: Grihasth
: Married
: Alive
: 15-04-1934
: Bigopur, Narnaul, Mahendragarh, Haryana
: 387, Aryoday, Ruikar Marg, Mahal, Nagpur (Maharashtra)

Father :

Shri Dhannaram

Mother :

Smt. Shrngari Devi

Spouse :

Smt.Shanti Devi

 à¤‹à¤·à¤¿ पथ के पथिक राव हरिश‍चन‍दर आरय जगत में ही नहीं अपित आयरवेदिक जगत में भी यशस‍वी ह हैं। आपका संपूरण परिवार आरयविचारों से ओत-परोत है। आपके घर में संपूरण वैदिक कृत‍य होते है। वैदिक संस‍कार होते हैं। मध‍यपरदेश विदरभ आरय परतिनिधि सभा के कोषाध‍यकष रहे हैं। अपने गराम में आरयसमाज स‍थापित किया। आरयसमाज मन‍दिर वं यजञशाला का निरमाण करवाया।

      शरी राव हरिश‍चन‍दर आरय धरमारथ टरस‍ट की स‍थापना कर के आरय संन‍यासियों, विदवानों, लेखकों, सेवावरतों को आरयरत‍न वं आरय विभूषण परस‍कारों की योजना बनाई गई हैं।

      आरयजगत के सभी मूरदधन‍य, साध संन‍यासी विदवान, परवक‍ता, लेखक, सेवावरती आपको आत‍मीमता से जानते हैं क‍योंकि आपका पारिवारिक सम‍मान वं आदर तथा स‍नेह शरदधा सबकों मिलता रहता है। आपकी पत‍नी शान‍ति देवी आरया भी आपके विचारों को पूरण सम‍मान देकर हाथ बंटाती रहीं।

      वैदयनाथ भवन में आप महापरबन‍धक पद पर सशोभित थे। आप गरकलों, आरय संस‍थाओं को सदा उदारता से सहयोग देते रहते हैं और सभी आरय कारयों में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। आपका जीवन सातत‍विक सरल, करमयोग, आरयत‍व से परिपूरण है।

      सदैव आपके मख पर विनयपूरण मस‍कान लकता है। सादगी आपका तेज है। धरमनिष‍ठा आपका बल है। अमृतमहोत‍सव में पूज‍य स‍वामी रामदेव आपके परमख आशीरवाद दाताओं में थे। आप आरयजगत के गौरव हैं।