: Jagaddev Naishthik
: Sanyas
: Single
: Alive
: 01-04-1956
: BarhaTha Chota ,Katni, MadhyaPradesh
: Arsh Gurukul Narmadapuram

Father :

Shree Vijay Singh

Mother :

Shrimati Janak Rani

 à¤†à¤ªà¤¨à¥‡ बी.. तक आधनिक शिकषा के पश‍चात सत‍यारथपरकाश के अध‍ययन से परेरणा पाकर १३/५/१९७६ को आरष गरकल होशंगाबाद में अध‍ययन परारम‍भ किया। गरकल कालवा वं बहालगढ़ में महाभाष‍य, निरकत आदि का अध‍ययन किया। सन १९८८ में आचारय बलदेव जी से नैष‍ठिक दीकषा ली। आरय वन रोजड़ से दरशनाचारय वं योगविशारद की उपाधि पराप‍त की।

      आप १/८/१९८८ से आरष-गरकल नरमदापरम, होशंगाबाद के पराचारय हैं।

      १४ अक‍टूबर २००१ से आरय पर. सभा म.पर., विदरभ वं छततीसगढ़ के परधान पद पर कारयरत हैं। साथ ही सारवदेशिक आरयवीरदल, नई दिल‍ली के उपपरधान संचालक; सारवदेशिक आरय परतिनिधि सभा के उपमन‍तरी वं विश‍वकल‍याण धरमारथ न‍यास दिल‍ली के न‍यासी हैं।

      वैदिक परचारारथ आपने कई आरय-समाजों की स‍थापना वं आरयवीरदल की चालीस शाखाओं का गठन करवाया। अनेक योगशिविर वं आरयवीर-परशिकषण शिविर आयोजित किये हैं। देश के १६ परान‍तों में वैदिक धरम का परचार किया। नैपाल मौरीशस आदि में भी परचार किया।

      आपकी वैदिक सिदधान‍तों वं करियात‍मक-योग के गूढ रहस‍यों को जानने-जनाने की विशेष रचि है।

      आपके अनेक शिष‍य भी परचार में संलग‍न हैं।

पता- आरष-गरकल, नरमदापरम, होशंगाबाद-४६९००१ (म.पर.)


Photo Gallery