल में लेखन और वयाखयानों दवारा आरयसमाज का परचार-कारय à¤à¥€ करते रहे।
आपकी परमख रचनां हैं-(1)-लघकाशिका à¤à¤¾à¤— १, २ (2)-सिदधानतशतकम (दारशनिक), (३)-à¤à¤—वदà¤à¤•ति, (4)-वेद में इनदर (शोध-परबनध), (५)-बलिपरथा निवारण, (६)-मंदार मंजरी इतयादि।
१९९८ से आप आरष गरकल की सथापना करके आचारय पद पर कारयरत हैं। विदेशी में à¤à¥€ परचार किया है।
पता- सवसतययन, तलला थपलिया, अलमोड़ा-२६३६०१ (उततरांचल)
दूरà¤à¤¾à¤·-( ०५९६२)-३०६९३