Shri Ghanshyam singh Gupt
Father :
Shri Gendsingh gupt
Mother :
Shrimati Bhanumati
Spouse :
Shrimati Jaydevi Gupt
शरी घनशयामसिंह गपत का जनम 22 दिसमबर 1885 को मधयपरदेश के दरग नगर में हआ। इनकी शिकषा बी.स.सी., ल.ल.बी. तक हई। सवाधीनता आनदोलन में गपतजी ने सकरिय à¤à¤¾à¤— लिया। सवाधीनता परापत होने के पशचात ये मधयपरदेश की विधानसà¤à¤¾ के सपीकर पद पर रहे। आरयसमाज दवारा संचालित हैदराबाद (दकषिण) सतयागरह के समय शरी गपत सारवदेशिक आरय परतिनिधि सà¤à¤¾ के परधान थे और इस धरम यदध में उनहोंने आरयसमाज को समचित नेतृतव परदान किया था। इसी परकार 1946 में सिंध में सतयारथपरकाश की जबती के विरोध में चलाये गये आरय सतयागरह तथा 1957 में पंजाब के हिनदी रकषा आनदोलन में à¤à¥€ आरयसमाज को गपतजी के परिपकव नेतृतव का लाठमिला था। गपतजी अपने जीवन के आरमà¤à¤¿à¤• काल में गरकल कांगड़ी में विजञान के अधयापक à¤à¥€ रहे थे। 12 जून 1976 को आपका निधन हआ।
ले. का.-1. à¤à¤¾à¤°à¤¤ विदयादरश-गरकल कांगड़ी के साहितय परिषद में पठित निबनध (1913) 2. राषटरीय कीकरण और आरयसमाज (1962) 3. पंजाब का हिनदी आनदोलन 4. पंजाब की à¤à¤¾à¤·à¤¾ समसया और आरयसमाज, 5. Language Agitation in the Punjab., 6. The ease of Arya Samaj., 7. A Commentary on Arya Marriage Act.