Pt Udayaveer Shastri

शकला10, 1941 , 6 1895
1904 1910 1915 1916 , , ‘’ ‘’ ‘’
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कौटलीय अरथशासतर (हिनदी रूपानतर) तीन खणडों में (नय-चनदरिका-कौटलीय अरथशासतर पर माधव यजवा लिखित टीका का समपादन। वागà¤à¤Ÿà¤¾à¤²à¤‚कार-संसकृत हिनदी वयाखया-(।शासतरीजी के दरशनशासतरों के वयाखयापरक तथा तिहासिक गवेषणापूरण गरनथों का विवरण इस परकार है-सांखय दरशन का इतिहास-विरजाननद वैदिक संसथान से परकाशित परथम संसकरण-(वि.। गरनथ की महतता इसी बात से अनमित होती है कि इस पर लेखक को निमन परसकार परापत ह-र. सेठहरजीमल डालमिया परसकारर. हिनदी साहितय सममेलन से मंगलापरसाद परसकारर. उततरपरदेशसरकार का परसकारर. बिहार राषटरà¤à¤¾à¤·à¤¾ परिषद का परसकार।सांखय सिदधानत (वि.)सांखयदरशन-विदयोदय à¤à¤¾à¤·à¤¯ (वि.)बरहमसूतर-विदयोदय à¤à¤¾à¤·à¤¯ (वि.)वेदानतदरशन का इतिहास (वि.)वैशैषिकदरशन-विदयोदय à¤à¤¾à¤·à¤¯ (वि.)नयासदरशन-विदयोदय à¤à¤¾à¤·à¤¯ (वि.)योगदरशन-विदयोदय à¤à¤¾à¤·à¤¯à¥¤à¤†à¤°à¤¯à¤¸à¤®à¤¾à¤œ सानताकरूज बमबई ने आपको में वेदवेदांग परसकार से सममानित किया था।वि. अ.-1986
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