96th Swami Shraddhanand Balidan Diwas

25 Dec 2022
India
आरय केनदरीय सभा दिलली राजय

आर्य समाज का इतिहास त्याग-तपस्या और बलिदान को समर्पित रहा है। भारत राष्ट्र की गौरवशाली संस्कृति, सभ्यता और संस्कारों के संरक्षण तथा संवर्धन के साथ-साथ देश की आजादी से लेकर मानव सेवा एवं निर्माण हेतु प्रतिबध्द आर्य समाज के महापुरुषों ने समय-समय पर अपने अमर बलिदान से संपूर्ण मानवजाति को उपकृत किया है। आर्य बलिदानियों की वृहद श्रृंखला में अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानंद के 96 वें बलिदान दिवस पर दिल्ली की समस्त आर्य समाजों एवं शिक्षण संस्थाओं की शिरोमणि आर्य केन्द्रीय सभा, दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा के संयुक्त तत्वावधन में विशाल शोभायात्रा और रामलीला मैदान में विराट सार्वजनिक सभा के अवसर पर ये उदगार बाबू गंगा प्रसाद जी, महामहिम राज्यपाल सिक्किम ने प्रस्तुत किए। इस अवसर पर आर्यवीर दल/ आर्य वीरांगना दल दिल्ली प्रदेश के हजारों आर्यवीर, वीरांगनाओं, आर्य विद्यालयों, गुरुकुलों, कन्या गुरुकुलों के छात्रा-छात्राओं, आर्य समाजों के अधिकारी, कार्यकर्ता, सदस्यों सहित हर आयु वर्ग के लोग उपस्थित थे। आर्यो की विशाल शोभायात्रा स्वामी बलिदान भवन नया बाजार से प्रारम्भ होकर लाहौरी गेट, खारी बावली, फतेहपुरी, कटरा बनियान, लाल कंआ, हौजकाजी चौक, अजमेरी गेट, आसिफअली रोड होते हुए रामलीला मैदान में एक सार्वजनिक सभा के रूप में परिवर्तित हुई। इस अवसर पर दिल्ली आर्य प्रतिनिधि सभा, आर्य केन्द्रीय सभा, अखिल भा. द. सेवाश्रम संघ और सभी क्षेत्रीय  वेद प्रचार मण्डलों के अधिकारी, कार्यकर्ताओं सहित विशाल जनसमूह को सम्बोध्ति करते हुए दिल्ली सभा के महामंत्राी श्री विनय आर्य जी ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद जी अदम्य साहसी एवं निर्भीक संन्यासी के रूप में महान शिक्षाविद, अमर क्रान्तिकारी, प्रेरक राष्ट्रभक्त और महर्षि दयानन्द सरस्वती के अनन्य शिष्य थे। उन्होंने आर्ष शिक्षा पद्धति की पुर्नस्थापना हेतु गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना की, अंगे्रजी हुकूमत की जनविरोधी  नीतियों के खिलापफ लगातार संघर्ष किया। दलितोधार सभा और भारतीय हिन्दू शुध्दि सभा कि स्थापना करके जो अपने हमसे बिछुड गये थे, उनको गले लगाया। परिणाम स्वरूप लाखों लोगों को शुध्दि आंदोलन चलाकर  पुनः आर्य-हिन्दू बनाकर भारत की एकता और अखण्डता को अक्षुष्णता प्रदान करके राष्ट्र के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। आज से 96 वर्ष पूर्व एक मतांध् व्यक्ति ने उनपर धोके से गोलियां चलायी, जिससे स्वामी श्रद्धानंद सदा के लिए अमर हो गये। आज आर्य समाज उनके अधूरे कार्यो को गति प्रदान करने का संकल्प लेता है। हम उनके द्वारा संचालित शुध्दि आंदोलन को गति प्रदान करने की दिशा में प्रयासरत रहेंगे। इस अवसर पर आर्य केन्द्रीय सभा के प्रधान सुरेन्द्र रैली, कीर्ति शर्मा, स्वामी प्रवणानंद, डॉ वागीश आचार्य, कपिल खन्ना, भुवनेश खोसला, विश्रुत आर्य, राधकृष्ण आर्य, उमेद सिंह शर्मा, श्रीमती एवं श्री हीरालाल चावला, सुभाष दुआ, सुखवीर सिंह आर्य, महामंत्राी सतीश चडडा, जितेन्द्र नारायण त्यागी; पूर्व नाम वसीम रिजवी, और अनेक अन्य महानुभावों ने स्वामी श्रद्धानंद को हार्दिक श्रद्धांजलि अर्पित की।

 

 

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