: 01-03-1907
: Reeni, bijnore, Utter Pradesh

Father :

Shri Mohanlal

Mother :

Shrimati Mohini Devi

      परारम‍भिक शिकषा पूरी कर आप गरकल म. वि. ज‍वालापर में परविष‍ट ह। सन १९३३ में विदयासागर की उपाधि पराप‍त कर स‍नातक ह।

      म वि ज‍वालापर में आप अध‍यापक पद पर कारय करते रहे। हैदराबाद के आरय-सत‍यागरह में शरी लाला खशहालचन‍द जी खरसन‍द के साथ गलबरगा में गिरफतार किये गये। १८ मास पश‍चात जेल से मकत होने पर कई विदयालयों तथा म. वि. ज‍वालापर में अध‍यापन कारय करते रहे। नेहरू पारक माडल टाउन में आरय समाज मन‍दिर की स‍थापना करके ४० वरष अवैतनिक परोहित का कारय भी सफलता के साथ करते रहे। यमना नगर में दयानन‍द शिश पाठशाला का परारम‍भ किया। लगभग ५५ वरष शिकषण कारय किया। ५० हजार बच‍चों का आपके दवारा आदरश निरमाण हआ। यमना नगर पेपर मिल में भी ३० वरष सत‍संग लगाते रहे। आप बच‍चों के चरितर निरमाण में पूरा ध‍यान देते हैं। मधरता तथा नवीनता के कारण आपके परवचन सनने के लि भीड़ जमा होती है।

      आप अच‍छे वकता, कारयकरता, सफल-सातत‍विक अध‍यापक, उपदेशक तथा छातरों के चरितर निरमाता हैं। आय के दसवें दशक में भी उत‍साह पूरवक कारय करते हैं।