: Grihasth
: Married
: Alive
: 03-07-1945
: Muzaffarnagar
: B 266 Saraswati Vihar

 à¤†à¤ªà¤•ा जन‍म ३ जलाई १९४५ को उततर-परदेश में मजफफरनगर जिले के क गराम में हआ।

      आपने व‍याकरणाचारय (गरकल ज‍जर), वेदालंकार (गरकल कांगड़ी), म. ., पी-च. डी. (दिल‍ली विश‍वविदयालय) की उपाधियां पराप‍त कीं।

      आप १९७३ से रामजस कॉलेज में रीडर (संस‍कृत विभाग) हैं।

      अध‍यापन के साथ-साथ वैदिक-सिदधान‍तों के परचार में भी रचि से संलग‍न हैं। दिल‍ली तथा बाहर आरयसमाजों वं अन‍य संस‍थाओं के वारषिकोत‍सवों, सम‍मेलनों में संयोजक, वकता, अध‍यकष आदि के रूप मं जाते रहते हैं। विश‍वविदयालयस‍तर पर भी शोध-गोष‍ठियों में जाते हैं।

      आपकी अनेक पस‍तकें परकाशित हो चकी हैं। जैसे-काशिका की हिन‍दी व‍याख‍या (क अध‍याय), काशिका का समालोचनात‍मक अध‍ययन, उपनिषदों में योग-विदया, क‍या अरथरववेद में जादू-टोना है, वेदों में क‍या है ?, वैदिक संस‍कृति वं आरयसमाज, विदरोही फकीर दयानन‍द, ध‍यान तथा उपासना, वैदिक दरशन, वेदों का तलनात‍मक अध‍ययन आदि।

      आपके लेखन, परचार आदि कारयों के लि उ. पर. संस‍कृत अकादमी वं अनेक समाजों तथा संस‍थाओं ने आपको सम‍मानित वं परस‍कृत किया है।

पता- बी. २६६ सरस‍वती बिहार, दिल‍ली-११००३४

       à¤¦à¥‚रभाष-(०११)-२७०११३१७