: Grihasth
: Married
: Dead
: 06-06-1951
: Vanvalnaghnath, Latur, Maharastra

Father :

Shri Shankardev Madhavrav Kapse

Mother :

Shrimati Pryag Bai

महाविदयालय ज‍वालापर), म. . (आगरा विश‍वविदयालय), शास‍तरी (भारतीय विदयाभवन मम‍बई), पी-च.डी. (अम‍बेडकर वि. विदयालय औरंगाबाद) की परीकषां उततीरण कीं।  

      आप नेताजी सभाषचन‍द बोस महाविदयालय नान‍देड़ में हिन‍दी विभागाध‍यकष वं पराध‍यापक के पद पर कारयरत हैं।

      शास‍तरी जी की स‍वामी दयानन‍द के जीवन और व‍यकतित‍व-विषयक गवेषणा में विशेष रचि है, जो कि वेदवाणी के दयानन‍द विशेषांकों में परकाशित उनके लेखों से जञात होती है। जैसे-ऋषि दयानन‍द को लिखा गया मराठी पतर (१९८३), विष‍णशास‍तरी की निन‍धमाला में ऋषि दयानन‍द विषयक संदरभ (अनवाद), ऋषिदयानन‍द के महाराष‍टरीय सहयोगी, स‍वामी दयानन‍द और दादा साहब खापरडेा पं. गोपालराव हरि की मराठी पस‍तक पं. स‍वामी शरीमद दयानन‍द सरस‍वती का हिन‍दी अनवाद किया, जो वेदवाणी के १९८२ के विशेषांक में परकाशित हआ। इसी परकार अन‍य घटनाओं का आप २० वरषों से अनवाद करके विभिन‍न पतरों में परकाशित करवाते रहे हैं। आपने बहत सी अनसंधान गोष‍ठियों में भी आलेख पढ़े हैं। जैसे-निजाम रियासत में विभिन‍न भाषाओं की स‍थिति, आरयसमाज और डॉ. भीमराव अम‍बेडकर, तथाकथित फलित ज‍योतिष पकषऔर विपकष, वेदों में वाययान सिदधान‍त व उसके अनपरयोग, सत‍यारथपरकाश और महाराष‍टर इत‍यादि।

      गोरकषा आन‍दोलन में आप तीन महीने कारावास में रहें।  à¤®à¤¹à¤¾à¤°à¤¾à¤·‍टर आरय परतिनिधिसभा के मखपतर वैदिक गरजना के सम‍पादक  à¤¥à¥‡