: Navin Chandra
: Sanyas
: Married
: Dead
: 01-08-1894
: Kaulagarh(2 Mile from Dehradun)
: 15-06-1969

Father :

Pandit Ram Chand

Mother :

Shrimati Yasho Devi

Spouse :

Shrimati Shushila Devi

 à¤†à¤ª आरयजगत के परसिदध वैदिक विदवान के रूप में विख‍यात हैं। इनके पूज‍य पिता ने इन‍हें स‍वामी शरदधानन‍द के चरणों में समरपित कर दिया आप बहत मेधावी थे। चौदह वरष तक आपने स‍वामी शरदधानन‍द जी के छतरछाया में रहकर वैदिकसाहित‍य का गहन अध‍ययन किया। पं. शालगराम जी से साहित‍य और पं. सूरयदेवजी से à¤¶à¤¤à¤ªà¤¥ बराहमणपढ़े। वे स‍वामी दयानन‍द को अपना गर मानते थे। आप संस‍कृत मातृभाषा की तरह बोल व लिख सकते थे वं आंग‍लभाषा पर भी पूरा अधिकार था।

      क परगल‍भ विदवान होने के साथ-साथ आप क बहत अच‍छे ओजस‍वी वक‍ता वं रहस‍योदधाटक लेखक भी थे। कवित‍व शक‍ति वं अलौकिक परतिभाने आपके आरयजगत में ही नहीं अपित भारतवरष के विदवन‍मण‍डल में चमक रखा था।

      आपने भाषणों, à¤¶à¤¾à¤¸‍तरारथों वं वैदिक साहित‍य के लेखन दवाराआरयजगत की बहत बड़ी सेवा की। वैदिक जगतआपके परभावशाली व‍यक‍तित‍व से संसार में गौरवान‍वित हआ।

      आप उच‍चकोटि के लेखक वं ओजस‍वी वक‍ता होने के साथ-साथ स‍वामी दयानन‍द जी दवारा परतिपादित वैदिक सिदधातों के परति अटूट निष‍ठावान तथा वैदिक आदरशों पर पूरी तरह से चलने वाले थे। आपने वरणाशरम व‍यवस‍था के अनरूप ही विधिवत, à¤¬à¤°à¤¹à¤®à¤šà¤¾à¤°à¤¯à¤¾à¤¶à¤°à¤®, à¤—ृहस‍थाशरम, à¤µà¤¾à¤¨à¤ªà¤°à¤¸‍थाशरम और संन‍यासाशरम की करमश: दीकषा ली। अनेक महतत‍वपूरण गरन‍थ रत‍न आपने संसार को दिये। पूजय स‍वामी जी ने गरकल परभात आशरम मेरठ की स‍थापना की। 


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