Acharya Pandit Chamupati

Father :
mehta Basandaram

Mother :
Shrimati Laxmi Devi

शरी पं. चमूपति जी आरयसमाज के परसिदध विदवान और परचारक थे। गरकल से उनका संबंध बहत पराना था। वे गरकल मलतान के मखयाधिषठाता बने थे और उस गरकल का संचालन करने में उनहें बड़ी सफलता मिली थी। आचारय रामदेव जी उनके गणों पर मगध होकर उनहें लाहौर ले आये थे और ‘दयाननद सेवा सदन’ का आजीवन सदसय बनने के लिये तैयार किया था। अनेक वरषों तक पणडित जी ने लाहौर में रहकर‘आरय’का संपादन किया। वकता और लेखक के रूप में आरयसमाज में उनकी खूब खयाति हई। संसकृत, अंगरेजी, हिनदी, उरदू à¤à¤¾à¤·à¤¾à¤“ं पर उनहें अधिकार परापत था।
ईसाईमत, इसलाम तथा आरय सिदधानतों का उनहें गमà¤à¥€à¤° जञान था। इनकी लेखनी में जादू तथा à¤à¤¾à¤·à¤£ में रस था।
गरकल कांगड़ी विशवविदयालय में १९३२ से १९३५ तक आचारयादि पद पर सशोà¤à¤¿à¤¤ रहे