Dr. Kamlesh Kumar

Father :
Shri Chaganlal

Mother :
Shrimati Amtiben

आपका जनम गजरात में महेसाणा जिले के विसनगर में ६ जून १९६२ को शरी छगनलाला वं शरीमती अमतीबेन के घर हआ।
आपने वयाकरणोपाधयाय, वयाकरणाचारय, (आरष गरकल टा, उ.पर.), शासतरी (शरीमददयाननद विदयापीठ, जजर), म. . (गरकल कांगड़ी विशवविदयालय, हरिदवार), शासतरी (समपूरणाननद सं. वि. विदयालय, वाराणसी), पी-च.डी. (गजरात वि. विदयालय, अहमदाबाद), पी.जी. डिपलोमा इन पराकृत (गज. वि. विदयालय, अहमदाबाद) की उपाधिया परापत कीं।
उपरयकत विषयों का आपने शरी-आचारय जयोति: सवरूप जी, आचारय विशवदेव जी, आचारय परघमन जी, आचारय आननदपरकाश जी, आचारय सतयाननद वेदवागीश जी, पं. यधिषठिर मीमांसक जी इतयादि बहत से विदवानों से अधययन किया।
आप गजरात वि. विदयालय अहमदाबाद में संसकृत-विà¤à¤¾à¤— के रीडर पद पर कारयरत हैं। साथ ही आप गजराती वं हिनदी à¤à¤¾à¤·à¤¾ में तरकपूरण शैली में वैदिक-परवचन, संसकार आदि दवारा समगर गजरात में परचार कारय में संलगन हैं।
आप आरयसमाज, सैजपर बोघा से परकाशित होने वाली मासिक-पतरिका सवसतिपनथा (गजराती) का १९८ॠसे अदयावधि समपादन कर रहें हैं। सतयारथपरकाश (गजराती), शà¤à¤µà¤¿à¤µà¤¾à¤¹-संसकार, अथरववेद शतक (गजराती) का लेखन वं परकाशन किया है। अनेक हिनदी पसतकों का गजराती अनवाद किया है।
आपने चांदलोडिया, थलतेज, लणसावाडा के आरय समाजों को पनरजीवितकिया। सन १९९५ से वैदिक छातरालय गांधी नगर वं १८९९ से दयाननद विदयारथी आशरम वाडज का संचालन कर रहे हैं।
पता- २४-बी, वीरनगर सोसायटी, à¤à¥€à¤®à¤œà¥€à¤ªà¤°à¤¾, नवावाडज मारग,
अहमदाबाद-३८००१३ (गजरात)। दूरà¤à¤¾à¤·- (०à¥à¥¯)-à¥à¥ªà¥«à¥¦à¥®à¥à¥¬