Acharya Bhadrasen

Father :
Shri Ramtirth

Mother :
Shrimati Rampyari

आपका जनम १५ नवमबर १९३६ को प. पंजाब ( अब पाकिसतान ) में ंग जिले के बधआना गराम में शरी रामतीरथ वं शरीमती रामपयारी के घर हआ।
आरमà¤à¤¿à¤• शिकषा गरकल कमालिया में, देश के विà¤à¤¾à¤œà¤¨ के पशचात गरकल घरोणडा (करनाल-हरियाणा) में हई। उपदेशक महाविदयालय यमनानगर से सिदधानत-शिरोमणि, १९६० में पंजाब विशवविदयालय से शासतरी, १९६२ में दरशनाचारय तथा १९६ॠमें वेदाचारय की परीकषां उततीरण कीं।
कछ समय तक धरमपरचार वं पौरोहितय कारय किया। सन १९à¥à¥¨ से १९९ॠतक विशवेशवराननद शोध संसथान होशियारपर (पंजाब) में शोध वं शिकषण कारय किया।
आरय-समाज के सापताहिक सतसंगों और वारषिकोंतसवों पर उपदेशक के रूप में १९५६ से नियमितरूप से कारय चल रहा है।
विà¤à¤¿à¤¨à¤¨ पतर-पतरिकाओं में चार सौं से अधिक लेख लिखे। छोटी-बड़ी लगà¤à¤— तीस पसतकें लिखी हैं- विशव-साहितय की अनमोल निधि : वेद, मनसमृति में जीवन-दरशन, सख की खोज, सखी कैसे रहें, वेद का जीवनदरशन, महरषि दयाननद की अपूरव देन, ओम शबद पर विचार, वियोग वेदना, आरयसमाज के नियमों का अनशीलन, आरयसमाज के मनतवय, अमृत की खोज, पति-पतनी की कहानी, वेद की कञजी-परथम समललास, महरषि दयाननद, चकरवयूह में आज का यवक, सफल जीवन इतयादि।
पता- बी-२, ९२/à¥à¤¬à¥€., शालीमार नगर,
होशियारपर-१४६००१ (पंजाब), दूरà¤à¤¾à¤·-(०१८८२)-२२६à¥à¥¨à¥©