Swami Divyanand Saraswati

: Yogendra Purusharthi
: Sanyas
: Single
: Alive
: 01-07-1939
: Haryana
: Patanjal Yog Dham Haridwar
Father :
Nathuram Arya

Mother :
Draupdi Devi

सवामी दिवयाननद सरसवती , पूरव नाम योगेनदर परषारथी, जनम : १ जलाई १९३९, पिता : शरी नाथूराम आरय , माता : शरीमती दरौपदी देवी , शिकषा : इणटर के दवितीय वरष में सन १९५ॠमें गृहतयाग। गरकल चिततौड़ग में लगà¤à¤— क वरष अधययन। गरकल जजर, हरियाणा में नवमबर १९५८ में परविषट। लगà¤à¤— ५ वरष अधययन कर वयाकरणचारय आदि उपाधियां अरजित। पनः छह वरष तक वहीं अधयापन। शरी सवामी ओमाननद सरसवती (आचारय à¤à¤—वान देव ) दवारा नैषटिक बरहमचरय की दीकषा। गरकल कालबा में १९à¥à¥¦-१९à¥à¥§ लगà¤à¤— दो वरष अधयापन। गरकल कांगड़ी विशवविदयालय से १९à¥à¥§ -à¥à¥¨ में म (वेद ) तथा १९à¥à¥© -à¥à¥ª में म (दरशन -शासतर )। सन १९८० में 'वेदों में योगविदया ' -विषय पर पी च डी परापत। अनसनधान करते ह दो वरष तक वहीं अधयापन।
लेखन - परकाशन :- वेदों में योग विदया गरनथ का विमोचन शरी बलराम जाखड़ , तथा चो o चरण सिंह दवारा। सारवदेशिक आरय परतिनिधि सà¤à¤¾ दवारा परसकृत।
गीत - कसमाञजलि - संसकृत गीतों कवितओं का लेखन वं संकलन।
योग -दरपण :- करियातमक योग की विधि वं परकरिया बताने वाली यह सचितर और परेरणापरद पसतक आपके हाथ में।
सनयास - दीकषा : सन १९८३ में , महरषि निरमाण शताबदी पर दिलली में आयोजित ऋषि -बलिदान समारोह में अपने दीकषा -गर सवामी सचचिदाननद सरसवती योगी दवारा सनयास गरहण कर योगेनदर कर योगेनदर परषारथी से दिवयाननद सरसवती बने।
जनसेवा - महामहिम सवामी सचचिदाननद सरसवती योगी दवारा संसथापित पातंजल योगधाम आरयनगर, जवालापर हरिदवार के संचालक , परधान। आपके नेतृतव में आशरम निरंतर परगति पर। देश के विà¤à¤¿à¤¨à¤¨ परांतो में सैंकड़ों योगशिवरों का निरदेशन। अनेक बृहद यजञों के बरहमा। सरवतर वैदिक विषयों पर अधयातमिक और परेरणादायक परवचनों से उतसाह का संचार। सवयं सवसथ रहकर सब को सवसथ रखने के लि शरदधा -चितर -समपरसाद -आननद , आहलाद, परसननता का वितरण।