: Alive
: 06-06-1962
: Mahesana, Visnagar
: 24-B, Veernagar Society, Bhimjipura, Nvavadaj Marg, Ahamdabad
: 079-7450876

Father :

Shri Chaganlal

Mother :

Shrimati Amtiben

 à¤†à¤ªà¤•ा जन‍म गजरात में महेसाणा जिले के विसनगर में ६ जून १९६२ को शरी छगनलाला वं शरीमती अमतीबेन के घर हआ।

      आपने व‍याकरणोपाध‍याय, व‍याकरणाचारय, (आरष गरकल टा, उ.पर.), शास‍तरी (शरीमददयानन‍द विदयापीठ, ज‍जर), म. . (गरकल कांगड़ी विश‍वविदयालय, हरिदवार), शास‍तरी (सम‍पूरणानन‍द सं. वि. विदयालय, वाराणसी), पी-च.डी. (गजरात वि. विदयालय, अहमदाबाद), पी.जी. डिप‍लोमा इन पराकृत (गज. वि. विदयालय, अहमदाबाद) की उपाधिया पराप‍त कीं।

      उपरयकत विषयों का आपने शरी-आचारय ज‍योति: स‍वरूप जी, आचारय विश‍वदेव जी, आचारय परघम‍न‍ जी, आचारय आनन‍दपरकाश जी, आचारय सत‍यानन‍द वेदवागीश जी, पं. यधिष‍ठिर मीमांसक जी इत‍यादि बहत से विदवानों से अध‍ययन किया।

      आप गजरात वि. विदयालय अहमदाबाद में संस‍कृत-विभाग के रीडर पद पर कारयरत हैं। साथ ही आप गजराती वं हिन‍दी भाषा में तरकपूरण शैली में वैदिक-परवचन, संस‍कार आदि दवारा समगर गजरात में परचार कारय में संलग‍न हैं।

      आप आरयसमाज, सैजपर बोघा से परकाशित होने वाली मासिक-पतरिका स‍वस‍तिपन‍था (गजराती) का १९८७ से अदयावधि सम‍पादन कर रहें हैं। सत‍यारथपरकाश (गजराती), शभविवाह-संस‍कार, अथरववेद शतक (गजराती) का लेखन वं परकाश‍न किया है। अनेक हिन‍दी पस‍तकों का गजराती अनवाद किया है।

      आपने चांदलोडिया, थलतेज, लणसावाडा के आरय समाजों को पनरजीवितकिया। सन १९९५ से वैदिक छातरालय गांधी नगर वं १८९९ से दयानन‍द विदयारथी आशरम वाडज का संचालन कर रहे हैं। 

पता- २४-बी, वीरनगर सोसायटी, भीमजीपरा, नवावाडज मारग,

      अहमदाबाद-३८००१३ (गजरात)। दूरभाष- (०७९)-७४५०८७६